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वक्फ संशोधन विधेयक पर NDA छोड़िए JDU में पड़ गई है दरार, MLC गुलाम गौस ने तरेरी आंख - WAQF AMENDMENT BILL 2025

वक्फ संशोधन को लेकर देश में हाय-तौबा मचा है. इसे पेश भी किया जा चुका है. जेडीयू के नेता विरोध में खड़े हो गए हैं.

WAQF AMENDMENT BILL 2025
गुलाम गौस और नीतीश कुमार (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : April 2, 2025 at 3:02 PM IST

3 Min Read

पटना : वक्फ संशोधन विधेयक को जेडीयू की तरफ से समर्थन दिया गया है, हालांकि पार्टी में वक्फ संशोधन को लेकर मुस्लिम नेता नाराज हैं. जेडीयू एमएलसी गुलाम गौस भी इससे खुश नहीं है. इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं. गुलाम गौस गैर मुस्लिम को वक्फ बोर्ड में लाने पर नाराजगी की बात कर रहे हैं.

किसान बिल वापस हो सकता है तो वक्फ संशोधन विधेयक क्यों नहीं ? : गुलाम गौस जेडीयू के बड़े मुस्लिम चेहरा के तौर पर जाने जाते हैं. बातचीत में गुलाम गौस ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल काफी त्रुटिपूर्ण है. गुलाम गौस प्रधानमंत्री से गुहार लगा रहे हैं कि इस बिल को वापस ले लें. किसान बिल को भी वापस लिया गया था, तो जनता के हित में इस बिल को भी वापस लिया जाना चाहिए.

गुलाम गौस से खास बातचीत (Etv Bharat)

ईटीवी भारत का सवाल : क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आपकी कोई बातचीत हुई है?

गुलाम गौस का जवाब : इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री से मेरी कोई बातचीत नहीं हुई, लेकिन मुझे उम्मीद है कि मुख्यमंत्री की तरफ से कुछ कार्रवाई होगी. मुख्यमंत्री ने कुछ सुझाव भेजे हैं, तो मुख्यमंत्री भी संतुष्ट नहीं हैं.

ईटीवी भारत का सवाल : आपकी आपत्ति वक्फ संशोधन विधेयक में किस मुद्दे पर है?

गुलाम गौस का जवाब : मंदिर, गुरुद्वारा या अन्य धार्मिक ट्रस्ट में क्या मुझे सदस्य बनाया जा सकता है? देश विविधताओं से भरा हुआ है. ऐसी कई आपत्तियां हैं.

ईटीवी भारत का सवाल : नीतीश कुमार ने चुप्पी क्यों साध रखी है, कुछ बोल नहीं रहे हैं?

गुलाम गौस का जवाब : मुख्यमंत्री की तरफ से तीन शर्तें रखी गई है. भूतलक्षी प्रभाव से लागू नहीं होगा. जमीन को लेकर भी कहा है कि यह राज्य का मामला है और इसी तरह के शर्त हैं.

ईटीवी भारत का सवाल : मुस्लिम संगठनों की नाराजगी जिस प्रकार से है, तो क्या विधानसभा चुनाव में जेडीयू को नुकसान होगा?

गुलाम गौस का जवाब : नीतीश कुमार ने मुसलमानों के लिए बहुत सारा काम किया है. नीतीश कुमार ने जितना काम किया है, देश में किसी मुख्यमंत्री ने उतना काम नहीं किया है. चाहे कब्रिस्तान की घेराबंदी हो, अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय का निर्माण हो, चाहे 16000 उर्दू शिक्षकों की बहाली, चाहे मुस्लिम बच्चों के लिए प्रोत्साहन राशि हो तालमी मरकज की स्थापना हो, ट्रिब्यूनल की स्थापना हो. इस तरह के कई फैसले लिये हैं. वैसे हम लोगों की यही मांग है कि संशोधन विधेयक को वापस लेना चाहिए .

ईटीवी भारत का सवाल : विरोधी दल जिस प्रकार से इस मसले को भुनाने की कोशिश कर रहे हैं, तो क्या नुकसान होगा?

