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केरल HC के निर्देश पर मालवाहक जहाजरानी कंपनी ने 5.97 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि जमा की - KERALA COASTAL SHIP ACCIDENT

मेडिटेरेनियन शिपिंग कंपनी ने केरल एचसी को बताया कि उसने एमएससी एल्सा-3 दुर्घटना के लिए 5.97 करोड़ रुपये जमा कर दिए हैं.

Kerala High Court
केरल हाई कोर्ट (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : June 16, 2025 at 5:51 PM IST

2 Min Read

एर्नाकुलम: मेडिटेरेनियन शिपिंग कंपनी (MSC) ने केरल हाई कोर्ट को सूचित किया है कि उसने केरल तट पर MSC एल्सा3 जहाज से जुड़ी दुर्घटना के संबंध में 5.97 करोड़ रुपये की राशि जमा कर दी है.

यह कार्रवाई पांच कार्गो मालिकों द्वारा दायर याचिका के जवाब में की गई है, जिन्हें समुद्री घटना के कारण नुकसान उठाना पड़ा था. हाई कोर्ट ने निर्देश दिया है कि जमा की गई राशि को एक वर्ष के लिए राष्ट्रीयकृत बैंक में सावधि जमा में परिवर्तित किया जाए.

इससे पहले, याचिका की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कंपनी के स्वामित्व वाले एक अन्य जहाज एमएससी मनसा एफ को हिरासत में लेने का आदेश दिया था. कोर्ट ने पहले फैसला सुनाया था कि जब तक डिमांड ड्राफ्ट (DD) प्रस्तुत नहीं किया जाता है, तब तक जहाज को नहीं छोड़ा जाना चाहिए.

इस निर्देश के बाद शिपिंग कंपनी ने यह राशि जमा करा दी. हाईकोर्ट इन याचिकाओं पर फिर से विचार करेगा. स्मरण रहे कि लाइबेरियाई मालवाहक जहाज MSC एल्सा-3 24 मई को दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. यह घटना अलपुझा में थोट्टापल्ली से लगभग 14.6 समुद्री मील तथा कोच्चि से 40 समुद्री मील दूर हुई थी.

हाई कोर्ट ने पहले एक अन्य एमएससी जहाज को हिरासत में लेने का आदेश दिया था, जो कोच्चि तट पर डूबे जहाज का ओनर था. इस बीच, डूबे हुए जहाज के संबंध में फोर्ट कोच्चि तटीय पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) की अपर्याप्तता के बारे में शिकायत उठाई गई है.

शिकायत में आरोप लगाया गया है कि जो मामला पर्यावरण कानूनों के तहत दर्ज होना चाहिए था, उसमें केवल कमजोर धाराओं के साथ मामला दर्ज किया गया है. अलपुझा के पुरक्कड़ निवासी प्रवीण ने यह शिकायत डीजीपी और एडीजीपी को सौंपी है.

ये भी पढ़ें- MSC एल्सा3 जहाज दुर्घटना में पुलिस ने मामला दर्ज किया, कंपनी मालिक पहले और कप्तान दूसरे आरोपी

एर्नाकुलम: मेडिटेरेनियन शिपिंग कंपनी (MSC) ने केरल हाई कोर्ट को सूचित किया है कि उसने केरल तट पर MSC एल्सा3 जहाज से जुड़ी दुर्घटना के संबंध में 5.97 करोड़ रुपये की राशि जमा कर दी है.

यह कार्रवाई पांच कार्गो मालिकों द्वारा दायर याचिका के जवाब में की गई है, जिन्हें समुद्री घटना के कारण नुकसान उठाना पड़ा था. हाई कोर्ट ने निर्देश दिया है कि जमा की गई राशि को एक वर्ष के लिए राष्ट्रीयकृत बैंक में सावधि जमा में परिवर्तित किया जाए.

इससे पहले, याचिका की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कंपनी के स्वामित्व वाले एक अन्य जहाज एमएससी मनसा एफ को हिरासत में लेने का आदेश दिया था. कोर्ट ने पहले फैसला सुनाया था कि जब तक डिमांड ड्राफ्ट (DD) प्रस्तुत नहीं किया जाता है, तब तक जहाज को नहीं छोड़ा जाना चाहिए.

इस निर्देश के बाद शिपिंग कंपनी ने यह राशि जमा करा दी. हाईकोर्ट इन याचिकाओं पर फिर से विचार करेगा. स्मरण रहे कि लाइबेरियाई मालवाहक जहाज MSC एल्सा-3 24 मई को दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. यह घटना अलपुझा में थोट्टापल्ली से लगभग 14.6 समुद्री मील तथा कोच्चि से 40 समुद्री मील दूर हुई थी.

हाई कोर्ट ने पहले एक अन्य एमएससी जहाज को हिरासत में लेने का आदेश दिया था, जो कोच्चि तट पर डूबे जहाज का ओनर था. इस बीच, डूबे हुए जहाज के संबंध में फोर्ट कोच्चि तटीय पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) की अपर्याप्तता के बारे में शिकायत उठाई गई है.

शिकायत में आरोप लगाया गया है कि जो मामला पर्यावरण कानूनों के तहत दर्ज होना चाहिए था, उसमें केवल कमजोर धाराओं के साथ मामला दर्ज किया गया है. अलपुझा के पुरक्कड़ निवासी प्रवीण ने यह शिकायत डीजीपी और एडीजीपी को सौंपी है.

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