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कर्मचारियों का तनाव अब होगा छूमंतर, रेलवे लेगा इनकी मदद, जानिए क्या करेंगे - MENTAL HEALTH RAILWAY STAFF

रेलवे अपने अधिकारियों, कर्मचारियों और उनके परिवारों के मानसिक स्वास्थ्य और समग्र मानसिक कल्याण के लिए नैदानिक ​​मनोवैज्ञानिकों की सेवाएं प्रदान कर रहा है. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता चंचल मुखर्जी की रिपोर्ट...

INDIAN RAILWAY
भारतीय रेलवे (प्रतीकात्मक फोटो- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : June 19, 2025 at 2:09 PM IST

4 Min Read

नई दिल्ली: कर्मचारियों में मानसिक तनाव, कार्य के दबाव और पारिवारिक मुद्दों से निपटने के उद्देश्य से उत्तर पश्चिम रेलवे ने पहली बार रेलवे कर्मचारियों के साथ-साथ उनके परिवार के सदस्यों के लिए क्लिनिकल मनोवैज्ञानिकों और परामर्श की व्यवस्था करने की पहल की है. इससे रेलवे की कार्यप्रणाली में सुधार होगा और कर्मचारी पूर्ण मानसिक स्वास्थ्य और समर्पण के साथ कर्तव्यों का पालन करेंगे.

उत्तर पश्चिम रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, रेलवे अधिकारियों, कर्मचारियों और उनके परिवारों के मानसिक स्वास्थ्य और समग्र मानसिक कल्याण के लिए नैदानिक ​​मनोवैज्ञानिकों की सेवाएं प्रदान कर रहा है.

इस मुद्दे पर चर्चा करते हुए उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशि किरण ने ईटीवी भारत को बताया कि रेलवे ने यह पहल एक कर्मचारी द्वारा किसी कारण से आत्महत्या करने के बाद की है. इसके बाद एनडब्ल्यूआर ने रेलवे कर्मचारियों और उनके परिवारों को तनाव और अन्य चिंताजनक मुद्दों से निपटने के लिए बेहतर समाधान प्रदान करने के लिए कुछ नैदानिक ​​मनोवैज्ञानिकों और परामर्शदाताओं को नियुक्त किया है.

सीपीआरओ ने कहा, "ये परामर्शदाता निर्धारित स्थानों पर दैनिक आधार पर अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं और कभी-कभी वे विभागों और अनुभागों में जाकर उन कर्मचारियों से बात करते हैं जो काम के तनाव, परिवार से संबंधित समस्याओं और अन्य चिंताजनक मुद्दों का सामना कर रहे हैं जो उनके मानसिक स्वास्थ्य और कार्य कुशलता को प्रभावित करते हैं."

कर्मचारियों के कल्याण के लिए इस पहल की सराहना करते हुए भारतीय रेलवे एसएंडटी मेंटेनर्स यूनियन (IRSTMU) के महासचिव आलोक चंद्र प्रकाश ने ईटीवी भारत से कहा, "कर्मचारियों के लिए यह एक अच्छी पहल है, लेकिन रिक्त पदों पर नियुक्ति के बाद काम का दबाव कम हो जाएगा. रेलवे में कर्मचारियों की समस्याओं से निपटने के लिए कल्याण अधिकारी पहले से ही उपलब्ध हैं, लेकिन काम का दबाव हमेशा की तरह बना हुआ है."

उत्तर पश्चिम रेलवे मुख्यालय के साथ सभी चार मंडलों और अजमेर वर्कशॉप में अनुबंध आधार पर क्लिनिकल मनोवैज्ञानिकों की नियुक्ति की गई है. अधिकारी ने बताया कि ये नैदानिक ​​मनोवैज्ञानिक और परामर्शदाता मानसिक स्वास्थ्य परामर्श जैसे तनाव, चिंता, अवसाद और अन्य मानसिक विकारों के निदान और उपचार के लिए व्यक्तिगत परामर्श प्रदान कर रहे हैं.

