ETV Bharat / bharat

किन्नर हैं तो क्या हुआ? शिक्षा की लौ हम भी जला सकते, करनाल की अदिति शर्मा दिखा रही समाज को आइना - KARNAL TRANSGENDER ADITI SHARMA

Karnal Transgender Aditi Sharma: किन्नर अदिति शर्मा समाज के लिए मिसाल बनी हैं. शिक्षा के जरिए उन्होंने लोगों की सोच बदलने का बीड़ा उठाया है.

Karnal Transgender Aditi Sharma
Karnal Transgender Aditi Sharma (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Haryana Team

Published : April 17, 2025 at 1:55 PM IST

Updated : April 17, 2025 at 2:10 PM IST

5 Min Read

करनाल: हरियाणा के करनाल जिले की किन्नर आदिति शर्मा समाज के लिए मिसाल बन रही हैं. अदिति शर्मा ने ना केवल अपने लिए, बल्कि समाज के लिए एक नई राह बनाई है. किन्नर आदिति करनाल में हरियाणा पब्लिक स्कूल के नाम से स्कूल चला रही हैं. उनका दावा है कि वो देश की पहली ऐसी किन्नर हैं, जो अपनी जमीन पर स्कूल बनाकर खुद के खर्चे से बच्चों को पढ़ा रही हैं. आदिति के मुताबिक इस स्कूल में इंग्लिश मीडियम शिक्षा के साथ बच्चों को अच्छा माहौल दिया जाता है, ताकि वो अपने बचपन की मस्ती के साथ भविष्य की उड़ान भरने का सपना पूरा कर सकें.

सपनों को साकार करने की जिद: अदिति शर्मा दिल्ली की रहने वाली हैं, लेकिन करनाल में 2014 में उन्होंने अपने सपनों को हकीकत में बदलने का फैसला किया. समाज में किन्नरों को अक्सर हेय नजर से देखा जाता है, अदिति ने इसी सोच को चुनौती देने की ठानी. उन्होंने करनाल में हरियाणा पब्लिक स्कूल की नींव रखी, जहां कक्षा पहली से पांचवी तक के 40 बच्चे पढ़ते हैं. स्कूल में कंप्यूटर लैब से लेकर खेल के मैदान तक सभी सुविधाएं हैं. अदिति ना केवल बच्चों को पढ़ाती हैं, बल्कि स्कूल की सफाई से लेकर अन्य काम भी खुद करती हैं. उनका मानना है कि मेहनत और लगन से ही समाज की सोच बदली जा सकती है.

किन्नर अदिति शर्मा समाज के लिए मिसाल बनी हैं. (Etv Bharat)

आसान नहीं रहा अदिति का ये सफर: अदिति ने बताया कि उनकी ये राह आसान नहीं थी. शुरुआत में स्कूल में बच्चे बढ़ने लगे, लेकिन आसपास के कुछ लोगों को ये नागवार गुजरा. उन्होंने विरोध किया. जिसके बाद बच्चों की संख्या घटने लगी, फिर भी अदिति ने हार नहीं मानी. आज उनके स्कूल में मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चे पढ़ते हैं, जिनमें से कई को मुफ्त शिक्षा दी जाती है.

Karnal Transgender Aditi Sharma
किन्नर आदिति करनाल में हरियाणा पब्लिक स्कूल के नाम से स्कूल चला रही हैं. (ETV Bharat)

लोगों ने किया विरोध: अदिति ने बताया "मैं चाहती हूं कि बच्चे पढ़-लिखकर अपने सपने पूरे करें. समाज में किन्नरों की छवि को बदलने के लिए मैंने ये स्कूल शुरू किया. शुरुआत में करीब 50 प्रतिशत लोगों ने विरोध किया. जिसके बाद उनके स्कूल में बच्चों की संख्या घट गई, लेकिन मैंने हार नहीं मानी. मैं चाहती हूं की सरकार इसमें मेरा सहयोग करें. मैंने इस स्कूल की मान्यता के लिए कई साल अधिकारियों को चक्कर काटे हैं." उनकी ये कोशिश ने ना केवल जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा दे रही है, बल्कि समाज को एक नया दृष्टिकोण भी दे रही है.

