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पुरुलिया के कागजात खोलेंगे वन जमीन घोटाले का राज, झारखंड सीआईडी का बड़ा खुलासा - FOREST LAND SCAM IN BOKARO

117 एकड़ वन भूमि को बेचने के मामले में अहम खुलासे हुए हैं. बंगाल के पुरुलिया कमिश्नर से कागजात मांगे गए हैं.

FOREST LAND SCAM IN BOKARO
सीआईडी प्रदेश कार्यालय (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : March 26, 2025 at 3:43 PM IST

4 Min Read

रांची: झारखंड के बोकारो जिले में 117 एकड़ से ज्यादा वन भूमि के फर्जी दस्तावेज बनाकर उन्हें बेच डालने के मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. मामले को लेकर सीआईडी ने पश्चिम बंगाल के पुरुलिया के कमिश्नर से संपर्क कर आवश्यक दस्तावेज की मांग की है.

ओरिजिनल कागजात है बंगाल के पास

बोकारो वन भूमि घोटाले की जांच कर रही सीआईडी को जानकारी मिली है कि जिस वन भूमि को भू-माफिया और अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी कागजात के आधार पर बेचा गया है, उनके ओरिजिनल डॉक्यूमेंट्स बंगाल के पुरुलिया में मौजूद हैं. बेची गई जमीन 117 एकड़ से ज्यादा है और उसका फैलाव बंगाल तक है. झारखंड सीआईडी के आईजी सुदर्शन कुमार मंडल ने बताया कि मामले में जांच की दिशा को और तेज करने के लिए पूरुलिया कमिश्नर को पत्र लिखकर वास्तविक कागजात की मांग की गई है.

घोटाले को लेकर जानकारी देते आईजी सीआईडी (ईटीवी भारत)

आईजी ने बताया कि लगभग 117 एकड़ जमीन बोकारो इस्पात संयंत्र को वापस करना था. लेकिन उसे वापस नहीं किया गया. बाद में इस भूमि को भूमाफिया ने फर्जी कागजातों के आधार पर हस्तांतरित करवाते हुए पूरी जमीन का ही गबन कर लिया. इस मामले में इजहार हुसैन, अख्तर हुसैन, शैलेश कुमार सिंह, रघुनाथ सिंह, जैन सिंह, सचिन प्रसाद पांडे, सत्येंद्र सत्यार्थी, माधव प्रसाद सिन्हा और आरबी सिंह को आरोपी बनाया गया है.

क्या है पूरा मामला

सीआईडी से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड के बोकारो जिले के तेतुलिया में 100 एकड़ से ज्यादा वन भूमि को फर्जी दस्तावेज बनाकर भूमाफिया, अंचल कर्मी और बोकारो स्टील प्लांट के अफसरों की मिली भगत से बेच दिया गया. ये वो जमीन है जिन्हें बोकारो स्टील प्लांट के द्वारा वन विभाग को वापस लौटाया गया था. मामले को लेकर झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता के निर्देश पर जमीन घोटाला मामले की जांच सीआईडी के सौंपी गई थी. सीआईडी ने बोकारो के सेक्टर 12 थाना में दर्ज मामले को टेकओवर कर अपनी जांच शुरू की थी.

जमीन माफिया को लेकर बोकारो वन प्रमंडल के प्रभारी वनपाल सह वनरक्षक रुद्र प्रताप सिंह ने शिकायत दर्ज कराई थी. जांच के बाद मामला सामने आया कि बोकारो में अधिकारी और भूमाफियाओं ने मिलकर 117 एकड़ जमीन फर्जी दस्तावेज के आधार पर बेच दिए.

सीआईडी की जांच हुई तेज

सीआईडी में मामला दर्ज होने के बाद बोकारो के आधा दर्जन भूमाफिया, कई अंचलकर्मी और छह से ज्यादा बोकारो स्टील प्लांट के अफसरों की मिलीभगत को लेकर जांच तेज कर दी गई है. बोकारो में हुए वन भूमि घोटाले मामले की जांच को लेकर आईजी सीआईडी ने पश्चिम बंगाल के डिप्टी कमिश्नर को भी पत्र लिखा है और ओरिजिनल कागजात की मांग की है. ताकि जमीन की सही सही जानकारी सीआईडी को मिल सके.

सीआईडी की शुरुआती जांच में ये बातें स्पष्ट रूप से सामने आई है कि जमीन माफिया और बीएसएल के कर्मियों के द्वारा मिलकर जमीन की हेरा फेरी की गई है. इसकी सबसे बड़ी वजह बीएसएल के द्वारा वन विभाग को जिस तरह से जमीन का हैंडओवर किया गया है, वहीं पर गड़बड़ी की गई है. क्योंकि हैंडओवर की प्रक्रिया कागजी तौर पर ही नहीं गई है. जिसका फायदा जमीन माफिया सहित कई लोगों ने उठाया है. बोकारो वन भूमि घोटाला मामले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी, वैसे ही कई बड़े अधिकारी और सरकारी कर्मी के साथ-साथ जमीन माफिया सीआईडी की जद में आ सकते हैं. सभी लोगों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है.

