श्रीनगर: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के दो पूर्व विधायक चार साल बाद रविवार को फिर से पार्टी में शामिल हो गए. अनंतनाग जिले के शांगस विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक मंसूर हुसैन सोहरवर्दी और विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) यासिर रेशी पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और अन्य वरिष्ठ पार्टी नेताओं की मौजूदगी में श्रीनगर स्थित पीडीपी कार्यालय में पार्टी में शामिल हुए.
रेशी और सोहरवर्दी दोनों ने 2020 में पीडीपी छोड़ दी थी. सज्जाद लोन की पीपुल्स कॉन्फ्रेंस में शामिल हो गए थे. दोनों ने 2024 का विधानसभा चुनाव निर्दलीय के तौर पर लड़ा था, लेकिन नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवारों से हार गए थे. अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त करने से पहले इन दोनों राजनेताओं को दर्जनों अन्य लोगों के साथ श्रीनगर में एसकेआईसीसी में हिरासत में लिया गया था.
Former MLA Mansoor Hussain Suharwardy & MLC Yasir Reshi returned to JKPDP in presence of @MehboobaMufti at party HQ in Srinagar. Welcomed by VP Mohd Sartaj Madni, Parliamentary Board Chief Abdul Rehman Veeri, General Secretaries Adv Abdul Haq Khan, Mohammad Khursheed Aalam,… pic.twitter.com/B4lOcploBB
— J&K PDP (@jkpdp) March 16, 2025
पीडीपी ने सोशल मीडिया एक्स पर इन नेताओं के शामिल होने की जानकारी दी. पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और उपाध्यक्ष सरताज मदनी के अलावा संसदीय बोर्ड के प्रमुख अब्दुल रहमान वीरी, महासचिव एडवोकेट अब्दुल हक खान, मोहम्मद खुर्शीद आलम, वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सैयद नईम अख्तर अंद्राबी, एडवोकेट जीएच नबी लोन हंजुरा और आसिया नकाश ने उनका पार्टी में स्वागत किया.
पीडीपी में फिर से शामिल होने के बाद मीडिया से बात करते हुए पूर्व विधायक मंसूर हुसैन सोहरवर्दी ने 5 अगस्त, 2019 को केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की.
पूर्व विधायक मंसूर हुसैन सोहरवर्दी ने कहा "भूकंप जैसी स्थिति के कारण मैं कुछ समय के लिए (पीडीपी) से बाहर था, जिसने हमारे राज्य और हमारे संविधान को छीन लिया. मैं पीडीपी में पैदा हुआ हूं और इसकी स्थापना के समय से ही इसके साथ हूं."
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