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जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024: प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी ने प्रचार रैली निकाली - JK Assembly Elections 2024

JK Banned JeI holds assembly elections campaign rally: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के मतदान में अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं. ऐसे में केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव प्रचार जोरों पर है. इस बीच प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी (JEI) ने चुनावी रैली निकाली.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 9, 2024, 11:14 AM IST

Updated : Sep 9, 2024, 11:50 AM IST

Banned JeI holds assembly elections campaign rally
जम्मूृ-कश्मीर में प्रतिबंधित जेईआई ने चुनाव प्रचार रैली निकाली (ETV Bharat URDU AND J&K Desk)

श्रीनगर: प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी (JEI) ने अपने चार सदस्यों को निर्दलीय के रूप में चुनावी मैदान में उतारा है. इसी के साथ पार्टी ने कश्मीर घाटी के कुलगाम जिले में अपनी पहली चुनावी रैली की. इस रैली में हजारों कार्यकर्ताओं के साथ उस पैनल के सदस्यों ने भाग लिया जिसने चुनाव लड़ने के बारे में भारत सरकार के साथ बातचीत की थी.

जमात-ए-इस्लामी ने पुलवामा, कुलगाम, देवसर में तीन उम्मीदवार उतारे हैं और जैनापोरा सीट पर पूर्व पीडीपी विधायक एजाज अहमद मीर का समर्थन कर रही है. प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी नेताओं ने कार्यकर्ताओं से निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए रैली करने और विधानसभा चुनावों में उनके लिए प्रचार करने का आग्रह किया.

रैली का आयोजन कुलगाम जिले के बुगाम गांव में किया गया. रैली में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. रैली को जमात-ए-इस्लामी समर्थकों और कार्यकर्ताओं से भारी समर्थन मिला. बुगाम गांव को कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी के गढ़ के रूप में जाना जाता है. पार्टी समर्थित स्थानीय उम्मीदवार सयार अहमद रेशी सीपीआईएम नेता और चार बार विधायक रहे यूसुफ तारिगामी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.

रैली में पैनल के सलाहकार शमीम अहमद थोकर ने कहा कि वे भारत के संविधान के दायरे में रहकर जनता के मुद्दे उठाएंगे और जनता के अधिकारों की बात करेंगे. उन्होंने कहा कि हम भारत के संविधान का पालन करेंगे लेकिन उत्पीड़न और लोगों के अधिकारों के बारे में बात करने से नहीं कतराएंगे. हम शांति के प्रवर्तक और समर्थक बनेंगे.

थोकर ने लोगों से समर्थन की अपील की. रैली को संबोधित करते हुए थोकर ने कहा और उन्हें जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली. फरवरी 2019 में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमले के बाद भारत सरकार ने जमात-ए-इस्लामी को गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम के तहत प्रतिबंधित कर दिया था.

केंद्र से प्रतिबंध हटाने का आग्रह करते हुए प्रतिबंधित संगठनों के पैनल ने चुनाव लड़ने पर सहमति जताई है और घाटी में कुछ सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार भी उतारे हैं. बुगाम की रैली 1987 के चुनावों के बाद उसकी पहली चुनावी रैली थी. संगठन ने 1987 के चुनावों में धांधली का आरोप लगाते हुए जम्मू-कश्मीर में चुनावों का बहिष्कार करने का फैसला किया था. जेल से बाहर आए संगठन के सदस्यों ने गुलाम कादिर वानी के नेतृत्व में एक संगठन बनाया है, जो विधानसभा चुनाव लड़ने और प्रतिबंध हटाने के लिए अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी के माध्यम से भारत सरकार के साथ बातचीत का नेतृत्व कर रहा है.

ये भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर चुनाव: भाजपा ने उम्मीदवारों की छठी सूची जारी की, कठुआ से भारत भूषण को मैदान में उतारा

श्रीनगर: प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी (JEI) ने अपने चार सदस्यों को निर्दलीय के रूप में चुनावी मैदान में उतारा है. इसी के साथ पार्टी ने कश्मीर घाटी के कुलगाम जिले में अपनी पहली चुनावी रैली की. इस रैली में हजारों कार्यकर्ताओं के साथ उस पैनल के सदस्यों ने भाग लिया जिसने चुनाव लड़ने के बारे में भारत सरकार के साथ बातचीत की थी.

जमात-ए-इस्लामी ने पुलवामा, कुलगाम, देवसर में तीन उम्मीदवार उतारे हैं और जैनापोरा सीट पर पूर्व पीडीपी विधायक एजाज अहमद मीर का समर्थन कर रही है. प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी नेताओं ने कार्यकर्ताओं से निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए रैली करने और विधानसभा चुनावों में उनके लिए प्रचार करने का आग्रह किया.

रैली का आयोजन कुलगाम जिले के बुगाम गांव में किया गया. रैली में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. रैली को जमात-ए-इस्लामी समर्थकों और कार्यकर्ताओं से भारी समर्थन मिला. बुगाम गांव को कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी के गढ़ के रूप में जाना जाता है. पार्टी समर्थित स्थानीय उम्मीदवार सयार अहमद रेशी सीपीआईएम नेता और चार बार विधायक रहे यूसुफ तारिगामी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.

रैली में पैनल के सलाहकार शमीम अहमद थोकर ने कहा कि वे भारत के संविधान के दायरे में रहकर जनता के मुद्दे उठाएंगे और जनता के अधिकारों की बात करेंगे. उन्होंने कहा कि हम भारत के संविधान का पालन करेंगे लेकिन उत्पीड़न और लोगों के अधिकारों के बारे में बात करने से नहीं कतराएंगे. हम शांति के प्रवर्तक और समर्थक बनेंगे.

थोकर ने लोगों से समर्थन की अपील की. रैली को संबोधित करते हुए थोकर ने कहा और उन्हें जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली. फरवरी 2019 में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमले के बाद भारत सरकार ने जमात-ए-इस्लामी को गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम के तहत प्रतिबंधित कर दिया था.

केंद्र से प्रतिबंध हटाने का आग्रह करते हुए प्रतिबंधित संगठनों के पैनल ने चुनाव लड़ने पर सहमति जताई है और घाटी में कुछ सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार भी उतारे हैं. बुगाम की रैली 1987 के चुनावों के बाद उसकी पहली चुनावी रैली थी. संगठन ने 1987 के चुनावों में धांधली का आरोप लगाते हुए जम्मू-कश्मीर में चुनावों का बहिष्कार करने का फैसला किया था. जेल से बाहर आए संगठन के सदस्यों ने गुलाम कादिर वानी के नेतृत्व में एक संगठन बनाया है, जो विधानसभा चुनाव लड़ने और प्रतिबंध हटाने के लिए अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी के माध्यम से भारत सरकार के साथ बातचीत का नेतृत्व कर रहा है.

ये भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर चुनाव: भाजपा ने उम्मीदवारों की छठी सूची जारी की, कठुआ से भारत भूषण को मैदान में उतारा

Last Updated : Sep 9, 2024, 11:50 AM IST
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