रांची: प्रकृति की गोद में बसा झारखंड को लेकर हमेशा यह बातें होती रही हैं कि प्राकृतिक संसाधनों से भले ही यह राज्य अमीर है, मगर यहां के लोग बेहद ही गरीब हैं. इन बातों में काफी हद तक सच्चाईयां भी है. मगर सुखद बात यह भी है कि पिछले कुछ वर्षों में लोगों की आय में तेजी से वृद्धि हुई है. जिस वजह से गरीबी कम हुई है.
झारखंड में कितनी है प्रति व्यक्ति आय
झारखंड सरकार के पांचवां वित्त आयोग द्वारा हाल ही में जारी की गई पहली रिपोर्ट के अनुसार 2024-25 में लोगों की आमदनी 1 लाख 14 हजार 271 रुपए थी जो 2025-26 तक बढ़कर 1 लाख 24 हजार 079 रुपये होने का अनुमान है. जबकि राज्य स्थापना काल के तुरंत बाद 2001-02 में प्रति व्यक्ति आय सिर्फ 1 लाख 451रुपये थी. यानी 25 वर्षों के कालखंड में झारखंड में लोगों की प्रति व्यक्ति आमदनी में 12 गुणा से अधिक का उछाल आया है जो राज्य की मजबूत अर्थव्यवस्था का संकेत है.
झारखंड में गरीबी हुई कम
झारखंड में एक तरफ जहां प्रति व्यक्ति आय में इजाफा हुआ है. वहीं दूसरी तरफ गरीबी में भी कमी आई है. नीति आयोग के आंकड़ों पर नजर दें तो 2015-16 में 42.10% गरीबी झारखंड में थी. जो 2019-21 में घटकर 28.81% हो गई. अगर देश में गरीबी की स्थिति की बात करें तो 2015-16 में 24.85% थी जो कम होकर 14.96% हो गया है. शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में गरीबी की बात करें तो 2019-2 1 में जारी आंकड़ों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी 2015-16 की तुलना में काफी कम हुई है. 2015-16 में झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में 50.92% गरीब थे, वहीं 2019-21 में यह आंकड़ा घटकर 34.93% पर आ गया है. इसी तरह शहरी क्षेत्र की बात करें तो 2019-21 में 8.67 प्रतिशत गरीब शहरी क्षेत्र में हैं, जबकि 2015-16 के आंकड़ों के अनुसार इनकी संख्या 15.04 प्रतिशत थी.

मजबूत आर्थिक नीति के जरिए झारखंड ने विकास दर को सकारात्मक बनाकर रखने में सफलता पाई है. कुछ वर्षों को छोड़कर शेष वित्तीय वर्ष में विकास दर सकारात्मक होने के कारण आर्थिक गतिविधि में तेजी देखी गई है. झारखंड आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के आंकड़ों के मुताबिक 2021-22 और 2023-24 के बीच राज्य के स्थिर(2011-12) मूल्यों पर जीएसडीपी में औसतन वार्षिक 7.7% और वर्तमान मूल्य पर जीएसडीपी में 10.7% की दर से वृद्धि हुई है.

वहीं 2024- 25 में स्थिर मूल्य पर 6.7% और वर्तमान मूल्य पर 9.8% की वृद्धि होने की संभावना है. यही वजह है कि इस अवधि में स्थिर मूल्य पर प्रति व्यक्ति आय में औसतन वार्षिक 6.5% की वृद्धि हुई और चालू मूल्य पर 9.5% की दर से वृद्धि हुई है. स्थिर मूल्य पर प्रति व्यक्ति आय साल 2021-22 में 57172 रुपए से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 65062 रुपए और चालू मूल्य पर प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2021-22 में 88500 से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 1,05,274 हो गया.
2029-30 में झारखंड की अर्थव्यवस्था 10 ट्रिलियन
झारखंड में विकास दर की यही स्थिति बनी रही तो राज्य ने 2029-30 तक 10 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था का जो लक्ष्य रखा है उसके तहत प्रति व्यक्ति आय में करीब 14.2% की वृद्धि होने की संभावना है. इस लक्ष्य को पाने के लिए कृषि,पर्यटन और हेल्थ सेक्टर को सरकार बढावा देने में जुटी है.अब तक झारखंड को माइनिंग के लिए देश दुनियां में जाना जाता है उससे निकलकर पर्यटन और हेल्थ सेक्टर पर फोकस करने में सरकार जुटी है जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था और मजबूत हो सके.

झारखंड वित्त आयोग के सदस्य और जानेमाने अर्थशास्त्री हरिश्वर दयाल कहते हैं कि पहले तो आय को कई सेक्टर में बांटा जाता है और हर सेक्टर का आय का वैल्यूएशन होता है. इसके कई तरीके होते हैं. कुछ तो उत्पादन किस गति से बढ़ा है उससे वैल्यू निकालते हैं, लेकिन जैसे सर्विस सेक्टर है उसमें आय लोगों का कैसे और कितना बढ़ा है उसके हिसाब से वैल्यू निकालते हैं.
आय में अलग-अलग क्षेत्र हैं जैसे बैंकिंग है, इंश्योरेंस है, फाइनेंस सेक्टर है, कम्युनिकेशन हैं, पब्लिक सेक्टर है जिसमें गवर्नमेंट एम्पलाइज वगैरह आते हैं. उनकी आय क्या है उसे मापा जाता है. उन्होंने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में वस्तुओं के उत्पादन को नापा जाता है, वैसे ही प्राइमरी सेक्टर में एग्रीकल्चर में क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट होता है जिसके बेसिस पर उत्पादन नापा जाता है. राज्य स्तर पर सांख्यिकी निदेशालय और राष्ट्रीय स्तर पर मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिसटिक्स एंड प्रोगाम इंप्लीमेंटेशन यानी MoSPI दोनों के रिपोर्ट के आधार पर हर साल अगस्त महीने में इसे जारी किया जाता है.