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5 साल से सिर्फ नर्मदा का जल पीकर हैं जीवित, 40 KM तक पैदल कर लेते है नर्मदा परिक्रमा - INDORE MAA NARMADA SANWAD

इंदौर में मां नर्मदा संवाद का आयोजन किया गया. जिसमें महायोगी अवधूत दादा गुरु पहुंचे. वे ऐसे चमत्कारी संत हैं, जो कई साल से केवल नर्मदा का जल ग्रहण कर रहे हैं.

INDORE MAA NARMADA SANWAD
समर्थ दादा गुरु ने नर्मदा परिक्रमा को बताया साधना (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : April 12, 2025 at 2:19 PM IST

Updated : April 12, 2025 at 2:39 PM IST

4 Min Read

इंदौर: नर्मदा चौराहे पर आयोजित 'मां नर्मदा संवाद' में महायोगी अवधूत दादा गुरु पहुंचे. उन्होंने यहां स्थापित अष्टधातु की नर्मदा प्रतिमा का दर्शन किया. नर्मदा के उपासक और महायोगी अवधूत दादा गुरु ऐसे चमत्कारी संत हैं, जो कई साल से केवल नर्मदा का जल ग्रहण कर रहे हैं. बताया जाता है कि उन्होंने उन जैविक तत्वों को सिद्ध कर लिया है, जो उनके शरीर को बिना कुछ खाए भी जरूरी जैविक और शारीरिक ऊर्जा प्रदान करते हैं.

नर्मदा परिक्रमा को बताया साधना

समर्थ दादा गुरु का मानना है कि "नर्मदा नदी के जल में असाधारण शक्ति है, जो ब्रह्मांड की कई शक्तियों का आधार तत्व है. शुक्रवार को इंदौर में विकसित किए गए नर्मदा चौराहे पर मां नर्मदा संवाद का आयोजन किया गया. जिसमें दादा गुरु शामिल हुए और यहां स्थापित अष्टाधातु की नर्मदा प्रतिमा का दर्शन किया. उन्होंने कहा कि "आमतौर पर पैदल चलना कोई साधना नहीं होती है. लेकिन नर्मदा परिक्रमा एकमात्र ऐसी परिक्रमा है, जिसमें पैदल चलना भी साधना है."

समर्थ दादा गुरु ने किया अष्टाधातु नर्मदा प्रतिमा का दर्शन (ETV Bharat)

8 बार नर्मदा परिक्रमा कर सिंहस्थ में होंगे शामिल

महायोगी अवधूत दादा गुरु ने कहा "अब तक 5 बार नर्मदा परिक्रमा कर चुके हैं. लेकिन आगामी उज्जैन सिंहस्थ के आने तक 8 बार नर्मदा परिक्रमा पूरा करूंगा. नर्मदा जल में व्याप्त शक्तियों के साथ आगामी उज्जैन सिंहस्थ में शामिल होना जीवन का एक महत्वपूर्ण अवसर होगा."

वैज्ञानिक भी हैं संत के मेटाबॉलिज्म से हैरान

बताया जाता है कि इस चमत्कार का वैज्ञानिक आधार जानने के लिए हाल ही में यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास द्वारा उनके शरीर के मेटाबॉलिज्म की व्यापक जांच और रिसर्च भी की गई. लेकिन जांच करने वाले शोधार्थी और विशेषज्ञों ने भी महायोगी अवधूत दादा गुरु के शारीरिक चमत्कार को नहीं पहचान पाए. वे भी इस बात से हैरान हैं कि आखिर कोई केवल पानी ग्रहण कर सालों तक कैसे जीवित रह सकता है.

5 साल से कर रहे हैं निराहार साधना

दरअसल, नर्मदा नदी के उपासक और नर्मदा जल को चमत्कारी बताने वाले महायोगी अवधूत दादा गुरु पिछले 5 साल से निराहार साधना कर रहे हैं. वे केवल नर्मदा का जल पीकर पूरी तरह स्वस्थ रहने के कारण चर्चा में है. महायोगी अवधूत दादा गुरु का मानना है कि "मध्य प्रदेश में बहने वाली नर्मदा नदी का पानी इतना चमत्कारी है कि वह आपके शरीर में आवश्यक ऊर्जा प्रदान करने के लिए सक्षम है. लोग इस नर्मदा जल के चमत्कार को समझ नहीं पा रहे हैं. लेकिन जल्द ही दुनिया इसके बारे में जान जाएगी."

