बेंगलुरु: कर्नाटक के सूचना आयोग के एक कमीश्नर को लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा है. कमीश्नर एक आरटीआई कार्यकर्ता से उसका नाम ब्लैक लिस्ट से हटाने के लिए एक लाख रुपये की रिश्वत ले रहा था.यह पहली ऐसी घटना है, जिसमें आरटीआई आयुक्त को रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया है.
लोकायुक्त अधिकारियों के अनुसार कलबुर्गी बेंच के आरटीआई आयुक्त रवींद्र गुरुनाथ डाकप्पा ने आरटीआई कार्यकर्ता सायबन्ना शशि बेनकनहल्ली से आरटीआई आयोग द्वारा ब्लैक लिस्ट में डाले गए आरटीआई कार्यकर्ताओं की सूची से उसका नाम हटाने के लिए 3 लाख रुपये की मांग की थी.
यूपीआई ऐप से लिए एक लाख रुपये
रिपोर्ट के अनुसार 3 लाख रुपये में से डाकप्पा ने कथित तौर पर एक लाख रुपये यूपीआई ऐप के माध्यम से प्राप्त किए और उन्हें कलबुर्गी स्थित अपने कार्यालय में शेष दो लाख रुपये प्राप्त करते हुए पकड़ा गया.
क्यों ब्लैक लिस्ट था आरटीआई कार्यकर्ता
जानकारी के मुताबिक सायबन्ना को सूचना के अधिकार अधिनियम का दुरुपयोग करते हुए अनावश्यक और अप्रासंगिक जानकारी मांगने के आरोप में आरटीआई आयोग ने ब्लैक लिस्ट में डाला था. सूचना आयोग के एक कमीश्नर पकड़ने के लि लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक बी के उमेश के मार्गदर्शन में डीएसपी गीता बेनल के नेतृत्व में लोकायुक्त पुलिस टीम ने जाल बिछाया और आरोपी को रंगे हाथ पकड़ लिया.