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सीनियर सिटिजन छूट वापस लेकर मालामाल हुआ रेलवे, जानें कितनी हुई कमाई ? - INDIAN RAILWAYS

हाल ही में संसंद में वरिष्ठ नागरिकों के लिए ट्रेन टिकट पर रियायत बहाल करने को लेकर सवाल पूछा गया था.

Indian Railways
सीनियर सिटिजन छूट वापस लेकर मालामाल हुआ (Getty Images)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : April 10, 2025 at 7:19 PM IST

3 Min Read

नई दिल्ली: रेल मंत्रालय के अधीन काम करने वाले सेंटर फॉर रेलवे इंफोर्मेशन सिस्टम (CRIS) ने सूचना के अधिकार अधिनियम (RTI) के तहत एक ऐप्लीकेशन का जवाब दिया है. इस आवेदन में पूछा गया था कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए रियायतें वापस लेकर पिछले पांच साल में रेलवे ने कितना पैसा कमाया है.

सेंटर फॉर रेलवे इंफोर्मेशन सिस्टम (CRIS) ने बताया कि भारतीय रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए रियायतें वापस लेकर पिछले पांच साल में लगभग 8,913 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया है. बता दें कि CRIS रेल मंत्रालय के अधीन काम करता है और विभिन्न सेवाएं प्रदान करता है. इनमें टिकटिंग और यात्रियों के डेटा का विकास और रखरखाव भी शामिल है.

गौरतलब है कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए ट्रेन टिकट पर रियायत बहाल करने का सवाल संसद में कई मौकों पर सदस्यों द्वारा उठाया गया था, हालांकि, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि रेलवे पहले से ही प्रत्येक यात्री को औसतन 46 प्रतिशत रियायत देता है.

कितनी मिलती थी छूट ?
बता दें कि 60 साल से अधिक आयु के पुरुष, ट्रांसजेंडर और 58 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को 20 मार्च, 2020 से पहले सभी वर्गों के लिए ट्रेन टिकटों पर क्रमशः 40 प्रतिशत और 50 प्रतिशत की छूट मिलती थी, लेकिन कोविड महामारी के कारण रेल मंत्रालय ने इसे वापस ले लिया था.

मध्य प्रदेश के RTI कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ का बयान
मध्य प्रदेश के RTI कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने कहा, "मैंने 20 मार्च 2020 से लेकर रेल मंत्रालय में आरटीआई अधिनियम के तहत कई आवेदन दायर किए और सबसे हालिया आवेदन मार्च 2025 का था, जब मैंने डेटा का विश्लेषण किया तो पाया कि लगभग 18.279 करोड़ पुरुष, 13.065 करोड़ महिलाएं और 43,536 ट्रांसजेंडर यात्रियों ने 20 मार्च 2020 से 28 फरवरी 2025 के बीच यात्रा करेंगे."

रेल मंत्रालय ने रियायतें बहाल करने का विरोध किया
रेल मंत्रालय ने पहले भी कई मौकों पर वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली रियायतें बहाल करने की मांग का विरोध किया है. 19 मार्च, 2025 को लोकसभा में एक लिखित जवाब में वैष्णव ने कहा, "भारतीय रेलवे समाज के सभी वर्गों को सस्ती सेवाएं प्रदान करने का प्रयास करता है और 2022-23 में यात्री टिकटों पर 56,993 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है. यह रेलवे में यात्रा करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को औसतन 46 प्रतिशत की रियायत है."

गौड़ ने रियायत बहाल करने की मांग की और सवाल किया, "एक आम नागरिक जीवन भर विभिन्न टैक्स का भुगतान करता है और वरिष्ठ नागरिक की उम्र में प्रवेश करते ही क्या वह रेलवे से रियायती रेल टिकट की सुविधा की उम्मीद नहीं कर सकता?" उन्होंने कहा, "किस आधार पर सरकार खुद को कल्याणकारी राज्य कहती है?"

यह भी पढ़ें- जानें कौन हैं डेविड हेडली, 26/11 हमले की रची थी साजिश, तहव्वुर राणा से क्या संबंध ?

नई दिल्ली: रेल मंत्रालय के अधीन काम करने वाले सेंटर फॉर रेलवे इंफोर्मेशन सिस्टम (CRIS) ने सूचना के अधिकार अधिनियम (RTI) के तहत एक ऐप्लीकेशन का जवाब दिया है. इस आवेदन में पूछा गया था कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए रियायतें वापस लेकर पिछले पांच साल में रेलवे ने कितना पैसा कमाया है.

सेंटर फॉर रेलवे इंफोर्मेशन सिस्टम (CRIS) ने बताया कि भारतीय रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए रियायतें वापस लेकर पिछले पांच साल में लगभग 8,913 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया है. बता दें कि CRIS रेल मंत्रालय के अधीन काम करता है और विभिन्न सेवाएं प्रदान करता है. इनमें टिकटिंग और यात्रियों के डेटा का विकास और रखरखाव भी शामिल है.

गौरतलब है कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए ट्रेन टिकट पर रियायत बहाल करने का सवाल संसद में कई मौकों पर सदस्यों द्वारा उठाया गया था, हालांकि, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि रेलवे पहले से ही प्रत्येक यात्री को औसतन 46 प्रतिशत रियायत देता है.

कितनी मिलती थी छूट ?
बता दें कि 60 साल से अधिक आयु के पुरुष, ट्रांसजेंडर और 58 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को 20 मार्च, 2020 से पहले सभी वर्गों के लिए ट्रेन टिकटों पर क्रमशः 40 प्रतिशत और 50 प्रतिशत की छूट मिलती थी, लेकिन कोविड महामारी के कारण रेल मंत्रालय ने इसे वापस ले लिया था.

मध्य प्रदेश के RTI कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ का बयान
मध्य प्रदेश के RTI कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने कहा, "मैंने 20 मार्च 2020 से लेकर रेल मंत्रालय में आरटीआई अधिनियम के तहत कई आवेदन दायर किए और सबसे हालिया आवेदन मार्च 2025 का था, जब मैंने डेटा का विश्लेषण किया तो पाया कि लगभग 18.279 करोड़ पुरुष, 13.065 करोड़ महिलाएं और 43,536 ट्रांसजेंडर यात्रियों ने 20 मार्च 2020 से 28 फरवरी 2025 के बीच यात्रा करेंगे."

रेल मंत्रालय ने रियायतें बहाल करने का विरोध किया
रेल मंत्रालय ने पहले भी कई मौकों पर वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली रियायतें बहाल करने की मांग का विरोध किया है. 19 मार्च, 2025 को लोकसभा में एक लिखित जवाब में वैष्णव ने कहा, "भारतीय रेलवे समाज के सभी वर्गों को सस्ती सेवाएं प्रदान करने का प्रयास करता है और 2022-23 में यात्री टिकटों पर 56,993 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है. यह रेलवे में यात्रा करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को औसतन 46 प्रतिशत की रियायत है."

गौड़ ने रियायत बहाल करने की मांग की और सवाल किया, "एक आम नागरिक जीवन भर विभिन्न टैक्स का भुगतान करता है और वरिष्ठ नागरिक की उम्र में प्रवेश करते ही क्या वह रेलवे से रियायती रेल टिकट की सुविधा की उम्मीद नहीं कर सकता?" उन्होंने कहा, "किस आधार पर सरकार खुद को कल्याणकारी राज्य कहती है?"

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