भक्तों को नर्मदा परिक्रमा के लिए करते हैं प्रेरित

बताया जाता है कि मां नर्मदा की साधना और नर्मदा के जल तत्व की सिद्धि की बदौलत वे न केवल निराहार रहने पर भी पूरी तरह स्वस्थ हैं, बल्कि ऊर्जा से भरपूर रहते हैं. वे अन्य लोगों की तरह ही अपने दैनिक पूजा-पाठ, संत-समागम और तपस्या करते हैं. इसके साथ ही पर्यावरण एवं जल संरक्षण के अलावा नर्मदा उत्थान और नर्मदा परिक्रमा के लिए भक्तों को प्रेरित भी करते हैं.

20 जिलों में चला रहे हैं सत्संग व जागरण

दादा गुरु मध्य प्रदेश के 20 जिलों में लगातार सत्संग संवाद और जन जागरण का अभियान चला रहे हैं. दादा गुरु बताते हैं कि "3 बार प्राण वायु के आधार पर नर्मदा परिक्रमा की है. सतपुड़ा विंध्याचल पर्वत श्रृंखला में बहने वाली असाधारण नर्मदा नदी के रूप में मौजूद जलधारा में चमत्कारी तत्व हैं. जिनकी उपासना और सिद्धि की बदौलत सिर्फ दिन में 1-2 गिलास पानी पीकर 40 किलोमीटर तक पैदल नर्मदा परिक्रमा कर लेते हैं."

वैज्ञानिक आधार समझने के लिए गहन रिसर्च की आवश्यकता

स्वास्थ्य विभाग के उप संचालक इंदौर डॉ. माधव हसानी का कहना है कि "मेडिकल साइंस में माना गया है कि मानव कोशिका को जीवित रहने के लिए ग्लूकोज आवश्यक है. इसके अलावा मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया में भी शरीर में मौजूद प्रोटीन के जरिए कोशिकाएं जीवित रहती है. इसलिए चिकित्सा विज्ञान के लिहाज से यह बायोलॉजिकली पॉसिबल नहीं है. इसलिए जब तक अवधूत दादा गुरु की सभी लिविंग पैरामीटर पर विस्तृत जांच रिपोर्ट न हो तब तक कुछ भी कहना मुश्किल है. ऐसी चीजों को आध्यात्मिक तौर पर चमत्कार मान सकते हैं. लेकिन वैज्ञानिक आधार पर बिना गहन रिसर्च के गुरु जी के निराहार रहने को लेकर कुछ भी कह पाना मुश्किल है."

इंदौर: नर्मदा चौराहे पर आयोजित 'मां नर्मदा संवाद' में महायोगी अवधूत दादा गुरु पहुंचे. उन्होंने यहां स्थापित अष्टधातु की नर्मदा प्रतिमा का दर्शन किया. नर्मदा के उपासक और महायोगी अवधूत दादा गुरु ऐसे चमत्कारी संत हैं, जो कई साल से केवल नर्मदा का जल ग्रहण कर रहे हैं. बताया जाता है कि उन्होंने उन जैविक तत्वों को सिद्ध कर लिया है, जो उनके शरीर को बिना कुछ खाए भी जरूरी जैविक और शारीरिक ऊर्जा प्रदान करते हैं.

नर्मदा परिक्रमा को बताया साधना

समर्थ दादा गुरु का मानना है कि "नर्मदा नदी के जल में असाधारण शक्ति है, जो ब्रह्मांड की कई शक्तियों का आधार तत्व है. शुक्रवार को इंदौर में विकसित किए गए नर्मदा चौराहे पर मां नर्मदा संवाद का आयोजन किया गया. जिसमें दादा गुरु शामिल हुए और यहां स्थापित अष्टाधातु की नर्मदा प्रतिमा का दर्शन किया. उन्होंने कहा कि "आमतौर पर पैदल चलना कोई साधना नहीं होती है. लेकिन नर्मदा परिक्रमा एकमात्र ऐसी परिक्रमा है, जिसमें पैदल चलना भी साधना है."

समर्थ दादा गुरु ने किया अष्टाधातु नर्मदा प्रतिमा का दर्शन (ETV Bharat)

8 बार नर्मदा परिक्रमा कर सिंहस्थ में होंगे शामिल

महायोगी अवधूत दादा गुरु ने कहा "अब तक 5 बार नर्मदा परिक्रमा कर चुके हैं. लेकिन आगामी उज्जैन सिंहस्थ के आने तक 8 बार नर्मदा परिक्रमा पूरा करूंगा. नर्मदा जल में व्याप्त शक्तियों के साथ आगामी उज्जैन सिंहस्थ में शामिल होना जीवन का एक महत्वपूर्ण अवसर होगा."

