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कभी मां के साथ समुद्र किनारे बीनता था प्लास्टिक, आज उसी कचरे से छाप रहा 'नोट' - EARNING FROM PLASTIC WASTE

एक बच्चा जो अपनी मां के साथ बीच पर प्लास्टिक कचरा इकट्ठा करता था, आज उसी प्लास्टिक कचरे से फर्नीचर बनाकर बेच रहा है.

earning from plastic waste
कंपनी के सह-संस्थापक. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : April 13, 2025 at 7:43 PM IST

3 Min Read

कोच्चि: जब बात पर्यावरण बचाने की आती है, तो प्लास्टिक कचरा सबसे बड़ी चुनौती है. लेकिन कोच्चि की एक स्टार्टअप 'कार्बन और व्हेल' इस कचरे को खजाने में बदल रही है. 2022 में शुरू हुई इस कंपनी ने 10 हजार टन प्लास्टिक कचरे से मजबूत और सुंदर फर्नीचर बनाकर 5 करोड़ रुपये की कमाई की है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह न सिर्फ पर्यावरण के लिए अच्छा है, बल्कि बिजनेस का नया मॉडल भी पेश करता है.

कहां से आया बिजनेस आइडियाः कंपनी के सह-संस्थापक सिद्धार्थ की प्रेरणा उनके बचपन से मिली. वो अपनी मां के साथ संखुमुखम बीच पर प्लास्टिक कचरा इकट्ठा करते थे. लेकिन इस सपने को हकीकत में बदलना आसान नहीं था. उनके पार्टनर एल्विन, जो एक मल्टीनेशनल कंपनी में सात साल काम कर चुके थे, ने बताया कि शुरुआत में न पैसा था, न कोई मदद. एल्विन कहते हैं, "प्लास्टिक से कुछ बनाना आसान नहीं था." फिर भी, "कचरे से कीमत निकालने" के जुनून ने उन्हें आगे बढ़ाया.

दुबई में माल बेचने की तैयारीः आज कंपनी न सिर्फ भारत में नाम कमा रही है, बल्कि दुबई जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी कदम रखने की तैयारी कर रही है. सिद्धार्थ के लिए यह सफर तय करना आसान नहीं था. पहला कदम कोच्चि में इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स टेक्नोलॉजी कैंपस में कंपनी का कार्यालय स्थापित करना था. शुरुआती संघर्षों के बावजूद, कंपनी ने धीरे-धीरे गति पकड़ी. खासकर फर्नीचर की एक लाइन शुरू करने के बाद जिसमें रीसाइकिल प्लास्टिक से बने बेंच और स्टूल शामिल थे.

कैसे लोगों तक पहुंचाया उत्पादः बाजार ने शुरू में बहुत कम रुचि दिखाई, लेकिन टीम ने अपने उत्पादों का विज्ञापन करने का एक रचनात्मक तरीका खोज निकाला. जन जागरूकता अभियान के तहत कोच्चि मेट्रो स्टेशनों पर मुफ़्त सीटें लगाना, शामिल था. इसने कोचीन स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का ध्यान आकर्षित किया, जो बाद में सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए इस उद्यम में शामिल हो गया.

एल्विन ने कहा, "सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग के शोधकर्ता सूरज वर्मा ने हमारे विचारों को व्यवहार्य उत्पादों में ढालने में मदद करने के लिए आवश्यक तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान किया." वर्मा अब कार्बन और व्हेल के तकनीकी सलाहकार के रूप में काम करते हैं. कंपनी के उत्पाद, जिनकी आयु 15 से 20 वर्ष है. इनमें आउटडोर फर्नीचर और अन्य टिकाऊ विकल्प शामिल हैं.

