तिरुवनंतपुरम: केरल पुलिस ने पिछले महीने तट के पास डूबे लाइबेरियाई जहाज एमएससी एल्सा 3 के मालिक, मास्टर और चालक दल के खिलाफ 19वें दिन लापरवाही से नौवहन करने का बुधवार को मामला दर्ज किया है. फोर्ट कोच्चि कोस्टल पुलिस ने अलझुपा जिले के सी शामजी की शिकायत पर एमएससी शिपिंग कंपनी के मालिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. मामले में शिप मास्टर दूसरे आरोपी हैं.
फोर्ट कोच्चि कोस्टल थाने द्वारा दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि मालिकों, मास्टर और चालक दल ने ज्वलनशील और खतरनाक सामग्री ले जा रहे जहाज को लापरवाही से संभाला, जिसके कारण 24 मई को अलपुझा जिले के पास समुद्र में यह डूब गया.
इसमें यह भी कहा गया है कि समुद्र में बहे माल से पर्यावरण और क्षेत्र के मछुआरा समुदाय की आजीविका पर असर पड़ा, जिससे उन्हें लाखों रुपये का नुकसान हुआ.
पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 282 (जहाज को लापरवाही से चलाना), 285 (सार्वजनिक मार्ग या नौवहन में बाधा या खतरा पैदा करना), 286 (जहरीले पदार्थ के संबंध में लापरवाही), 287 (अग्नि या ज्वलनशील पदार्थ के संबंध में लापरवाही), 288 (विस्फोटक पदार्थ के संबंध में लापरवाही) और 3(5) के तहत प्राथमिकी दर्ज की.
राज्य सरकार का कहना था कि इस घटना में कोई मामला दर्ज नहीं किया जाना चाहिए तथा कंपनी पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए. एफआईआर में बताया गया है कि जहाज के कंटेनरों से हानिकारक प्लास्टिक कचरे और अन्य सामान को समुद्र में छोड़े जाने से पारंपरिक मछली पकड़ने के क्षेत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा और मछुआरों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ.
फोर्ट कोच्चि तटीय पुलिस के इंस्पेक्टर टी एस शिवकुमार इस मामले की जांच के प्रभारी हैं. बता दें कि लाइबेरियाई जहाज एमएससी एल्सा 24 मई को केरल तट से 38 समुद्री मील दूर अरब सागर में डूब गया था. दुर्घटना के तुरंत बाद कैप्टन समेत सभी 24 क्रू सदस्यों को बचा लिया गया था. वहीं जहाज के कंटेनर और प्लास्टिक लगातार दक्षिणी केरल के तटों पर बहकर आ रहे हैं. सरकार ने भी जहाज़ दुर्घटना को राज्य आपदा घोषित कर दिया है.
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