एनडब्ल्यूआर अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा वैवाहिक एवं पारिवारिक परामर्श जैसे वैवाहिक मतभेद, पारिवारिक कलह, पारिवारिक संबंधों में सुधार के लिए परामर्श, क्रोध नियंत्रण, नशाखोरी, इंटरनेट संबंधी विकार और आत्म-नियंत्रण संबंधी कठिनाइयों जैसे व्यवहार संबंधी समस्याओं के उपचार के लिए मनोचिकित्सा सहायता प्रदान की जाएगी.

इस पहल पर प्रतिक्रिया देते हुए ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के केंद्रीय अध्यक्ष राम शरण ने ईटीवी भारत से कहा, "क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट और काउंसलर उपलब्ध कराने की पहल से लोको पायलटों को मदद नहीं मिलेगी, क्योंकि हमें अतिरिक्त ड्यूटी घंटे करने पड़ते हैं और ड्यूटी के दौरान हमें अपने परिवार से फोन पर बात करने की अनुमति नहीं होती है, फिर इससे हमें कैसे मदद मिलेगी?"

बच्चों और किशोरों के लिए विशेष सेवाएं, जैसे कि एकाग्रता की कमी, शैक्षणिक प्रदर्शन में गिरावट, व्यवहार संबंधी समस्याएं और आत्मविश्वास की कमी के लिए परामर्श और मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन सेवाएं प्रदान की जाएंगी.

नैदानिक ​​मनोवैज्ञानिक द्वारा मनोवैज्ञानिक परीक्षण और मूल्यांकन जैसे कि आईक्यू टेस्ट, व्यक्तिगत परीक्षण, मानसिक विकारों और तनाव का मूल्यांकन और जीवन कौशल प्रशिक्षण जैसे कि कार्यस्थल तनाव, समय प्रबंधन, संचार कौशल और आत्म-प्रेरणा से संबंधित प्रशिक्षण और चिकित्सा सत्र आयोजित किए जाएंगे.

अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा दीर्घकालिक मानसिक बीमारियों या सेवानिवृत्ति और दुर्घटना जैसे बड़े जीवन परिवर्तनों के बाद उनसे निपटने के लिए पुनर्वास परामर्श भी प्रदान किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग को लेकर किया बड़ा बदलाव, 1 जुलाई से ये नहीं कर पाएंगे टिकट बुक; जानें क्या है नियम

नई दिल्ली: कर्मचारियों में मानसिक तनाव, कार्य के दबाव और पारिवारिक मुद्दों से निपटने के उद्देश्य से उत्तर पश्चिम रेलवे ने पहली बार रेलवे कर्मचारियों के साथ-साथ उनके परिवार के सदस्यों के लिए क्लिनिकल मनोवैज्ञानिकों और परामर्श की व्यवस्था करने की पहल की है. इससे रेलवे की कार्यप्रणाली में सुधार होगा और कर्मचारी पूर्ण मानसिक स्वास्थ्य और समर्पण के साथ कर्तव्यों का पालन करेंगे.

उत्तर पश्चिम रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, रेलवे अधिकारियों, कर्मचारियों और उनके परिवारों के मानसिक स्वास्थ्य और समग्र मानसिक कल्याण के लिए नैदानिक ​​मनोवैज्ञानिकों की सेवाएं प्रदान कर रहा है.

इस मुद्दे पर चर्चा करते हुए उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशि किरण ने ईटीवी भारत को बताया कि रेलवे ने यह पहल एक कर्मचारी द्वारा किसी कारण से आत्महत्या करने के बाद की है. इसके बाद एनडब्ल्यूआर ने रेलवे कर्मचारियों और उनके परिवारों को तनाव और अन्य चिंताजनक मुद्दों से निपटने के लिए बेहतर समाधान प्रदान करने के लिए कुछ नैदानिक ​​मनोवैज्ञानिकों और परामर्शदाताओं को नियुक्त किया है.