वैज्ञानिक भी हैं संत के मेटाबॉलिज्म से हैरान

बताया जाता है कि इस चमत्कार का वैज्ञानिक आधार जानने के लिए हाल ही में यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास द्वारा उनके शरीर के मेटाबॉलिज्म की व्यापक जांच और रिसर्च भी की गई. लेकिन जांच करने वाले शोधार्थी और विशेषज्ञों ने भी महायोगी अवधूत दादा गुरु के शारीरिक चमत्कार को नहीं पहचान पाए. वे भी इस बात से हैरान हैं कि आखिर कोई केवल पानी ग्रहण कर सालों तक कैसे जीवित रह सकता है.

5 साल से कर रहे हैं निराहार साधना

दरअसल, नर्मदा नदी के उपासक और नर्मदा जल को चमत्कारी बताने वाले महायोगी अवधूत दादा गुरु पिछले 5 साल से निराहार साधना कर रहे हैं. वे केवल नर्मदा का जल पीकर पूरी तरह स्वस्थ रहने के कारण चर्चा में है. महायोगी अवधूत दादा गुरु का मानना है कि "मध्य प्रदेश में बहने वाली नर्मदा नदी का पानी इतना चमत्कारी है कि वह आपके शरीर में आवश्यक ऊर्जा प्रदान करने के लिए सक्षम है. लोग इस नर्मदा जल के चमत्कार को समझ नहीं पा रहे हैं. लेकिन जल्द ही दुनिया इसके बारे में जान जाएगी."

भक्तों को नर्मदा परिक्रमा के लिए करते हैं प्रेरित

बताया जाता है कि मां नर्मदा की साधना और नर्मदा के जल तत्व की सिद्धि की बदौलत वे न केवल निराहार रहने पर भी पूरी तरह स्वस्थ हैं, बल्कि ऊर्जा से भरपूर रहते हैं. वे अन्य लोगों की तरह ही अपने दैनिक पूजा-पाठ, संत-समागम और तपस्या करते हैं. इसके साथ ही पर्यावरण एवं जल संरक्षण के अलावा नर्मदा उत्थान और नर्मदा परिक्रमा के लिए भक्तों को प्रेरित भी करते हैं.

20 जिलों में चला रहे हैं सत्संग व जागरण

दादा गुरु मध्य प्रदेश के 20 जिलों में लगातार सत्संग संवाद और जन जागरण का अभियान चला रहे हैं. दादा गुरु बताते हैं कि "3 बार प्राण वायु के आधार पर नर्मदा परिक्रमा की है. सतपुड़ा विंध्याचल पर्वत श्रृंखला में बहने वाली असाधारण नर्मदा नदी के रूप में मौजूद जलधारा में चमत्कारी तत्व हैं. जिनकी उपासना और सिद्धि की बदौलत सिर्फ दिन में 1-2 गिलास पानी पीकर 40 किलोमीटर तक पैदल नर्मदा परिक्रमा कर लेते हैं."

वैज्ञानिक आधार समझने के लिए गहन रिसर्च की आवश्यकता

स्वास्थ्य विभाग के उप संचालक इंदौर डॉ. माधव हसानी का कहना है कि "मेडिकल साइंस में माना गया है कि मानव कोशिका को जीवित रहने के लिए ग्लूकोज आवश्यक है. इसके अलावा मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया में भी शरीर में मौजूद प्रोटीन के जरिए कोशिकाएं जीवित रहती है. इसलिए चिकित्सा विज्ञान के लिहाज से यह बायोलॉजिकली पॉसिबल नहीं है. इसलिए जब तक अवधूत दादा गुरु की सभी लिविंग पैरामीटर पर विस्तृत जांच रिपोर्ट न हो तब तक कुछ भी कहना मुश्किल है. ऐसी चीजों को आध्यात्मिक तौर पर चमत्कार मान सकते हैं. लेकिन वैज्ञानिक आधार पर बिना गहन रिसर्च के गुरु जी के निराहार रहने को लेकर कुछ भी कह पाना मुश्किल है."

Last Updated : April 12, 2025 at 2:39 PM IST
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