पुरी: भगवान जगन्नाथ का महोत्सव आज से शुरू हो रहा है. ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की प्रसिद्ध रथ यात्रा से पहले स्नान पूर्णिमा उत्सव आज है. इस पवित्र दिन भक्त कि भगवान जगन्नाथ, बलदेव, और सुभद्रा महारानी को स्नान करवाते हैं. इस स्नान के बाद भगवान अस्वस्थ हो जाएंगे और फिर उनका इलाज किया जाएगा.
जगन्नाथ मंदिर में शुभ देवस्नान पूर्णिमा को लेकर माहौल भक्तिमय है. ओडिशा पुलिस ने निर्बाध दर्शन, सुरक्षा और यातायात प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की है.
इस स्नान यात्रा को देव स्नान पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. ये हिंदू कैलेंडर में सबसे महान और सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है. यह ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जो आमतौर पर जून या जुलाई में पड़ता है. इस दिन भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ-साथ दिव्य सुदर्शन चक्र का पवित्र स्नान किया जाता है.
देवताओं की मूर्तियों को गर्भगृह से बाहर लाया जाता है और स्नान मंडप पर रखा जाता है. मंडप को विशेष रूप से सजाया जाता है. यहां उन्हें मंदिर परिसर के भीतर स्वर्ण कुएँ (सुना कुआ) से निकाले गए पवित्र जल के 108 घड़ों से औपचारिक रूप से स्नान कराया जाता है.
स्नान के बाद देवताओं को हाथी की पोशाक (हाटी बेशा) पहनाई जाती है. ये उनके दिव्य और राजसी रूप का प्रतीक है. भक्तों के लिए यह एक दुर्लभ और भक्ति भावना से भरा दृश्य होता है. हजारों भक्त इस भव्य परंपरा को देखने के लिए इकट्ठा होते हैं, क्योंकि यह उन दुर्लभ अवसरों में से एक है जब गैर-हिंदू और मंदिर परिसर के बाहर के लोग देवताओं की एक झलक पा सकते हैं.
पवित्र त्रिदेवों - भगवान बलभद्र, महाप्रभु जगन्नाथ और देवी सुभद्रा - के दिव्य स्नान अनुष्ठानों को देखने के लिए तीर्थ नगरी में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ रहे हैं जो भक्ति भाव में डूबे हैं.