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म्यूल अकाउंट पर लगेगी लगाम, बैंक एसोसिएशन ने मांगी RBI से खाते फ्रीज करने की इजाजत - INDIAN BANKS ASSOCIATIONS

म्यूल अकाउंट ऐसे बैंक खाते होते हैं, जो गैरकानूनी गतिविधियों के जरिए पैसों के लेनदेन का जरिया बनते हैं.

indian Banks Associations
म्यूल बैंक अकाउंट पर लगेगी लगाम (सांकेतिक तस्वीर)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : April 14, 2025 at 1:25 PM IST

3 Min Read

नई दिल्ली: बैंकों ने RBI से साइबर फ्रॉड में यूज होने वाले फर्जी अकाउंट को फ्रीज करने की अनुमति मांगी है. म्यूल अकाउंट से जुड़े साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए बैंकों ने अथॉरिटी से कहा है कि वह अदालतों या कानून प्रवर्तन एजेंसियों से प्रायर अप्रूवल की आवश्यकता के बिना उन्हें अवैध लेनदेन के लिए उपयोग किए जाने वाले अकाउंट को फ्रीज करने की इजाजत दे.

भारतीय बैंक संघ द्वारा गठित एक कार्य समूह ने सिफारिश की है कि इस मुद्दे को आगे के विचार के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के समक्ष उठाया जाना चाहिए. बता दें कि धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत बैंकों के पास उचित प्राधिकरण के बिना अकाउंट को फ्रीज या ब्लॉक करने का कानूनी अधिकार नहीं है. वर्तमान में बैंक इंटरनल अलर्ट के आधार पर अकाउंट ब्लॉक कर सकते हैं.

सिस्टम की खामियों का फायदा उठाते हैं धोखेबाज
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक संघ ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि धोखेबाज बैंकिंग सिस्टम के जरिए अवैध रूप से पैसों की हेराफेरी करने के लिए फर्जी अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं. बैंक हर साल ऐसे हजारों अकाउंट को जब्त करते हैं, लेकिन धोखेबाज सिस्टम में खामियों का फायदा उठाकर नए अकाउंट बना लेते हैं.

चुनाव आयोग के डेटाबेस का इस्तेमाल करने का प्रस्ताव
रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया है कि बैंक उन अकाउंट की भी पहचान और मॉनिटरिंग करे जिनका इस्तेमाल म्यूल अकाउंट के रूप में हो सकता है. इसने मतदाता पहचान पत्र और फॉर्म 60 (जब पैन उपलब्ध न हो) का इस्तेमाल करके अकाउंट खोलने वाले व्यक्तियों को वेरिफाई करने के लिए चुनाव आयोग के डेटाबेस का उपयोग करने का प्रस्ताव दिया है. साथ ही ऐसे खातों पर लेनदेन की संख्या सीमित करने का भी सुझाव दिया.

टेक्नोलॉजी-ड्रिवेन अप्रोच
म्यूल अकाउंट से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए रिपोर्ट ने टेक्नोलॉजी-ड्रिवेन अप्रोच की सिफारिश की. लेनदेन की निगरानी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) का उपयोग संदिग्ध गतिविधियों का पता लगाने, धोखाधड़ी के पैटर्न का अनुमान लगाने और वित्तीय प्रणाली को मजबूत करने में मदद कर सकता है.

इसके लिए तकनीकी निवेश, कर्मचारियों की ट्रेनिंग और बैंकों, रेगुलेटर्स, कानून प्रवर्तन और टेक्नोलॉजी प्रोवाइडर्स के बीच सहयोग से जुड़ा एक कोर्डिनेटेड प्रयास आवश्यक है. रिपोर्ट में म्यूल अकाउंट से संबंधित धोखाधड़ी को संबोधित करने के लिए एक रणनीतिक योजना भी पेश की गई है.

म्यूल अकाउंट क्या होते हैं ?
म्यूल अकाउंट ऐसे बैंक खाते होते हैं, जो गैरकानूनी गतिविधियों के जरिए पैसों के लेनदेन का जरिया बनते हैं. ये अकाउंट अक्सर ऐसे लोग खोलते हैं, जो कुछ पैसे, कमीशन या शुल्क लेकर दूसरे व्यक्ति को अपना बैंक इस्तेमाल करने की अनुमति देते हैं. इन अकाउंट का इस्तेमाल असल अकाउंटहोल्डर की जगह कोई और व्यक्ति करता है. ये अकाउंट किसी अन्य व्यक्ति के केवाईसी दस्तावेजों का उपयोग करके खोले जाते हैं.

यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर: 7200 म्यूल बैंक अकाउंट का पर्दाफाश, सलाखों के पीछे पहुंचे 21 लोग

नई दिल्ली: बैंकों ने RBI से साइबर फ्रॉड में यूज होने वाले फर्जी अकाउंट को फ्रीज करने की अनुमति मांगी है. म्यूल अकाउंट से जुड़े साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए बैंकों ने अथॉरिटी से कहा है कि वह अदालतों या कानून प्रवर्तन एजेंसियों से प्रायर अप्रूवल की आवश्यकता के बिना उन्हें अवैध लेनदेन के लिए उपयोग किए जाने वाले अकाउंट को फ्रीज करने की इजाजत दे.

भारतीय बैंक संघ द्वारा गठित एक कार्य समूह ने सिफारिश की है कि इस मुद्दे को आगे के विचार के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के समक्ष उठाया जाना चाहिए. बता दें कि धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत बैंकों के पास उचित प्राधिकरण के बिना अकाउंट को फ्रीज या ब्लॉक करने का कानूनी अधिकार नहीं है. वर्तमान में बैंक इंटरनल अलर्ट के आधार पर अकाउंट ब्लॉक कर सकते हैं.

सिस्टम की खामियों का फायदा उठाते हैं धोखेबाज
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक संघ ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि धोखेबाज बैंकिंग सिस्टम के जरिए अवैध रूप से पैसों की हेराफेरी करने के लिए फर्जी अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं. बैंक हर साल ऐसे हजारों अकाउंट को जब्त करते हैं, लेकिन धोखेबाज सिस्टम में खामियों का फायदा उठाकर नए अकाउंट बना लेते हैं.

चुनाव आयोग के डेटाबेस का इस्तेमाल करने का प्रस्ताव
रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया है कि बैंक उन अकाउंट की भी पहचान और मॉनिटरिंग करे जिनका इस्तेमाल म्यूल अकाउंट के रूप में हो सकता है. इसने मतदाता पहचान पत्र और फॉर्म 60 (जब पैन उपलब्ध न हो) का इस्तेमाल करके अकाउंट खोलने वाले व्यक्तियों को वेरिफाई करने के लिए चुनाव आयोग के डेटाबेस का उपयोग करने का प्रस्ताव दिया है. साथ ही ऐसे खातों पर लेनदेन की संख्या सीमित करने का भी सुझाव दिया.

टेक्नोलॉजी-ड्रिवेन अप्रोच
म्यूल अकाउंट से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए रिपोर्ट ने टेक्नोलॉजी-ड्रिवेन अप्रोच की सिफारिश की. लेनदेन की निगरानी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) का उपयोग संदिग्ध गतिविधियों का पता लगाने, धोखाधड़ी के पैटर्न का अनुमान लगाने और वित्तीय प्रणाली को मजबूत करने में मदद कर सकता है.

इसके लिए तकनीकी निवेश, कर्मचारियों की ट्रेनिंग और बैंकों, रेगुलेटर्स, कानून प्रवर्तन और टेक्नोलॉजी प्रोवाइडर्स के बीच सहयोग से जुड़ा एक कोर्डिनेटेड प्रयास आवश्यक है. रिपोर्ट में म्यूल अकाउंट से संबंधित धोखाधड़ी को संबोधित करने के लिए एक रणनीतिक योजना भी पेश की गई है.

म्यूल अकाउंट क्या होते हैं ?
म्यूल अकाउंट ऐसे बैंक खाते होते हैं, जो गैरकानूनी गतिविधियों के जरिए पैसों के लेनदेन का जरिया बनते हैं. ये अकाउंट अक्सर ऐसे लोग खोलते हैं, जो कुछ पैसे, कमीशन या शुल्क लेकर दूसरे व्यक्ति को अपना बैंक इस्तेमाल करने की अनुमति देते हैं. इन अकाउंट का इस्तेमाल असल अकाउंटहोल्डर की जगह कोई और व्यक्ति करता है. ये अकाउंट किसी अन्य व्यक्ति के केवाईसी दस्तावेजों का उपयोग करके खोले जाते हैं.

यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर: 7200 म्यूल बैंक अकाउंट का पर्दाफाश, सलाखों के पीछे पहुंचे 21 लोग

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