रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने पार्टी के केंद्रीय कैंप कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन कर मीडिया के साथ मुखातिब हुए.
इमारत-ए-शरिया कार्यक्रम में शिरकत करेगा झामुमो
वक्फ बोर्ड के संशोधन के विरोध में पटना में होने वाले प्रतिरोध कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता शिबू सोरेन को मिला है. इमारत-ए-शरिया और अन्य संगठनों के धरना में झारखंड मुक्ति मोर्चा भाग लेगा.
मणिपुर और परिसीमन पर स्टैंड साफ करे भाजपा
झामुमो ने भाजपा से मणिपुर और परिसीमन को लेकर अपना स्टैंड साफ करने को कहा है. केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि 21 से 23 मार्च के बीच आरएसएस की सबसे बड़ी कमिटी "अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा" की बैठक हुई. इस बैठक के बाद प्रतिनिधि सभा की ओर से मणिपुर हिंसा और परिसीमन को लेकर जो वक्तव्य जारी किए गए उसके बाद भाजपा को अपना स्टैंड साफ करना चाहिए.
आरएसएस को लेकर भाजपा पर साधा निशाना
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि 2020 की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में आरएसएस के स्थापना का शताब्दी वर्ष 2025 के लिए तरह तरह की बातें हुई थी. लेकिन इस बार प्रतिनिधि सभा की बैठक में मोहन भागवत और जेपी नड्डा, बीएल संतोष की उपस्थिति में गहन विचार के बाद जो निष्कर्ष निकाला उसमें कई बातें मुख्य हैं. इसमें आनंदपूर्वक आरएसएस का स्थापना वर्ष नहीं मनाना जाएगा बल्कि संगठन विस्तार पर जोर दिया जाएगा.
वहीं अन्य दो बातें प्रमुख हैं, उसमें पहला यह कि आरएसएस, यह मानता है कि विगत 20 महीने से मणिपुर जल रहा है और स्थिति सामान्य होने में आगे वर्षों लगेंगे. सरकार मणिपुर में क्या कर रही है, आरएसएस क्या कर रहा है इसका कोई जवाब नहीं आया. इसके जवाब में यह आया कि रामकृष्ण मिशन, इस्कॉन क्या कर रहा है, इसकी जानकारी मिली.
झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि कुछ दिन पहले राज्यसभा में देखा कि अमित शाह कैसे मणिपुर के तत्कालिक मुख्यमंत्री बिरेन सिंह से फोन पर बात करते दिखे कि कैसे बम मारते हो, छुपके बम मारो. आरएसएस ने माना कि मणिपुर में सरकार ने कुछ नहीं किया. ऐसे में भाजपा के नेता बताएं कि अगर जनजातीय समुदाय से प्यार है तो फिर जहां 100% जनजातीय आबादी है उस नॉर्ट ईस्ट की अवहेलना क्यो की गयी. भाजपा को इसका जवाब देना चाहिए.
परिसीमन राज्यों के बीच खाई पैदा करेगा- सुप्रियो
झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि परिसीमन से राज्यों के बीच खाई पैदा करेगा, दक्षिण भारत का संतुलन बिगड़ जाएगा. उत्तर भारत का प्रतिनिधित्व बढ़ जाएगा और दलित, आदिवासी, मूलवासी की आवाज पर रोक लगेगी. हमारी इस बात को आरएसएस ने भी माना. आरएसएस को जमीनी हकीकत पता है लेकिन भाजपा को सत्ता पाने की ही फिक्र है.
भाजपा सत्ता के लिए देश में संतुलन की राजनीति पर आमादा है. यह परिसीमन बंद होना चाहिए. जहां जनसंख्या नियंत्रित हुई उनका हक मारा जाएगा. अगर आरएसएस हर बात को समझ रहा है तो भाजपा के नेताओं को यह समझ मे क्यों नहीं आ रहा है. बाबूलाल मरांडी को विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सभावेश्म में खड़ा होकर यह बताना चाहिए कि आरएसएस ने मणिपुर और परिसीमन पर जो सवाल उठाए हैं, उस पर भाजपा का स्टैंड क्या है.
महाकुंभ और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में हुई मौत पर श्रद्धांजलि क्यों नहीं
झामुमो के केंद्रीय महासचिव ने कहा कि धार्मिक भावनाएं भड़काने वाली पार्टी ने महाकुंभ और दिल्ली हादसे को लेकर क्यों नहीं श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई.
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