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रेलवे सुरक्षा बढ़ाने की नई पहल, क्रॉसिंग गेटों पर लगाए जा रहे CCTV कैमरे - CAMERAS AT RAILWAYS CROSSING GATES

रेलवे ने पहले चरण में ऐसे लेवल क्रॉसिंग पर 25 निगरानी कैमरे लगाए हैं, जहां भारी वाहन अक्सर गुजरते हैं.

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सांकेतिक फोतो (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : April 29, 2025 at 4:45 PM IST

4 Min Read

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे अपने व्यापक नेटवर्क पर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल कर रहा है. मानवीय त्रुटियों को कम करने, दुर्घटनाओं की संभावना को न्यूनतम करने और ट्रेनों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, रेलवे क्रॉसिंग गेटों पर उन्नत निगरानी कैमरे स्थापित कर रहा है. इस पहल से न केवल अनधिकृत प्रवेश पर नजर रखी जा सकेगी, बल्कि डेटा विश्लेषण के माध्यम से कमजोर स्थानों की पहचान कर भविष्य की सुरक्षा व्यवस्थाओं को और प्रभावी बनाया जा सकेगा.

रेलवे सुरक्षा में क्रांतिकारी बदलाव
रेलवे की इस पहल का मुख्य उद्देश्य ट्रैक पर हो सकने वाली दुर्घटनाओं को रोकना है, जहां अक्सर वाहन या व्यक्ति बूम बैरियर को नजरअंदाज कर प्रवेश कर जाते हैं. निगरानी कैमरों से प्राप्त डेटा को सुरक्षित रूप से संरक्षित किया जाएगा, जिसका उपयोग सुरक्षा उल्लंघनों का विश्लेषण करने के लिए किया जाएगा. उदाहरण के तौर पर, अगर कोई वाहन अनधिकृत रूप से ट्रैक पर घुसता है, तो कैमरे इस घटना को रिकॉर्ड करेंगे, जिससे रेलवे कमजोर इलाकों की पहचान कर सकेगा और उन स्थानों पर अतिरिक्त निगरानी बढ़ा सकेगा.

उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण ने इस पहल को अहम बताते हुए कहा, "रेलवे ने व्यस्त क्रॉसिंग गेटों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं, क्योंकि कभी-कभी वाहन अनधिकृत रूप से गेट पार कर ट्रैक पर आ जाते हैं, जिससे दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है. लोग बूम बैरियर को नुकसान पहुंचाते हैं या अन्य अनधिकृत गतिविधियां करते हैं. हम रेलवे पटरियों के कमजोर स्थानों की पहचान कर रहे हैं और वहां सुरक्षा बढ़ाने के लिए ये कैमरे लगा रहे हैं.

इसी तरह, पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज सिंह ने बताया, "रेलवे ने पहले चरण में ऐसे लेवल क्रॉसिंग पर 25 निगरानी कैमरे लगाए हैं, जहां भारी वाहन अक्सर गुजरते हैं. यह ट्रेनों और यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए किया जा रहा है, और अन्य स्थानों की पहचान भी की जा रही है. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के सीपीआरओ कपिंजल किशोर शर्मा ने कहा, यह यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने और निर्बाध ट्रेन संचालन सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है. हमने लेवल क्रॉसिंग पर उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाले कैमरे लगाने शुरू किए हैं, जो रेलवे कर्मचारियों को गेट संचालन को सक्रिय रूप से प्रबंधित करने में मदद करेंगे. ये कैमरे अनधिकृत पहुंच या बाधाओं जैसे खतरों को समय पर रोक सकेंगे.

अन्य सुरक्षा उपाय
अधिकारियों ने बताया कि हासीमारा-कालचीनी में इंटरमीडिएट ब्लॉक सिग्नलिंग हट्स पर 6 कैमरे लगाए गए हैं, ताकि दूरस्थ सिग्नलिंग स्थानों पर निगरानी मजबूत की जा सके. इसके अलावा, कटिहार, अलीपुरद्वार, लुमडिंग और तिनसुकिया में लगभग 29 स्लाइडिंग बूम बैरियर लगाए गए हैं, जो सुरक्षा को और मजबूत करते हैं. रेलवे ने 15 लेवल क्रॉसिंग गेटों पर रबराइज्ड सरफेसिंग की शुरुआत भी की है, जो वाहनों के फिसलने के जोखिम को कम करेगा और सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षित क्रॉसिंग सुनिश्चित करेगा. इससे समग्र सड़क-ट्रैक इंटरफेस में सुधार होगा.

रेलवे की सुरक्षा में सुधार की गति को लोकसभा के आंकड़ों से समझा जा सकता है. 31 जनवरी तक, 11,083 लेवल क्रॉसिंग गेटों पर इंटरलॉकिंग की गई है, जो यात्रियों और ट्रेनों की सुरक्षा को मजबूत करने में मदद कर रही है. इसके अलावा, पिछले वर्ष मार्च तक सभी मानवरहित लेवल क्रॉसिंग गेटों को समाप्त कर दिया गया है, और पिछले दस वर्षों में लगभग 7,075 मानवयुक्त लेवल क्रॉसिंग गेटों को हटाया गया है. ये कदम रेलवे को दुर्घटनाओं से मुक्त बनाने की दिशा में एक बड़ी छलांग साबित हो रहे हैं.