Karnal Transgender Aditi Sharma
अदिति शर्मा 5वीं क्लास तक के बच्चों को पढ़ाती हैं. (ETV Bharat)

ममता की मिसाल: अदिति की कहानी सिर्फ स्कूल तक सीमित नहीं है. उन्होंने एक नवजात बच्ची को गोद लेकर ममता की अनूठी मिसाल पेश की है. उनकी बेटी एंजल अब तीन साल की हो चुकी है. अदिति कहती हैं. "मैं चाहती थी कि मेरी बेटी को वो प्यार और शिक्षा मिले, जो हर बच्चे का हक है." अदिति का ये कदम समाज को संदेश देता है कि प्यार और देखभाल की कोई सीमा नहीं होती. अदिति की कहानी सिर्फ शिक्षा की नहीं, बल्कि मानवता, हौसले और समाज में बदलाव की है.

Karnal Transgender Aditi Sharma
अदिति के स्कूल में पहली से पांचवी तक के 40 बच्चे पढ़ते हैं. (ETV Bharat)

बच्चों की जुबानी: स्कूल में पढ़ने वाली पांचवीं कक्षा की छात्रा सिमरन और आशीष ने अदिति की तारीफ की. उन्होंने कहा "अदिति मैम हमें बड़े प्यार से पढ़ाती हैं. इंग्लिश और हिंदी दोनों में हमें अच्छी शिक्षा मिलती है. स्कूल में ऐसा लगता है जैसे हम किसी बड़े प्राइवेट स्कूल में हैं." अदिति कहती हैं कि बच्चों की ये खुशी उनके के लिए सबसे बड़ा पुरस्कार है. उन्होंने कहा कि "जब बच्चे मुस्कुराते हैं और कुछ नया सीखते हैं, तो मुझे लगता है कि मेरा सपना सच हो रहा है."

Karnal Transgender Aditi Sharma
किन्नर अदिति शर्मा स्कूल में बच्चों को कंप्यूटर की जानकारी भी देती हैं. (ETV Bharat)

सरकार से उम्मीद: अदिति अब अपने स्कूल को सरकारी मान्यता दिलाने की कोशिश में हैं. उनका कहना है कि मान्यता मिलने से ज्यादा बच्चे उनके स्कूल में पढ़ सकेंगे और समाज में किन्नरों के प्रति लोगों का नजरिया बदलेगा. वे कहती हैं "मैं चाहती हूं कि मेरे स्कूल में और बच्चे आएं, ताकि मैं उनके सपनों को पूरा करने में मदद कर सकूं." आदिति के स्कूल में तीन कमरे हैं. इसके अलावा खेल का छोटा मैदान भी है. जिसमें आदिति ने झूले लगाए हुए हैं. फिलहाल वो अकेली ही बच्चों को पढ़ा रही हैं.

Karnal Transgender Aditi Sharma
हरियाणा पब्लिक स्कूल में बच्चों के खेलने के लिए झूले भी हैं. (ETV Bharat)

समाज के लिए प्रेरणा: अदिति शर्मा की कहानी हर उस इंसान के लिए प्रेरणा है, जो समाज की रूढ़ियों से हार मान लेता है. उनका स्कूल ना केवल बच्चों को शिक्षा दे रहा है, बल्कि समाज को ये सिखा रहा है कि इंसानियत और मेहनत से कोई भी बाधा पार की जा सकती है. अदिति का ये प्रयास हमें याद दिलाता है कि बदलाव की शुरुआत एक छोटे कदम से होती है, और वह कदम कोई भी उठा सकता है.

