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केरल में प्रेमी की सनसनीखेज हत्या का मामला, अदालत ने युवती को दोषी ठहराया - MURDER CASE OF BOYFRIEND

केरल की एक अदालत ने प्रेमी शेरोन राज की 2022 में हुई सनसनीखेज हत्या के मामले में मुख्य आरोपी एक युवती को दोषी करार दिया.

Kerala court
प्रतीकात्मक तस्वीर (Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : January 17, 2025 at 6:58 PM IST

2 Min Read

तिरुवनंतपुरम: केरल की एक अदालत ने शुक्रवार को प्रेमी की हत्या के मामले में 24 साल की युवती को दोषी ठहराया है. नेय्याट्टिनकारा एडिशनल सेशन कोर्ट ने युवती के चाचा निर्मलकुमारन नायर को भी सबूत नष्ट करने का दोषी पाया है. वहीं, दूसरी आरोपी युवती की मां सिंधु को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया.

सेशन कोर्ट के जज ए एम बशीर ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सजा की अवधि शनिवार को सुनाई जाएगी. युवती (ग्रीष्मा) को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी पाया गया, जिसमें हत्या (धारा 302) भी शामिल है, जबकि उसके चाचा को आईपीसी की धारा 201 के तहत दोषी ठहराया गया.

अभियोजन पक्ष के अनुसार, मुख्य आरोपी ने 14 अक्टूबर, 2022 को तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले के रामवर्मनचिरई स्थित अपने घर पर शेरोन को बहला-फुसलाकर बुलाया और उसे जहर दे दिया. 23 साल के शेरोन की 11 दिन बाद, 25 अक्टूबर को एक अस्पताल में कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया, जिसके कारण उसकी मौत हो गई.

विशेष लोक अभियोजक वी एस विनीत कुमार ने कहा कि, लड़की ने हत्या की साजिश तब रची थी, जब उसके प्रेमी शेरोन ने नागरकोइल के एक सैन्यकर्मी से अपनी शादी तय होने के बाद उसके साथ संबंध खत्म करने से इनकार कर दिया था. उसके बाद उसने प्रेमी को जान से मारने की साजिश रची. उसने पहले भी फलों के रस में दवाई की गोलियां मिलाकर शेरोन को जहर देने का प्रयास किया था.

हालांकि, कड़वे स्वाद के कारण शेरोन ने इसे पीने से इनकार कर दिया. जिसके कारण हत्या के पहले प्रयास में उसकी जान बच गई थी. कुमार ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने अपराध को साबित करने के लिए परिस्थितिजन्य, डिजिटल और वैज्ञानिक साक्ष्यों पर भरोसा किया.

ये भी पढ़ें: केरल उच्च न्यायालय ने यौन उत्पीड़न मामले में बॉबी चेम्मनूर की जमानत याचिका मंजूर की

तिरुवनंतपुरम: केरल की एक अदालत ने शुक्रवार को प्रेमी की हत्या के मामले में 24 साल की युवती को दोषी ठहराया है. नेय्याट्टिनकारा एडिशनल सेशन कोर्ट ने युवती के चाचा निर्मलकुमारन नायर को भी सबूत नष्ट करने का दोषी पाया है. वहीं, दूसरी आरोपी युवती की मां सिंधु को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया.

सेशन कोर्ट के जज ए एम बशीर ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सजा की अवधि शनिवार को सुनाई जाएगी. युवती (ग्रीष्मा) को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी पाया गया, जिसमें हत्या (धारा 302) भी शामिल है, जबकि उसके चाचा को आईपीसी की धारा 201 के तहत दोषी ठहराया गया.

अभियोजन पक्ष के अनुसार, मुख्य आरोपी ने 14 अक्टूबर, 2022 को तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले के रामवर्मनचिरई स्थित अपने घर पर शेरोन को बहला-फुसलाकर बुलाया और उसे जहर दे दिया. 23 साल के शेरोन की 11 दिन बाद, 25 अक्टूबर को एक अस्पताल में कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया, जिसके कारण उसकी मौत हो गई.

विशेष लोक अभियोजक वी एस विनीत कुमार ने कहा कि, लड़की ने हत्या की साजिश तब रची थी, जब उसके प्रेमी शेरोन ने नागरकोइल के एक सैन्यकर्मी से अपनी शादी तय होने के बाद उसके साथ संबंध खत्म करने से इनकार कर दिया था. उसके बाद उसने प्रेमी को जान से मारने की साजिश रची. उसने पहले भी फलों के रस में दवाई की गोलियां मिलाकर शेरोन को जहर देने का प्रयास किया था.

हालांकि, कड़वे स्वाद के कारण शेरोन ने इसे पीने से इनकार कर दिया. जिसके कारण हत्या के पहले प्रयास में उसकी जान बच गई थी. कुमार ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने अपराध को साबित करने के लिए परिस्थितिजन्य, डिजिटल और वैज्ञानिक साक्ष्यों पर भरोसा किया.

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