ये भी पढ़ें- बोकारो में भूमाफियाओं की करतूत, पहाड़ तोड़कर बना दिया समतल मैदान, प्राथमिकी दर्ज

बोकारो में भू-माफियाओं का दुस्साहस, एयरफोर्स अधिकारी के प्लॉट पर कब्जा जमाने की नीयत से मजदूरों के साथ की मारपीट

गिरिडीह में गैरमजरूआ जमीन पर भू-माफियाओं की गिद्ध दृष्टि, ग्रामीणों के विरोध के बाद प्रशासन हुआ एक्टिव

रांची: झारखंड के बोकारो जिले में 117 एकड़ से ज्यादा वन भूमि के फर्जी दस्तावेज बनाकर उन्हें बेच डालने के मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. मामले को लेकर सीआईडी ने पश्चिम बंगाल के पुरुलिया के कमिश्नर से संपर्क कर आवश्यक दस्तावेज की मांग की है.

ओरिजिनल कागजात है बंगाल के पास

बोकारो वन भूमि घोटाले की जांच कर रही सीआईडी को जानकारी मिली है कि जिस वन भूमि को भू-माफिया और अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी कागजात के आधार पर बेचा गया है, उनके ओरिजिनल डॉक्यूमेंट्स बंगाल के पुरुलिया में मौजूद हैं. बेची गई जमीन 117 एकड़ से ज्यादा है और उसका फैलाव बंगाल तक है. झारखंड सीआईडी के आईजी सुदर्शन कुमार मंडल ने बताया कि मामले में जांच की दिशा को और तेज करने के लिए पूरुलिया कमिश्नर को पत्र लिखकर वास्तविक कागजात की मांग की गई है.

घोटाले को लेकर जानकारी देते आईजी सीआईडी (ईटीवी भारत)

आईजी ने बताया कि लगभग 117 एकड़ जमीन बोकारो इस्पात संयंत्र को वापस करना था. लेकिन उसे वापस नहीं किया गया. बाद में इस भूमि को भूमाफिया ने फर्जी कागजातों के आधार पर हस्तांतरित करवाते हुए पूरी जमीन का ही गबन कर लिया. इस मामले में इजहार हुसैन, अख्तर हुसैन, शैलेश कुमार सिंह, रघुनाथ सिंह, जैन सिंह, सचिन प्रसाद पांडे, सत्येंद्र सत्यार्थी, माधव प्रसाद सिन्हा और आरबी सिंह को आरोपी बनाया गया है.

क्या है पूरा मामला

सीआईडी से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड के बोकारो जिले के तेतुलिया में 100 एकड़ से ज्यादा वन भूमि को फर्जी दस्तावेज बनाकर भूमाफिया, अंचल कर्मी और बोकारो स्टील प्लांट के अफसरों की मिली भगत से बेच दिया गया. ये वो जमीन है जिन्हें बोकारो स्टील प्लांट के द्वारा वन विभाग को वापस लौटाया गया था. मामले को लेकर झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता के निर्देश पर जमीन घोटाला मामले की जांच सीआईडी के सौंपी गई थी. सीआईडी ने बोकारो के सेक्टर 12 थाना में दर्ज मामले को टेकओवर कर अपनी जांच शुरू की थी.

जमीन माफिया को लेकर बोकारो वन प्रमंडल के प्रभारी वनपाल सह वनरक्षक रुद्र प्रताप सिंह ने शिकायत दर्ज कराई थी. जांच के बाद मामला सामने आया कि बोकारो में अधिकारी और भूमाफियाओं ने मिलकर 117 एकड़ जमीन फर्जी दस्तावेज के आधार पर बेच दिए.

सीआईडी की जांच हुई तेज

सीआईडी में मामला दर्ज होने के बाद बोकारो के आधा दर्जन भूमाफिया, कई अंचलकर्मी और छह से ज्यादा बोकारो स्टील प्लांट के अफसरों की मिलीभगत को लेकर जांच तेज कर दी गई है. बोकारो में हुए वन भूमि घोटाले मामले की जांच को लेकर आईजी सीआईडी ने पश्चिम बंगाल के डिप्टी कमिश्नर को भी पत्र लिखा है और ओरिजिनल कागजात की मांग की है. ताकि जमीन की सही सही जानकारी सीआईडी को मिल सके.

सीआईडी की शुरुआती जांच में ये बातें स्पष्ट रूप से सामने आई है कि जमीन माफिया और बीएसएल के कर्मियों के द्वारा मिलकर जमीन की हेरा फेरी की गई है. इसकी सबसे बड़ी वजह बीएसएल के द्वारा वन विभाग को जिस तरह से जमीन का हैंडओवर किया गया है, वहीं पर गड़बड़ी की गई है. क्योंकि हैंडओवर की प्रक्रिया कागजी तौर पर ही नहीं गई है. जिसका फायदा जमीन माफिया सहित कई लोगों ने उठाया है. बोकारो वन भूमि घोटाला मामले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी, वैसे ही कई बड़े अधिकारी और सरकारी कर्मी के साथ-साथ जमीन माफिया सीआईडी की जद में आ सकते हैं. सभी लोगों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है.

ये भी पढ़ें- बोकारो में भूमाफियाओं की करतूत, पहाड़ तोड़कर बना दिया समतल मैदान, प्राथमिकी दर्ज

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