गुलाम गौस का जवाब : विरोधी दल तो फायदा लेने के लिए करेगा ही .

ईटीवी भारत का सवाल : हाल ही में लालू यादव से आपकी मुलाकात हुई है. काफी चर्चा है कि मन डोल रहा है. क्या कहेंगे?

गुलाम गौस का जवाब : यह शिष्टाचार मुलाकात थी. 14 सालों से जिस पार्टी में हम रहे हैं, सभी लोगों से पुराना साथ रहा है. सभी जानते हैं कि गुलाम गौस जो काम करता है, डंके की चोट पर करता है.

ये भी पढ़ें :-

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किसान बिल वापस हो सकता है तो वक्फ संशोधन विधेयक क्यों नहीं ? : गुलाम गौस जेडीयू के बड़े मुस्लिम चेहरा के तौर पर जाने जाते हैं. बातचीत में गुलाम गौस ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल काफी त्रुटिपूर्ण है. गुलाम गौस प्रधानमंत्री से गुहार लगा रहे हैं कि इस बिल को वापस ले लें. किसान बिल को भी वापस लिया गया था, तो जनता के हित में इस बिल को भी वापस लिया जाना चाहिए.

गुलाम गौस से खास बातचीत (Etv Bharat)

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गुलाम गौस का जवाब : इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री से मेरी कोई बातचीत नहीं हुई, लेकिन मुझे उम्मीद है कि मुख्यमंत्री की तरफ से कुछ कार्रवाई होगी. मुख्यमंत्री ने कुछ सुझाव भेजे हैं, तो मुख्यमंत्री भी संतुष्ट नहीं हैं.

ईटीवी भारत का सवाल : आपकी आपत्ति वक्फ संशोधन विधेयक में किस मुद्दे पर है?

गुलाम गौस का जवाब : मंदिर, गुरुद्वारा या अन्य धार्मिक ट्रस्ट में क्या मुझे सदस्य बनाया जा सकता है? देश विविधताओं से भरा हुआ है. ऐसी कई आपत्तियां हैं.

ईटीवी भारत का सवाल : नीतीश कुमार ने चुप्पी क्यों साध रखी है, कुछ बोल नहीं रहे हैं?

गुलाम गौस का जवाब : मुख्यमंत्री की तरफ से तीन शर्तें रखी गई है. भूतलक्षी प्रभाव से लागू नहीं होगा. जमीन को लेकर भी कहा है कि यह राज्य का मामला है और इसी तरह के शर्त हैं.

ईटीवी भारत का सवाल : मुस्लिम संगठनों की नाराजगी जिस प्रकार से है, तो क्या विधानसभा चुनाव में जेडीयू को नुकसान होगा?

गुलाम गौस का जवाब : नीतीश कुमार ने मुसलमानों के लिए बहुत सारा काम किया है. नीतीश कुमार ने जितना काम किया है, देश में किसी मुख्यमंत्री ने उतना काम नहीं किया है. चाहे कब्रिस्तान की घेराबंदी हो, अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय का निर्माण हो, चाहे 16000 उर्दू शिक्षकों की बहाली, चाहे मुस्लिम बच्चों के लिए प्रोत्साहन राशि हो तालमी मरकज की स्थापना हो, ट्रिब्यूनल की स्थापना हो. इस तरह के कई फैसले लिये हैं. वैसे हम लोगों की यही मांग है कि संशोधन विधेयक को वापस लेना चाहिए .

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गुलाम गौस का जवाब : विरोधी दल तो फायदा लेने के लिए करेगा ही .

ईटीवी भारत का सवाल : हाल ही में लालू यादव से आपकी मुलाकात हुई है. काफी चर्चा है कि मन डोल रहा है. क्या कहेंगे?

गुलाम गौस का जवाब : यह शिष्टाचार मुलाकात थी. 14 सालों से जिस पार्टी में हम रहे हैं, सभी लोगों से पुराना साथ रहा है. सभी जानते हैं कि गुलाम गौस जो काम करता है, डंके की चोट पर करता है.

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