नई दिल्ली: बढ़ती उम्र के साथ-साथ लोगों में जोड़ो से संबंधित समस्याएं बढ़ जाती हैं. अक्सर महिलाओं में उम्र 50 साल पार होने और पुरुषों में 60 साल से अधिक उम्र होने पर घुटनों में दर्द जैसी समस्या आम हो जाती है. कई बार यह समस्या इतनी बढ़ जाती है कि लोगों को जॉइंट रिप्लेसमेंट तक कराना पड़ता है. इस समय ज्वाइंट रिप्लेसमेंट में घुटनों का रिप्लेसमेंट सबसे ज्यादा हो रहा है.
अब घुटनों के रिप्लेसमेंट में कन्वेंशनल सर्जरी के अलावा एक नई तकनीक रोबोटिक सर्जरी भी जुड़ गई है. यह सर्जरी कन्वेंशनल सर्जरी की तुलना में रोबोटिक सर्जरी ज्यादा सटीक और मरीज की जल्दी रिकवरी करने में सहायक साबित हो रही है. उन्होंने बताया कि रोबोट की सहायता से सर्जरी करने में एकदम सटीक चीरा लगता है, जितने पार्ट को काटने की जरूरत होती है उतना ही कटता है. बिल्कुल भी फालतू या ज्यादा भाग नहीं कटता है, जिससे ब्लड बहुत कम निकलता है और इसकी वजह से ही मरीज की बहुत तेजी से रिकवरी होती है.
एक साल में 800 मरीजों ने कराई जॉइंट रिप्लेसमेंट रोबोटिक सर्जरी
एक साल के अंदर 800 मरीजों की रोबोटिक सर्जरी करने वाले डॉक्टर साइमन थॉमस ने बताया कि आज के समय में लोगों का रुझान इलाज के प्रति ज्यादा बढ़ गया है. बड़े शहरों में जागरूक लोग घुटनों की समस्या बहुत ज्यादा बढ़ने पर अच्छी संख्या में ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी करा रहे हैं, जिसमें लोग एक घुटना या दोनों घुटनों की अपनी समस्या के अनुसार सर्जरी करा रहे हैं. अब घुटनों की सर्जरी में सबसे ज्यादा रोबोटिक सर्जरी का इस्तेमाल हो रहा है, जिसमें लोगों को अस्पताल में भी बहुत कम समय बिताना होता है और उनकी रिकवरी भी बहुत तेजी से होती है.

डॉक्टर साइमन ने बताया कि अगर किसी के एक घुटने की ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी होती है तो उसको दूसरे या तीसरे दिन अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है और अगर दोनों घुटनों की ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी होती है तो उसको तीसरे चौथे दिन छुट्टी मिल जाती है. ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी वाले दिन से ही मरीज अपनी दैनिक कार्य वॉशरूम आना जाना सब खुद से कर लेता है. उन्होंने बताया कि एक उम्र के बाद लोगों में जोड़ों की समस्या होना आम बात है. यह समस्या भी दिनचर्या ठीक ना रहने और खानपान ठीक न होने के कारण ही बढ़ती है.
50 साल की उम्र के बाद महिलाओं में बढ़ जाता है ओस्टियोपोरोसिस का खतरा
डॉ. साइमन ने बताया कि लोगों को घुटनों की समस्या का सामना न करना पड़े. इसके लिए अपने खान-पान प्रोटीन और कैल्शियम की डाइट पर ध्यान देना चाहिए. टहलने और वर्कआउट करने पर विशेष ध्यान देना चाहिए. प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फैट की उचित मात्रा लेनी चाहिए. डॉ साइमन ने बताया कि 50 साल की उम्र के बाद महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों की कमजोरी) की समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है. इसलिए 50 साल के बाद महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए. कैल्शियम की मात्रा लेती रहनी चाहिए, जिससे उनके घुटनों के ऑपरेशन की नौबत नहीं आएगी. इसके अलावा ऑस्टियोपोरोसिस के लिए जरूरी दवाइयां होती हैं वह लेनी चाहिए. थोड़े से भी लक्षण दिखने पर अपनी गायनी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. इस तरह से हम अपने जोड़ों का ध्यान रख सकते हैं और ज्वाइंट रिप्लेसमेंट की स्थिति को टाल सकते हैं.
रोबोटिक सर्जरी कराने वाले मरीजों ने खुश होकर साझा किया अनुभव
घुटनों की सर्जरी में रोबोटिक सर्जरी काफी प्रभावशाली साबित हो रही है. इससे मरीजों को भी काफी आराम और लाभ मिल रहा है. मरीजों ने खुद अपनी ज्वाइंट रिप्लेसमेंट रोबोटिक सर्जरी के अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्हें सर्जरी के बाद काफी आराम मिला है और वह नॉर्मल लाइफ जी रहे हैं. दिल्ली की रहने वाली रमा सेठ ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2021 में अपनी हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी रोबोटिक सर्जरी के माध्यम से कराई थी. सर्जरी के तुरंत बाद से ही मैं खुद से वॉशरूम आना जाना कर लेती थी. हिप रिप्लेसमेंट के कुछ महीने बाद ही एक घुटने की ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी रोबोटिक सर्जरी कराई. फिर धीरे-धीरे सब कुछ सामान्य हो गया और अब अपने किचन का काम, घर के काम, बाजार का काम और अन्य सभी काम खुद से कर लेती हूं.
ज्वाइंट रिप्लेसमेंट रोबोटिक सर्जरी के बाद अभी तक उन्हें जोड़ों से संबंध कोई भी समस्या नहीं हुई ना ही कभी कोई दर्द हुआ. वही 77 वर्षीय दिल्ली निवासी कमल कुमार ने बताया कि उन्होंने 10 साल पहले अपनी दोनों घुटनों की ज्वाइंट रिप्लेसमेंट रोबोटिक सर्जरी कराई थी. उसके बाद से अभी तक वह एकदम नॉर्मल लाइफ जी रही हैं. सर्जरी के तुरंत बाद ही अपने सभी दैनिक कामों खुद से करने लगी और कुछ दिन तक ही उन्हें छड़ी से जलने की जरूरत पड़ी. उसके बाद छड़ी से चलना छोड़ दिया. अभी तक कोई समस्या नहीं है. हर जगह अकेले आना जाना, घूमना फिरना, रसोई का काम, घर का काम खुद से कर लेती हैं. सर्जरी के बाद से घुटनों से संबंधित अभी तक कोई समस्या नहीं हुई है. घुटनों की ज्वाइंट रिप्लेसमेंट रोबोटिक सर्जरी कराने वाले 200 से ज्यादा मरीज मैक्स अस्पताल द्वारा सिविल लाइंस दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में उपस्थित हुए और उन्होंने अपने अनुभव साझा किए.
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