पेनुकोंडा: आंध्र प्रदेश के श्री सत्य साईं जिला में KIA मोटर्स प्लांट से बड़े पैमाने पर कार इंजन की चोरी का रैकेट सामने आया है. एक गिरोह ने कथित तौर पर पिछले चार वर्षों में 900 से अधिक कार इंजनों की तस्करी की, जिनकी अनुमानित कीमत 20 करोड़ रुपये से अधिक है. केआईए के प्रबंधन द्वारा दर्ज करायी गयी शिकायत के बाद, पेनुकोंडा पुलिस ने जांच शुरू की, जिसमें चौंकाने वाले विवरण सामने आए हैं.
कैसे करते थे चोरीः अधिकारियों के अनुसार, प्लांट में पूर्व में कार्यरत इंजीनियर विनायकमूर्ति ने चोरी की साजिश रचने में मुख्य भूमिका निभाई. उसने कथित तौर पर फर्जी चालान की व्यवस्था की और फैक्ट्री के रॉयल रोड गेट के माध्यम से विशेष ट्रकों में चोरी किए गए डीजल और पेट्रोल इंजनों के परिवहन की सुविधा प्रदान की. चोरी किए गए इंजनों को कथित तौर पर दिल्ली, चेन्नई और बेंगलुरु जैसे शहरों में ले जाया जाता था, जहां उन्हें अवैध चैनलों के जरिए बेचा जाता था.
मुख्य आरोपी हिरासत मेंः पुलिस अधिकारियों ने बताया कि विनायकमूर्ति ने हाल ही में KIA मोटर्स से इस्तीफा देकर चेन्नई की एक कंपनी में नौकरी कर ली थी. माना जा रहा है कि उसके जाने के बाद पुंगनुरु के उसके सहयोगी पाटन सलीम ने रैकेट को संभाल लिया. सुरागों के आधार पर पुलिस ने विनायकमूर्ति, सलीम और चेन्नई के कई पूर्व कर्मचारियों को ट्रैक करके गिरफ्तार कर लिया. आठ आरोपियों को पेनुकोंडा मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जहां से 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
नेटवर्क की जा रही जांचः पुलिस का मानना है कि गिरोह कई चरणों में काम करता था. चोरी किए गए इंजनों को पहले चेन्नई ले जाया जाता था, जहां से रैकेट के अन्य गुर्गे स्थानीय बिक्री और फिर दिल्ली और बेंगलुरु ले जाने का काम संभालते थे. पुलिस अब खरीदारों की पहचान करने की कोशिश कर रही है. साथ ही, इसकी भी जांच कर रही है कि इन 900 इंजनों का इस्तेमाल कैसे और कहां किया गया. अधिकारियों का कहना है कि वे अन्य राज्यों में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ काम कर रहे हैं. आयकर और जीएसटी विभागों को भी इसमें शामिल किया जा सकता है.
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