ये भी पढ़ें- "पुष्पा" नहीं फायर है ये, हरियाणा की बेटी चला रही बस, महिलाओं के लिए बनीं मिसाल - HARYANA FEMALE BUS DRIVER

ये भी पढ़ें- हरियाणा में मधुमक्खी पालन की मिसाल, सरकार ने संदीप को किया सम्मानित, मधुमक्खी पालक ने बताई संघर्ष की कहानी - BEEKEEPING IN KARNAL

करनाल: हरियाणा के करनाल जिले की किन्नर आदिति शर्मा समाज के लिए मिसाल बन रही हैं. अदिति शर्मा ने ना केवल अपने लिए, बल्कि समाज के लिए एक नई राह बनाई है. किन्नर आदिति करनाल में हरियाणा पब्लिक स्कूल के नाम से स्कूल चला रही हैं. उनका दावा है कि वो देश की पहली ऐसी किन्नर हैं, जो अपनी जमीन पर स्कूल बनाकर खुद के खर्चे से बच्चों को पढ़ा रही हैं. आदिति के मुताबिक इस स्कूल में इंग्लिश मीडियम शिक्षा के साथ बच्चों को अच्छा माहौल दिया जाता है, ताकि वो अपने बचपन की मस्ती के साथ भविष्य की उड़ान भरने का सपना पूरा कर सकें.

सपनों को साकार करने की जिद: अदिति शर्मा दिल्ली की रहने वाली हैं, लेकिन करनाल में 2014 में उन्होंने अपने सपनों को हकीकत में बदलने का फैसला किया. समाज में किन्नरों को अक्सर हेय नजर से देखा जाता है, अदिति ने इसी सोच को चुनौती देने की ठानी. उन्होंने करनाल में हरियाणा पब्लिक स्कूल की नींव रखी, जहां कक्षा पहली से पांचवी तक के 40 बच्चे पढ़ते हैं. स्कूल में कंप्यूटर लैब से लेकर खेल के मैदान तक सभी सुविधाएं हैं. अदिति ना केवल बच्चों को पढ़ाती हैं, बल्कि स्कूल की सफाई से लेकर अन्य काम भी खुद करती हैं. उनका मानना है कि मेहनत और लगन से ही समाज की सोच बदली जा सकती है.

किन्नर अदिति शर्मा समाज के लिए मिसाल बनी हैं. (Etv Bharat)

आसान नहीं रहा अदिति का ये सफर: अदिति ने बताया कि उनकी ये राह आसान नहीं थी. शुरुआत में स्कूल में बच्चे बढ़ने लगे, लेकिन आसपास के कुछ लोगों को ये नागवार गुजरा. उन्होंने विरोध किया. जिसके बाद बच्चों की संख्या घटने लगी, फिर भी अदिति ने हार नहीं मानी. आज उनके स्कूल में मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चे पढ़ते हैं, जिनमें से कई को मुफ्त शिक्षा दी जाती है.

Karnal Transgender Aditi Sharma
किन्नर आदिति करनाल में हरियाणा पब्लिक स्कूल के नाम से स्कूल चला रही हैं. (ETV Bharat)

लोगों ने किया विरोध: अदिति ने बताया "मैं चाहती हूं कि बच्चे पढ़-लिखकर अपने सपने पूरे करें. समाज में किन्नरों की छवि को बदलने के लिए मैंने ये स्कूल शुरू किया. शुरुआत में करीब 50 प्रतिशत लोगों ने विरोध किया. जिसके बाद उनके स्कूल में बच्चों की संख्या घट गई, लेकिन मैंने हार नहीं मानी. मैं चाहती हूं की सरकार इसमें मेरा सहयोग करें. मैंने इस स्कूल की मान्यता के लिए कई साल अधिकारियों को चक्कर काटे हैं." उनकी ये कोशिश ने ना केवल जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा दे रही है, बल्कि समाज को एक नया दृष्टिकोण भी दे रही है.

