नई दिल्ली: विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर एक बड़ी कूटनीति के तहत 8 से 9 सितंबर तक सऊदी अरब के रियाद की यात्रा करेंगे. इस दौरान वे पहली भारत-खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे. साथ ही जीसीसी सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने की भी उम्मीद है.
भारत और जीसीसी के बीच राजनीतिक, व्यापार और निवेश, ऊर्जा सहयोग, सांस्कृतिक और लोगों के बीच आपसी संबंधों सहित कई क्षेत्रों में गहरे और बहुआयामी संबंध हैं. जीसीसी क्षेत्र भारत के लिए एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार के रूप में उभरा है और यहां लगभग 8.9 मिलियन की संख्या में भारतीय प्रवासी समुदाय रहता है. विदेश मंत्रियों की बैठक भारत और जीसीसी के बीच विभिन्न क्षेत्रों में संस्थागत सहयोग की समीक्षा करने और उसे गहरा करने का अवसर होगा.
यात्रा के दूसरे चरण में विदेश मंत्री 10-11 सितंबर को 2 दिवसीय यात्रा के लिए बर्लिन, जर्मनी जाएंगे. यह बर्लिन की उनकी तीसरी द्विपक्षीय यात्रा होगी. भारत और जर्मनी दोनों ही मजबूत रणनीतिक साझेदारी साझा करते हैं. इसके अलावा जर्मनी भारत के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों में से एक है और सबसे बड़े प्रत्यक्ष विदेशी निवेशकों में से एक है.
यात्रा के दौरान, विदेश मंत्री भारत और जर्मनी के बीच द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण आयाम की समीक्षा करने के उद्देश्य से जर्मन संघीय विदेश मंत्री के साथ-साथ जर्मन सरकार के नेतृत्व और अन्य मंत्रियों से मिलेंगे. इसके बाद विदेश मंत्री जयशंकर 12-13 सितंबर को आधिकारिक यात्रा के लिए जिनेवा, स्विट्जरलैंड जाएंगे.यहां विदेश मंत्री उन अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों और प्रतिनिधियों से मिलेंगे जिनके साथ भारत सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है. यात्रा के दौरान, विदेश मंत्री दोनों देशों के बीच घनिष्ठ साझेदारी की समीक्षा करने और द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ाने के अवसरों का पता लगाने के लिए स्विस विदेश मंत्री से भी मिलेंगे.
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