बेंगलुरु: कर्नाटक के उडुपी के सरकारी पीयू कॉलेज में 31 दिसंबर 2021 को हिजाब पहनकर आई 6 छात्राओं को क्लास में आने से रोक दिया गया था. जिसके बाद कॉलेज के बाहर प्रदर्शन शुरू हो गया और मामला सुर्खियों में आया. अब कर्नाटक में जनेऊ विवाद सामने आया है. बीदर और शिवमोग्गा में कर्नाटक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (के-सीईटी) परीक्षा केंद्रों में प्रवेश करने से पहले कुछ छात्रों से कथित रूप से उनके जनेऊ को उतारने को कहा गया.
मंत्री ने घटना की निंदा कीः यह घटना गुरुवार की है. कथित रूप से परीक्षा में प्रवेश करने पर रोके जाने पर कुछ छात्रों ने जनेऊ उतार दिया. उसके बाद उन्हें परीक्षा हॉल में प्रवेश की इजाजत दे दी गयी, लेकिन एक छात्र ने ऐसा करने से इंकार कर दिया. इस घटना के एक दिन बाद, कर्नाटक के उच्च शिक्षा मंत्री के सुधाकर और स्कूल शिक्षा मंत्री मधु बंगरप्पा ने इस घटना की निंदा की. उन्होंने कहा कि जनेऊ उतारने का आदेश देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
मधु बंगरप्पा ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, "मैं ऐसी घटनाओं की कड़ी निंदा करता हूं. मीडिया रिपोर्टों में हमने जो देखा है, उसके आधार पर ऐसे निर्देश जारी करने के लिए कोई कानूनी प्रावधान नहीं हैं. और कानून के तहत ऐसा कोई नियम नहीं है जो इस तरह की कार्रवाई की अनुमति देता हो. यदि ऐसी कोई घटना वास्तव में हुई है, भले ही यह मेरा विभाग न हो, और विशेष रूप से चूंकि यह मेरे जिले में हुई है, तो मैंने पहले ही अधिकारियों से बात की है और मामले में कड़ी कार्रवाई करने को कहा है."
एक मौका देने पर हो रहा विचारः घटना पर संज्ञान लेते हुए वन मंत्री ईश्वर खांडरे, जो बीदर जिले के प्रभारी मंत्री भी हैं, ने उपायुक्त को सहायक आयुक्त स्तर के अधिकारी से घटना की जांच कराने और 24 घंटे में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. मंत्रियों ने यह भी कहा कि सरकार गुरुवार को परीक्षा देने से चूक गए छात्रों को एक और मौका देने पर विचार कर रही है. बता दें कि कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण (केईए) ने व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए उम्मीदवारों का चयन करने के लिए सीईटी प्रवेश परीक्षा आयोजित की थी.
क्या है मामलाः शिवमोग्गा में कथित तौर पर तीन छात्रों को जनेऊ पहनकर परीक्षा हॉल में प्रवेश करने से रोक दिया गया था. दो छात्रों ने निर्देश का पालन किया, एक छात्र ने जनेऊ उतारने से इनकार कर दिया. हालांकि कुछ मिनट की देरी के बाद उसे परीक्षा देने की अनुमति दी गई. बीदर के छात्र सुचिव्रत गुरुवार को गणित की परीक्षा देने से चूक गए, क्योंकि उन्हें परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं करने दिया गया. विरोध के बाद उन्हें दोपहर में आयोजित जीवविज्ञान की परीक्षा देने की अनुमति दी गई. सुचिव्रत ने दावा किया कि एक दिन पहले भौतिकी और रसायन विज्ञान के पेपर लिखे थे, तब किसी ने आपत्ति नहीं की.
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