सीपीआरओ ने कहा, "ये परामर्शदाता निर्धारित स्थानों पर दैनिक आधार पर अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं और कभी-कभी वे विभागों और अनुभागों में जाकर उन कर्मचारियों से बात करते हैं जो काम के तनाव, परिवार से संबंधित समस्याओं और अन्य चिंताजनक मुद्दों का सामना कर रहे हैं जो उनके मानसिक स्वास्थ्य और कार्य कुशलता को प्रभावित करते हैं."

कर्मचारियों के कल्याण के लिए इस पहल की सराहना करते हुए भारतीय रेलवे एसएंडटी मेंटेनर्स यूनियन (IRSTMU) के महासचिव आलोक चंद्र प्रकाश ने ईटीवी भारत से कहा, "कर्मचारियों के लिए यह एक अच्छी पहल है, लेकिन रिक्त पदों पर नियुक्ति के बाद काम का दबाव कम हो जाएगा. रेलवे में कर्मचारियों की समस्याओं से निपटने के लिए कल्याण अधिकारी पहले से ही उपलब्ध हैं, लेकिन काम का दबाव हमेशा की तरह बना हुआ है."

उत्तर पश्चिम रेलवे मुख्यालय के साथ सभी चार मंडलों और अजमेर वर्कशॉप में अनुबंध आधार पर क्लिनिकल मनोवैज्ञानिकों की नियुक्ति की गई है. अधिकारी ने बताया कि ये नैदानिक ​​मनोवैज्ञानिक और परामर्शदाता मानसिक स्वास्थ्य परामर्श जैसे तनाव, चिंता, अवसाद और अन्य मानसिक विकारों के निदान और उपचार के लिए व्यक्तिगत परामर्श प्रदान कर रहे हैं.

एनडब्ल्यूआर अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा वैवाहिक एवं पारिवारिक परामर्श जैसे वैवाहिक मतभेद, पारिवारिक कलह, पारिवारिक संबंधों में सुधार के लिए परामर्श, क्रोध नियंत्रण, नशाखोरी, इंटरनेट संबंधी विकार और आत्म-नियंत्रण संबंधी कठिनाइयों जैसे व्यवहार संबंधी समस्याओं के उपचार के लिए मनोचिकित्सा सहायता प्रदान की जाएगी.

इस पहल पर प्रतिक्रिया देते हुए ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के केंद्रीय अध्यक्ष राम शरण ने ईटीवी भारत से कहा, "क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट और काउंसलर उपलब्ध कराने की पहल से लोको पायलटों को मदद नहीं मिलेगी, क्योंकि हमें अतिरिक्त ड्यूटी घंटे करने पड़ते हैं और ड्यूटी के दौरान हमें अपने परिवार से फोन पर बात करने की अनुमति नहीं होती है, फिर इससे हमें कैसे मदद मिलेगी?"

बच्चों और किशोरों के लिए विशेष सेवाएं, जैसे कि एकाग्रता की कमी, शैक्षणिक प्रदर्शन में गिरावट, व्यवहार संबंधी समस्याएं और आत्मविश्वास की कमी के लिए परामर्श और मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन सेवाएं प्रदान की जाएंगी.

नैदानिक ​​मनोवैज्ञानिक द्वारा मनोवैज्ञानिक परीक्षण और मूल्यांकन जैसे कि आईक्यू टेस्ट, व्यक्तिगत परीक्षण, मानसिक विकारों और तनाव का मूल्यांकन और जीवन कौशल प्रशिक्षण जैसे कि कार्यस्थल तनाव, समय प्रबंधन, संचार कौशल और आत्म-प्रेरणा से संबंधित प्रशिक्षण और चिकित्सा सत्र आयोजित किए जाएंगे.

अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा दीर्घकालिक मानसिक बीमारियों या सेवानिवृत्ति और दुर्घटना जैसे बड़े जीवन परिवर्तनों के बाद उनसे निपटने के लिए पुनर्वास परामर्श भी प्रदान किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग को लेकर किया बड़ा बदलाव, 1 जुलाई से ये नहीं कर पाएंगे टिकट बुक; जानें क्या है नियम

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