नई दिल्ली : अहमदाबाद प्लेन हादसे के कुछ दिनों बाद ही एक और फ्लाइट के पायलट ने मेडे (MAYDAY) कॉल किया. यह कॉल इंडिगो की गुवाहाटी से चेन्नई जा रही फ्लाइट के पायलट ने किया था. इसके बाद प्लेन की बेंगलुरु में इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई.
हालांकि यह जानकारी शनिवार को सामने आई है, लेकिन यह घटना 19 जून की बताई गई है. इंडिगो की इस फ्लाइट में 168 यात्री सवार थे. बताया जाता है कि पायलट ने खतरनाक रूप से कम ईंधन स्तर के कारण 'मेडे' घोषित कर दिया था.
इंडिगो प्लेन के पायलट ने फ्यूल की काफी कमी देखी थी, इसके बाद उसने एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) को मेडे यानी इमरजेंसी कॉल की थी. इसके बाद पायलट ने फिर चेन्नई में लैंडिंग का प्रयास नहीं करने का फैसला किया और उड़ान को लैंडिंग के लिए बेंगलुरु में मोड़ दिया गया. मामले की नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने जांच शुरू कर दी है.
An IndiGo flight 6E 6764 travelling from Guwahati to Chennai on Thursday was forced to divert to Bengaluru after the pilot issued a ‘fuel mayday’ call due to insufficient fuel. The diversion occurred because of congestion at Chennai airport, which prevented the aircraft from…
— ANI (@ANI) June 21, 2025
आगे की जांच तक उड़ान में शामिल दोनों पायलटों को हटा दिया गया है. हालांकि इंडिगो ने पायलट की कार्रवाई या ईंधन की स्थिति पर आधिकारिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन एयरलाइन के सूत्रों ने पुष्टि की है कि सभी 168 यात्रियों को सुरक्षित रूप से विमान से उतार लिया गया. यह आपात स्थिति एयर इंडिया बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर से जुड़ी एक दुखद घटना के ठीक एक सप्ताह बाद आई है. 12 जून को वह विमान लंदन के लिए उड़ान भरने के तुरंत बाद अहमदाबाद में आवासीय भवनों से टकरा गया था, जिसमें विमान में सवार 241 लोग मारे गए थे, जबकि एक यात्री ही जिंदा बचा था.
वहीं शुक्रवार को चेन्नई से मदुरै जाने वाली इंडिगो की एक और उड़ान में तकनीकी खराबी आ गई थी. इसमें 70 यात्रियों को लेकर उड़ान चेन्नई लौटी और सुरक्षित रूप से उतरी. विमानन सुरक्षा विशेषज्ञों ने आपातकालीन लैंडिंग और तकनीकी खराबी से जुड़ी लगातार घटनाओं के मद्देनजर परिचालन निरीक्षण, विमान की तैयारी और ईंधन प्रबंधन के बारे में चिंता जताई है. हालांकि हाल ही में इंडिगो में हुई घटनाओं में किसी यात्री को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है, लेकिन संकट की स्थिति में कॉल आने की बढ़ती आवृत्ति ने कड़ी जांच और बेहतर कॉकपिट निर्णय लेने के प्रोटोकॉल की मांग को बढ़ावा दिया है. दूसरी तरफ डीजीसीए ने अभी तक कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि दोनों घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए गहन जांच की जाएगी.
ईटीवी भारत को एक यात्री ने बताया कि उन्हें कभी पता ही नहीं चला कि यह एक इमरजेंसी है, क्योंकि इसकी कभी घोषणा नहीं की गई. उन्होंने कहा, "जब हम उतरे तो उन्होंने इतनी सुरक्षा और अग्निशमन व्यवस्था देखी कि वे घबरा गए. आमतौर पर ऐसे मामलों में यात्रियों को इमरजेंसी के बारे में कभी नहीं बताया जाता और केवल केबिन क्रू और पायलट को ही इसकी जानकारी होती है."
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