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सऊदी अरब में कैद कश्मीरी इंजीनियर: हाईकोर्ट ने काउंसलर उपलब्ध कराने वाली याचिका स्वीकार की - KASHMIRI ENGINEER JAILED IN SAUDI

सऊदी अरब की जेल में बंद कश्मीरी नेटवर्किंग इंजीनियर अब्दुल रफी बाबा के लिए काउंसलर की व्यवस्था कराने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका.

Jammu Kashmir and Ladakh HC
सांकेतिक तस्वीर. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 19, 2025, 7:44 PM IST

श्रीनगर: कश्मीरी नेटवर्किंग इंजीनियर अब्दुल रफी बाबा (36 वर्ष) पिछले पांच वर्षों से सऊदी अरब की जेल में बंद है. विदेश मंत्रालय से अब्दुल रफी बाबा के लिए काउंसलर की व्यवस्था करने के लिए जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय में एक रिट दायर की गयी थी. बुधवार को हाईकोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली है. न्यायमूर्ति राहुल भारती की एकल पीठ ने भारत के उप सॉलिसिटर जनरल (डीएसजीआई) के सहयोगी अधिवक्ता ताहिर मजीद शम्सी को अगली सुनवाई से पहले बाबा के मामले पर स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया.

सोमवार को दायर की थी याचिकाः अधिवक्ता शम्सी के सहयोगी ने अदालत को आश्वासन दिया कि रफी के मामले से संबंधित सभी प्रासंगिक तथ्य 4 मार्च 2025 को होने वाली अगली सुनवाई से पहले प्रस्तुत कर दिए जाएंगे. सोमवार को रफी की पत्नी मरियम अली ने अपने ससुर के साथ मिलकर उनकी ओर से अदालत का दरवाजा खटखटाया. कानूनी सहायता की मांग की. याचिका दावा किया कि याचिकाकर्ता एक कानून का पालन करने वाला नागरिक है, जिसे अनिश्चित परिस्थितियों में 2020 से सऊदी अरब में हिरासत में रखा गया है.

"अदालत ने याचिका स्वीकार कर ली है और रफी के मुकदमे और अन्य मामले के विवरण के बारे में विदेश मंत्रालय से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. इसका उद्देश्य परिवार को कानूनी सहायता प्रदान करना है."- एडवोकेट शहरयार, याचिकाकर्ता रफी की पत्नी और पिता के वकील

क्या है याचिकाः याचिका के अनुसार, रफी 2014 से सऊदी अरब में इंजीनियर के तौर पर काम कर रहा था. उसके परिवार को उसके खिलाफ़ आरोपों के बारे में कभी औपचारिक रूप से सूचित नहीं किया गया. उन्होंने भारत सरकार से संपर्क करने के लिए कई प्रयास किए, जिसमें विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय और जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल के प्रशासन को पत्र और ईमेल लिखना शामिल था, ताकि उसके कानूनी प्रतिनिधित्व और रिहाई के लिए मदद मांगी जा सके.

कब गिरफ्तार हुआ थाः रफी सऊदी अरब के अल-अहसा क्षेत्र के होफ़ुफ़ में किंग फ़ैसल विश्वविद्यालय में काम कर रहे थे. 2020 की शुरुआत में, उनके जीवन ने एक अप्रत्याशित मोड़ लिया जब उन्हें उनके कार्यस्थल से उठाया गया. बाद में सऊदी पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया. उनके परिवार को पहली बार 1 मार्च, 2020 को उनकी गिरफ़्तारी के बारे में पता चला. तब से, वे उनकी रिहाई और कानूनी स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ेंः पति को सऊदी में हुई जेल, सरकार से रिहा करवाने की अपील - रिहा करवाने की अपील

श्रीनगर: कश्मीरी नेटवर्किंग इंजीनियर अब्दुल रफी बाबा (36 वर्ष) पिछले पांच वर्षों से सऊदी अरब की जेल में बंद है. विदेश मंत्रालय से अब्दुल रफी बाबा के लिए काउंसलर की व्यवस्था करने के लिए जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय में एक रिट दायर की गयी थी. बुधवार को हाईकोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली है. न्यायमूर्ति राहुल भारती की एकल पीठ ने भारत के उप सॉलिसिटर जनरल (डीएसजीआई) के सहयोगी अधिवक्ता ताहिर मजीद शम्सी को अगली सुनवाई से पहले बाबा के मामले पर स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया.

सोमवार को दायर की थी याचिकाः अधिवक्ता शम्सी के सहयोगी ने अदालत को आश्वासन दिया कि रफी के मामले से संबंधित सभी प्रासंगिक तथ्य 4 मार्च 2025 को होने वाली अगली सुनवाई से पहले प्रस्तुत कर दिए जाएंगे. सोमवार को रफी की पत्नी मरियम अली ने अपने ससुर के साथ मिलकर उनकी ओर से अदालत का दरवाजा खटखटाया. कानूनी सहायता की मांग की. याचिका दावा किया कि याचिकाकर्ता एक कानून का पालन करने वाला नागरिक है, जिसे अनिश्चित परिस्थितियों में 2020 से सऊदी अरब में हिरासत में रखा गया है.

"अदालत ने याचिका स्वीकार कर ली है और रफी के मुकदमे और अन्य मामले के विवरण के बारे में विदेश मंत्रालय से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. इसका उद्देश्य परिवार को कानूनी सहायता प्रदान करना है."- एडवोकेट शहरयार, याचिकाकर्ता रफी की पत्नी और पिता के वकील

क्या है याचिकाः याचिका के अनुसार, रफी 2014 से सऊदी अरब में इंजीनियर के तौर पर काम कर रहा था. उसके परिवार को उसके खिलाफ़ आरोपों के बारे में कभी औपचारिक रूप से सूचित नहीं किया गया. उन्होंने भारत सरकार से संपर्क करने के लिए कई प्रयास किए, जिसमें विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय और जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल के प्रशासन को पत्र और ईमेल लिखना शामिल था, ताकि उसके कानूनी प्रतिनिधित्व और रिहाई के लिए मदद मांगी जा सके.

कब गिरफ्तार हुआ थाः रफी सऊदी अरब के अल-अहसा क्षेत्र के होफ़ुफ़ में किंग फ़ैसल विश्वविद्यालय में काम कर रहे थे. 2020 की शुरुआत में, उनके जीवन ने एक अप्रत्याशित मोड़ लिया जब उन्हें उनके कार्यस्थल से उठाया गया. बाद में सऊदी पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया. उनके परिवार को पहली बार 1 मार्च, 2020 को उनकी गिरफ़्तारी के बारे में पता चला. तब से, वे उनकी रिहाई और कानूनी स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

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