एर्नाकुलम: केरल हाईकोर्ट ने तामारसेरी शाहबाज हत्याकांड में आरोपी छह छात्रों को जमानत दे दी है. न्यायालय ने कई शर्तें रखी जिनमें छात्रों को जांच में सहयोग करना होगा. साथ ही आपराधिक छवि वाले व्यक्तियों से दूर होगा. न्यायमूर्ति बेचू कुरियन थॉमस की अध्यक्षता वाली एकल पीठ ने जमानत मंजूर की.
प्रत्येक आरोपी को 50,000 रुपये का बॉन्ड भरना होगा. अदालत ने यह भी आदेश दिया कि छात्रों को गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे. इसके अलावा आपराधिक गतिविधियों में शामिल नहीं होंगे. साथ ही देश नहीं छोड़ने पर रोक लगाया गया है. आरोपी छात्रों के माता-पिता को हलफनामा पेश करने के लिए कहा गया. इनमें उनसे यह वचन लिया गया कि उनके बच्चे जांच में सहयोग करेंगे और सभी शर्तों का पालन करेंगे. अदालत ने यह भी कहा कि छात्रों को निगरानी गृह में रखना किशोर न्याय अधिनियम के विरुद्ध है.
इससे पहले निचली अदालत ने छात्रों को जमानत देने से इनकार कर दिया था. यह घटना 28 फरवरी को एक ट्यूशन सेंटर में हुई बहस के बाद हुई जो हिंसक झड़प में बदल गई और शाहबाज की मौत हो गई. मौत का कारण पीछे से सिर पर लगी चोट थी.
शाहबाज के सिर पर 'ननचुक' नामक हथियार से वार किया गया था. वह घर लौटने में कामयाब रहा, लेकिन जल्द ही बेहोश हो गया. उसके माता-पिता उसे पहले थमारसेरी के एक अस्पताल में ले गए और बाद में उसे कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया. वेंटिलेटर पर रखे जाने के बावजूद, वह केवल एक दिन ही जीवित रहा. इससे पहले, अदालत ने आरोपी छात्रों को शिक्षा के उनके अधिकार पर विचार करते हुए प्लस वन (ग्रेड 11) प्रवेश प्रक्रिया में शामिल होने के लिए एक दिन का समय दिया था.