Karnal Transgender Aditi Sharma
अदिति शर्मा 5वीं क्लास तक के बच्चों को पढ़ाती हैं. (ETV Bharat)

ममता की मिसाल: अदिति की कहानी सिर्फ स्कूल तक सीमित नहीं है. उन्होंने एक नवजात बच्ची को गोद लेकर ममता की अनूठी मिसाल पेश की है. उनकी बेटी एंजल अब तीन साल की हो चुकी है. अदिति कहती हैं. "मैं चाहती थी कि मेरी बेटी को वो प्यार और शिक्षा मिले, जो हर बच्चे का हक है." अदिति का ये कदम समाज को संदेश देता है कि प्यार और देखभाल की कोई सीमा नहीं होती. अदिति की कहानी सिर्फ शिक्षा की नहीं, बल्कि मानवता, हौसले और समाज में बदलाव की है.

Karnal Transgender Aditi Sharma
अदिति के स्कूल में पहली से पांचवी तक के 40 बच्चे पढ़ते हैं. (ETV Bharat)

बच्चों की जुबानी: स्कूल में पढ़ने वाली पांचवीं कक्षा की छात्रा सिमरन और आशीष ने अदिति की तारीफ की. उन्होंने कहा "अदिति मैम हमें बड़े प्यार से पढ़ाती हैं. इंग्लिश और हिंदी दोनों में हमें अच्छी शिक्षा मिलती है. स्कूल में ऐसा लगता है जैसे हम किसी बड़े प्राइवेट स्कूल में हैं." अदिति कहती हैं कि बच्चों की ये खुशी उनके के लिए सबसे बड़ा पुरस्कार है. उन्होंने कहा कि "जब बच्चे मुस्कुराते हैं और कुछ नया सीखते हैं, तो मुझे लगता है कि मेरा सपना सच हो रहा है."

Karnal Transgender Aditi Sharma
किन्नर अदिति शर्मा स्कूल में बच्चों को कंप्यूटर की जानकारी भी देती हैं. (ETV Bharat)

सरकार से उम्मीद: अदिति अब अपने स्कूल को सरकारी मान्यता दिलाने की कोशिश में हैं. उनका कहना है कि मान्यता मिलने से ज्यादा बच्चे उनके स्कूल में पढ़ सकेंगे और समाज में किन्नरों के प्रति लोगों का नजरिया बदलेगा. वे कहती हैं "मैं चाहती हूं कि मेरे स्कूल में और बच्चे आएं, ताकि मैं उनके सपनों को पूरा करने में मदद कर सकूं." आदिति के स्कूल में तीन कमरे हैं. इसके अलावा खेल का छोटा मैदान भी है. जिसमें आदिति ने झूले लगाए हुए हैं. फिलहाल वो अकेली ही बच्चों को पढ़ा रही हैं.

Karnal Transgender Aditi Sharma
हरियाणा पब्लिक स्कूल में बच्चों के खेलने के लिए झूले भी हैं. (ETV Bharat)

समाज के लिए प्रेरणा: अदिति शर्मा की कहानी हर उस इंसान के लिए प्रेरणा है, जो समाज की रूढ़ियों से हार मान लेता है. उनका स्कूल ना केवल बच्चों को शिक्षा दे रहा है, बल्कि समाज को ये सिखा रहा है कि इंसानियत और मेहनत से कोई भी बाधा पार की जा सकती है. अदिति का ये प्रयास हमें याद दिलाता है कि बदलाव की शुरुआत एक छोटे कदम से होती है, और वह कदम कोई भी उठा सकता है.

ये भी पढ़ें- "पुष्पा" नहीं फायर है ये, हरियाणा की बेटी चला रही बस, महिलाओं के लिए बनीं मिसाल - HARYANA FEMALE BUS DRIVER

ये भी पढ़ें- हरियाणा में मधुमक्खी पालन की मिसाल, सरकार ने संदीप को किया सम्मानित, मधुमक्खी पालक ने बताई संघर्ष की कहानी - BEEKEEPING IN KARNAL

Last Updated : April 17, 2025 at 2:10 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.