चेन्नई: तमिलनाडु विधानसभा में कानून मंत्री रघुपति द्वारा अचानक से वह विधेयक सदन में पेश किए जाने से असमंजस की स्थिति बन गई, जिसे मंत्री सेंथिल बालाजी पेश करने वाले थे. तमिलनाडु विधानसभा में आज प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद विभिन्न विधेयकों को सदन में पेश करने की अनुमति दी गई.
खासकर, आज विधानसभा के एजेंडे में बताया गया कि मद्य निषेध एवं आबकारी मंत्री सेंथिल बालाजी 2025 में तमिलनाडु के शराब तस्करों, कंप्यूटर अपराधियों, ड्रग अपराधियों, वन अपराधियों, रेत तस्करों, यौन अपराधियों, झुग्गी भूमि हड़पने वालों और वीडियो चोरों की गतिविधियों को रोकने के लिए संशोधन विधेयक पेश करेंगे.
ऐसी स्थिति में कानून मंत्री रघुपति ने अप्रत्याशित रूप से यह विधेयक सदन में पेश कर दिया. इसके कारण विधानसभा में असमंजस की स्थिति बन गई. सेंथिल बालाजी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मामले में गिरफ्तार हुए थे. बाद में वे जमानत पर रिहा हो गए. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने सेंथिल बालाजी के मंत्री होने के खिलाफ कई तरह की राय जाहिर की थी.
पिछले दो दिनों से यह जानकारी सामने आ रही है कि सेंथिल बालाजी मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले हैं. ऐसे में रघुपति के सदन में विधेयक पेश किए जाने से सेंथिल बालाजी के इस्तीफे को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं.
विधानसभा में दाखिल किए गए सभी विधेयकों की विधानसभा के अंतिम दिन जांच की जाती है और उसके बाद उन्हें पारित किया जाता है. ऐसे में उस दिन विधानसभा में विधेयक दाखिल करने वाले मंत्रियों को उपस्थित रहना होता है. हालांकि, अगले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सेंथिल बालाजी मामले की फिर से सुनवाई होने वाली है, इसलिए यह संकट अपने चरम पर पहुंच गया है.
यह भी बताया गया है कि मंत्री रघुपति ने वह विधेयक सदन के पटल पर रख दिया जिसे सेंथिल बालाजी पेश करने वाले थे, ताकि विधेयक के कानून बनने में कोई समस्या न आए.
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