मलप्पुरम: कर्नाटक के मंगलुरु में भीड़ ने केरल के वायनाड निवासी 45 वर्षीय व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी. उसके शव घरवालों को सौंप दिए गए. घरवाले उसे मानसिक रोगी बता रहे हैं.
वायनाड निवासी पीड़ित अशरफ पर 27 अप्रैल को भीड़ ने बत्रा कल्लुर्थी मंदिर के पास कुडुपु में हमला कर मार डाला. ये हमला उस वक्त हुआ, जब वहां स्थानीय क्रिकेट मैच चल रहा था. इस दौरान अशरफ पर पाकिस्तान को लेकर नारेबाजी का आरोप था.
कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद अशरफ के भाई जब्बार को मंगलुरु में अशरफ की डेडबॉडी सौंप दी गई. उसका अंतिम संस्कार मलप्पुरम के वेंगारा में पारापुर मुस्लिम कब्रिस्तान में होगा. अशरफ के भाई जब्बार ने बताया कि वो कई सालों से मानसिक बीमारी से पीड़ित था. इसके चलते उसका कई मनोरोग अस्पतालों में इलाज चल रहा था. उन्होंने कहा, 'वह बीमार और कमजोर था. उसके साथ जो किया गया वह क्रूर और अमानवीय था. हम न्याय चाहते हैं.'
शुरुआती रिपोर्टों के मुताबिक, क्रिकेट मैच के दौरान अशरफ द्वारा कथित तौर पर "पाकिस्तान जिंदाबाद" के नारे लगाने के बाद भीड़ हिंसक हो गई. इस मॉब लिंचिंग को लेकर कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा कि कथित तौर पर इसी नारेबाजी को लेकर अशरफ पर हमला हुआ. उधर पीड़ित के मानसिक रूप से बीमार होने की खबर फैलने पूरे देशभर में आक्रोश फैल गया. मंगलुरु पुलिस आयुक्त का कहना है कि स्थानीय युवक सचिन ने ही मूल रूप से अशरफ पर हमला किया था.
बताते हैं कि इस दौरान दोनों के बीच हाथापाई हुई. उसके बाद भीड़ हमलावर हो गई. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हमलावरों ने अशरफ को लात-घूंसे और डंडों से पीटा. कुछ लोगों ने उन्हें रोकने की कोशिश करने के बावजूद ये हमला जारी रहा. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अशरफ के शरीर और सिर पर गंभीर चोटें लगने की बात सामने आई है. रिपोर्ट में अशरफ के शरीर आंतरिक रक्तस्राव का भी उल्लेख है. इस रक्तस्राव की वजह से ही मौत हुई. उधर अब तक, लिंचिंग के सिलसिले में 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. कर्नाटक के गृह मंत्री के मुताबिक मामले को भीड़ हिंसा के रूप में दर्ज किया गया है.
इस बीच, सीपीएम ने दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं पर हमले की साजिश रचने का आरोप मढ़ा है. साथ ही उन पर हमले का राजनीतिकरण और सांप्रदायिकरण करने का आरोप लगाया है. नेताओं, नागरिक समाज के सदस्यों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने पूरे केरल में इस हत्याकांड की निंदा करते हुए उचित जांच और इसमें शामिल सभी लोगों के लिए कड़ी सजा की मांग की है.
वहीं एक संदिग्ध नारे की वजह से मानसिक रूप से विकलांग व्यक्ति की क्रूर हत्या ने भीड़ के न्याय और सिस्टम की विफलता को लकेर राष्ट्रीय बहस छेड़ दी है.
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