पथानामथिट्टा: केरल के सबरीमला में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. बढ़ती भीड़ को देखते हुए देवस्वोम बोर्ड ने सबरीमला में फ्लाईओवर दर्शन प्रणाली को हटाने की घोषणा की. जिससे, तीर्थयात्रियों को सीधे दर्शन की सुविधा मिल सकेगी. नई प्रणाली को 14 मार्च से मीनामासा पूजा के उद्घाटन के साथ लागू किया गया. लेकिन, प्रत्यक्ष दर्शन प्रणाली के ट्रायल रन में भीड़ बढ़ने के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.
रविवार सुबह भीड़ बढ़ने के साथ ही केरल पुलिस और देवस्वोम बोर्ड के अधिकारियों ने माना कि नई व्यवस्था अकेले भक्तों की बढ़ती संख्या को समायोजित नहीं कर सकती. यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं कि अधिक से अधिक भक्तों को दर्शन का भरपूर अनुभव मिल सके. देवस्वओम बोर्ड के अध्यक्ष पी.एस. प्रशांत ने बताया, "श्रद्धालुओं को अच्छे तरीके से दर्शन उपलब्ध कराने वाली व्यवस्था तभी संभव है, जब भीड़ कम हो."
उन्होंने कहा कि जब भीड़ अधिक होगी, तो पुरानी और नई दर्शन प्रणाली दोनों का एक साथ उपयोग किया जाएगा. देवस्वोम बोर्ड ने पहले कहा था कि यदि नई प्रणाली का परीक्षण सफल साबित होता है, तो इसे आगामी विशु पूजा और मंडला मकरविलक्कू तीर्थयात्रा के दौरान लागू किया जाएगा. पुलिस और देवस्वोम बोर्ड के अधिकारी परीक्षण चरण के दौरान स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं.
नई व्यवस्था के तहत श्रद्धालु ध्वजस्तंभ के नीचे से दो कतारों के माध्यम से मंदिर तक पहुंच सकते हैं, जिससे उन्हें अयप्पा की मूर्ति का सीधा दर्शन मिलता है. इससे भक्तों को अधिक आराम से दर्शन का मौका मिलता है, जो पारंपरिक प्रणाली द्वारा प्रदान किए गए चार-पांच सेकंड की तुलना में 20 से 25 सेकंड के बीच रहता है. फ्लाईओवर का उपयोग करने वालों को लंबी कतार से गुजरना पड़ता है.
सबरीमला मास्टर प्लान के तहत प्रत्यक्ष दर्शन प्रणाली को लागू करने पर चर्चा पिछले तीर्थयात्रा सत्र से ही चल रही है. तंत्री (मुख्य पुजारी) और केरल उच्च न्यायालय की अनुमति से इसका ट्रायल रन किया जा रहा है. मीनामासा पूजा पूरी होने के बाद 19 मार्च को रात 10 बजे मंदिर बंद हो जाएगा.
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