श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले के बाद उत्तराखंड में कश्मीरी शॉल विक्रेताओं की पिटाई और उनके साथ दुर्व्यवहार हुई. इस घटना को लेकर कांग्रेस के छात्र नेताओं ने बुधवार को श्रीनगर में विरोध प्रदर्शन किया और देश के बाकी हिस्सों में कश्मीरी छात्रों और व्यापारियों के लिए सुरक्षा की मांग की.
कांग्रेस पार्टी के भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) से जुड़े कई छात्र कार्यकर्ताओं ने कश्मीरी छात्रों और व्यापारियों के समर्थन में श्रीनगर में एक रैली निकाली. जम्मू-कश्मीर के NSUI अध्यक्ष अजय लखोत्रा ने कहा कि पहलगाम हमला भीषण और दुखद है, लेकिन अन्य राज्यों में कश्मीरियों पर हमला करना और उन्हें परेशान करना शर्मनाक है.

कश्मीरियों की सुरक्षा की मांग
लखोत्रा ने कहा, "दूसरे राज्यों में पढ़ने वाले इन छात्रों का क्या अपराध है? उन्हें गाली दी जा रही है, डांटा जा रहा है, धमकाया जा रहा है और पीटा जा रहा है." उन्होंने कहा कि एनएसयूआई मांग करती है कि सभी राज्य सरकारें और केंद्र सरकार देश के बाकी हिस्सों में काम कर रहे कश्मीरी लोगों को सुरक्षा प्रदान करें. उन्होंने कहा, "कश्मीरियों की पिटाई करके ये कट्टरपंथी तत्व कश्मीर के लोगों को अलग-थलग कर रहे हैं."

दो कश्मीरी शॉल विक्रेताओं की पिटाई
बता दें कि उत्तराखंड के मसूरी में कुछ युवकों ने दो कश्मीरी शॉल विक्रेताओं की पिटाई की, जिन्हें बाद में उत्तराखंड पुलिस ने हिरासत में ले लिया. इससे पहले मंगलवार को पंजाब से कई छात्र कश्मीर लौट आए और आरोप लगाया कि वे उत्पीड़न और अपशब्दों के कारण भयभीत हैं.
The physical and verbal assault on Kashmiri shawl vendors in Mussoorie, who had to flee when police refused to guarantee their safety, is very disturbing. After large-scale detentions, demolition of homes, and crackdowns inside Kashmir, ordinary citizens, students, and small…
— Mirwaiz Umar Farooq (@MirwaizKashmir) April 30, 2025
कश्मीरियों के साथ मारपीट करना अन्यायपूर्ण
इस बीच अलगाववादी नेता और हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने मसूरी में कश्मीरी शॉल विक्रेताओं पर फिजिकल और वर्बल हमले की निंदा करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के अंदर और बाहर कश्मीरियों के साथ मारपीट करना अन्यायपूर्ण और अमानवीय है.
मीरवाइज ने एक्स पर लिखा, "बड़े पैमाने पर हिरासत में लिए जाने, घरों को ध्वस्त करने और कश्मीर के अंदर कार्रवाई के बाद जम्मू-कश्मीर के बाहर आम नागरिकों, छात्रों और छोटे व्यापारियों पर हमला किया जा रहा है और उन्हें वापस लौटने के लिए मजबूर किया जा रहा है."
कश्मीरियों को बदनाम किया जा रहा है
मीरवाइज ने कहा कि दशकों से हर तरह की हिंसा और उसके बाद की पीड़ा को झेलने वाले कश्मीरियों की निंदा, सहानुभूति और पहलगाम हत्याकांड के पीड़ितों के लिए उनका दुख दिल से है, फिर भी उन्हें बदनाम किया जा रहा है और निशाना बनाया जा रहा है.
उन्होंने कहा, "मैं भारत के लोगों से अपील करता हूं कि वे कश्मीरियों के प्रति अविश्वास पैदा करने वाली नफरत और मीडिया के दुष्प्रचार का शिकार न बनें और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहयोग करें, जैसा कि उन्होंने संकट के समय सभी विजिटर्स और पर्यटकों के साथ किया है."