यह भी पढ़ें- लखनऊ-कानपुर के हजारों रेल यात्रियों को बड़ी राहत: 40 दिन बाद रेलवे ट्रैक बहाल, पुराने रूटों पर लौटीं 15 से ज्यादा ट्रेनें

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे अपने व्यापक नेटवर्क पर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल कर रहा है. मानवीय त्रुटियों को कम करने, दुर्घटनाओं की संभावना को न्यूनतम करने और ट्रेनों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, रेलवे क्रॉसिंग गेटों पर उन्नत निगरानी कैमरे स्थापित कर रहा है. इस पहल से न केवल अनधिकृत प्रवेश पर नजर रखी जा सकेगी, बल्कि डेटा विश्लेषण के माध्यम से कमजोर स्थानों की पहचान कर भविष्य की सुरक्षा व्यवस्थाओं को और प्रभावी बनाया जा सकेगा.

रेलवे सुरक्षा में क्रांतिकारी बदलाव
रेलवे की इस पहल का मुख्य उद्देश्य ट्रैक पर हो सकने वाली दुर्घटनाओं को रोकना है, जहां अक्सर वाहन या व्यक्ति बूम बैरियर को नजरअंदाज कर प्रवेश कर जाते हैं. निगरानी कैमरों से प्राप्त डेटा को सुरक्षित रूप से संरक्षित किया जाएगा, जिसका उपयोग सुरक्षा उल्लंघनों का विश्लेषण करने के लिए किया जाएगा. उदाहरण के तौर पर, अगर कोई वाहन अनधिकृत रूप से ट्रैक पर घुसता है, तो कैमरे इस घटना को रिकॉर्ड करेंगे, जिससे रेलवे कमजोर इलाकों की पहचान कर सकेगा और उन स्थानों पर अतिरिक्त निगरानी बढ़ा सकेगा.

उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण ने इस पहल को अहम बताते हुए कहा, "रेलवे ने व्यस्त क्रॉसिंग गेटों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं, क्योंकि कभी-कभी वाहन अनधिकृत रूप से गेट पार कर ट्रैक पर आ जाते हैं, जिससे दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है. लोग बूम बैरियर को नुकसान पहुंचाते हैं या अन्य अनधिकृत गतिविधियां करते हैं. हम रेलवे पटरियों के कमजोर स्थानों की पहचान कर रहे हैं और वहां सुरक्षा बढ़ाने के लिए ये कैमरे लगा रहे हैं.

इसी तरह, पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज सिंह ने बताया, "रेलवे ने पहले चरण में ऐसे लेवल क्रॉसिंग पर 25 निगरानी कैमरे लगाए हैं, जहां भारी वाहन अक्सर गुजरते हैं. यह ट्रेनों और यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए किया जा रहा है, और अन्य स्थानों की पहचान भी की जा रही है. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के सीपीआरओ कपिंजल किशोर शर्मा ने कहा, यह यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने और निर्बाध ट्रेन संचालन सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है. हमने लेवल क्रॉसिंग पर उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाले कैमरे लगाने शुरू किए हैं, जो रेलवे कर्मचारियों को गेट संचालन को सक्रिय रूप से प्रबंधित करने में मदद करेंगे. ये कैमरे अनधिकृत पहुंच या बाधाओं जैसे खतरों को समय पर रोक सकेंगे.

अन्य सुरक्षा उपाय
अधिकारियों ने बताया कि हासीमारा-कालचीनी में इंटरमीडिएट ब्लॉक सिग्नलिंग हट्स पर 6 कैमरे लगाए गए हैं, ताकि दूरस्थ सिग्नलिंग स्थानों पर निगरानी मजबूत की जा सके. इसके अलावा, कटिहार, अलीपुरद्वार, लुमडिंग और तिनसुकिया में लगभग 29 स्लाइडिंग बूम बैरियर लगाए गए हैं, जो सुरक्षा को और मजबूत करते हैं. रेलवे ने 15 लेवल क्रॉसिंग गेटों पर रबराइज्ड सरफेसिंग की शुरुआत भी की है, जो वाहनों के फिसलने के जोखिम को कम करेगा और सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षित क्रॉसिंग सुनिश्चित करेगा. इससे समग्र सड़क-ट्रैक इंटरफेस में सुधार होगा.

रेलवे की सुरक्षा में सुधार की गति को लोकसभा के आंकड़ों से समझा जा सकता है. 31 जनवरी तक, 11,083 लेवल क्रॉसिंग गेटों पर इंटरलॉकिंग की गई है, जो यात्रियों और ट्रेनों की सुरक्षा को मजबूत करने में मदद कर रही है. इसके अलावा, पिछले वर्ष मार्च तक सभी मानवरहित लेवल क्रॉसिंग गेटों को समाप्त कर दिया गया है, और पिछले दस वर्षों में लगभग 7,075 मानवयुक्त लेवल क्रॉसिंग गेटों को हटाया गया है. ये कदम रेलवे को दुर्घटनाओं से मुक्त बनाने की दिशा में एक बड़ी छलांग साबित हो रहे हैं.

यह भी पढ़ें- लखनऊ-कानपुर के हजारों रेल यात्रियों को बड़ी राहत: 40 दिन बाद रेलवे ट्रैक बहाल, पुराने रूटों पर लौटीं 15 से ज्यादा ट्रेनें

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