कंपनी की कमाई बढ़ीः कंपनी की आय 2022-23 में 69,000 रुपये से बढ़कर पिछले वित्तीय वर्ष में 5 करोड़ रुपये हो गई. कार्बन एंड व्हेल के ग्राहकों में हाई-प्रोफाइल कंपनियां शामिल हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार की योजना के साथ, कंपनी टिकाऊ उत्पाद बाजार में वैश्विक प्रभाव डालने के लिए तैयार है.

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कोच्चि: जब बात पर्यावरण बचाने की आती है, तो प्लास्टिक कचरा सबसे बड़ी चुनौती है. लेकिन कोच्चि की एक स्टार्टअप 'कार्बन और व्हेल' इस कचरे को खजाने में बदल रही है. 2022 में शुरू हुई इस कंपनी ने 10 हजार टन प्लास्टिक कचरे से मजबूत और सुंदर फर्नीचर बनाकर 5 करोड़ रुपये की कमाई की है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह न सिर्फ पर्यावरण के लिए अच्छा है, बल्कि बिजनेस का नया मॉडल भी पेश करता है.

कहां से आया बिजनेस आइडियाः कंपनी के सह-संस्थापक सिद्धार्थ की प्रेरणा उनके बचपन से मिली. वो अपनी मां के साथ संखुमुखम बीच पर प्लास्टिक कचरा इकट्ठा करते थे. लेकिन इस सपने को हकीकत में बदलना आसान नहीं था. उनके पार्टनर एल्विन, जो एक मल्टीनेशनल कंपनी में सात साल काम कर चुके थे, ने बताया कि शुरुआत में न पैसा था, न कोई मदद. एल्विन कहते हैं, "प्लास्टिक से कुछ बनाना आसान नहीं था." फिर भी, "कचरे से कीमत निकालने" के जुनून ने उन्हें आगे बढ़ाया.

दुबई में माल बेचने की तैयारीः आज कंपनी न सिर्फ भारत में नाम कमा रही है, बल्कि दुबई जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी कदम रखने की तैयारी कर रही है. सिद्धार्थ के लिए यह सफर तय करना आसान नहीं था. पहला कदम कोच्चि में इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स टेक्नोलॉजी कैंपस में कंपनी का कार्यालय स्थापित करना था. शुरुआती संघर्षों के बावजूद, कंपनी ने धीरे-धीरे गति पकड़ी. खासकर फर्नीचर की एक लाइन शुरू करने के बाद जिसमें रीसाइकिल प्लास्टिक से बने बेंच और स्टूल शामिल थे.

कैसे लोगों तक पहुंचाया उत्पादः बाजार ने शुरू में बहुत कम रुचि दिखाई, लेकिन टीम ने अपने उत्पादों का विज्ञापन करने का एक रचनात्मक तरीका खोज निकाला. जन जागरूकता अभियान के तहत कोच्चि मेट्रो स्टेशनों पर मुफ़्त सीटें लगाना, शामिल था. इसने कोचीन स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का ध्यान आकर्षित किया, जो बाद में सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए इस उद्यम में शामिल हो गया.

एल्विन ने कहा, "सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग के शोधकर्ता सूरज वर्मा ने हमारे विचारों को व्यवहार्य उत्पादों में ढालने में मदद करने के लिए आवश्यक तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान किया." वर्मा अब कार्बन और व्हेल के तकनीकी सलाहकार के रूप में काम करते हैं. कंपनी के उत्पाद, जिनकी आयु 15 से 20 वर्ष है. इनमें आउटडोर फर्नीचर और अन्य टिकाऊ विकल्प शामिल हैं.

कंपनी की कमाई बढ़ीः कंपनी की आय 2022-23 में 69,000 रुपये से बढ़कर पिछले वित्तीय वर्ष में 5 करोड़ रुपये हो गई. कार्बन एंड व्हेल के ग्राहकों में हाई-प्रोफाइल कंपनियां शामिल हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार की योजना के साथ, कंपनी टिकाऊ उत्पाद बाजार में वैश्विक प्रभाव डालने के लिए तैयार है.

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