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'अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा पर ध्यान केंद्रित करें', बंगाल हिंसा पर भारत का बांग्लादेश को जवाब - WEST BENGAL

भारत ने पश्चिम बंगाल की घटनाओं के संबंध में बांग्लादेश की ओर से की गई टिप्पणियों को खारिज कर दिया.

Jaiswal
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : April 18, 2025 at 2:37 PM IST

2 Min Read

नई दिल्ली: भारत ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में हिंसा पर बांग्लादेशी अधिकारियों की टिप्पणियों को खारिज कर दिया. भारत ने बांग्लादेश से कहा कि वह अपने देश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा पर ध्यान केंद्रित करे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "हम पश्चिम बंगाल की घटनाओं के संबंध में बांग्लादेश की ओर से की गई टिप्पणियों को खारिज करते हैं."

उन्होंने कहा, "यह बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के चल रहे उत्पीड़न पर भारत की चिंताओं के साथ तुलना करने का एक छिपा हुआ और कपटपूर्ण प्रयास है, जहां इस तरह के कृत्यों के अपराधी खुलेआम घूमते रहते हैं." बता दें कि पश्चिम बंगाल में हुए घटनाक्रमों पर बांग्लादेश के अधिकारियों द्वारा की गई टिप्पणियों के बारे में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए जायसवाल ने यह बात कही.

उन्होंने कहा, "अनुचित टिप्पणियां करने और सद्गुणों का प्रदर्शन करने के बजाय बांग्लादेश को अपने अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए."

मुस्लिमों की सुरक्षा का आह्वान
बता दें कि बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने गुरुवार को नई दिल्ली और पश्चिम बंगाल सरकार से अल्पसंख्यक मुस्लिमों की पूरी तरह से सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाने का आह्वान किया था.

उन्होंने कहा, "हम मुसलमानों पर हमलों की निंदा करते हैं, जिससे जान-माल का नुकसान होता है." आलम ने कहा, "हम भारत और पश्चिम बंगाल सरकार से अल्पसंख्यक मुस्लिम आबादी की पूरी तरह से सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाने का आग्रह करते हैं."

पिछले कुछ दिनों में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद समेत कुछ इलाकों में उस समय सांप्रदायिक हिंसा देखने को मिली,जब मुस्लिम समुदाय वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा था.

भारत-बांग्लादेश की रिश्तों में खटास
उल्लेखनीय है कि पिछले साल अगस्त में बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शन के चलते अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के ढाका से भाग जाने के बाद भारत-बांग्लादेश संबंधों में भारी गिरावट आई है. यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार द्वारा उस देश में अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं पर हमलों को रोकने में विफल रहने के बाद संबंधों में नाटकीय रूप से गिरावट आई.

यह भी पढ़ें- बोहरा समुदाय ने वक्फ संशोधन एक्ट को आकार देने में मदद की, पीएम मोदी ने बताया, सैयदना सैफुद्दीन से ली सलाह

नई दिल्ली: भारत ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में हिंसा पर बांग्लादेशी अधिकारियों की टिप्पणियों को खारिज कर दिया. भारत ने बांग्लादेश से कहा कि वह अपने देश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा पर ध्यान केंद्रित करे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "हम पश्चिम बंगाल की घटनाओं के संबंध में बांग्लादेश की ओर से की गई टिप्पणियों को खारिज करते हैं."

उन्होंने कहा, "यह बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के चल रहे उत्पीड़न पर भारत की चिंताओं के साथ तुलना करने का एक छिपा हुआ और कपटपूर्ण प्रयास है, जहां इस तरह के कृत्यों के अपराधी खुलेआम घूमते रहते हैं." बता दें कि पश्चिम बंगाल में हुए घटनाक्रमों पर बांग्लादेश के अधिकारियों द्वारा की गई टिप्पणियों के बारे में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए जायसवाल ने यह बात कही.

उन्होंने कहा, "अनुचित टिप्पणियां करने और सद्गुणों का प्रदर्शन करने के बजाय बांग्लादेश को अपने अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए."

मुस्लिमों की सुरक्षा का आह्वान
बता दें कि बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने गुरुवार को नई दिल्ली और पश्चिम बंगाल सरकार से अल्पसंख्यक मुस्लिमों की पूरी तरह से सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाने का आह्वान किया था.

उन्होंने कहा, "हम मुसलमानों पर हमलों की निंदा करते हैं, जिससे जान-माल का नुकसान होता है." आलम ने कहा, "हम भारत और पश्चिम बंगाल सरकार से अल्पसंख्यक मुस्लिम आबादी की पूरी तरह से सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाने का आग्रह करते हैं."

पिछले कुछ दिनों में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद समेत कुछ इलाकों में उस समय सांप्रदायिक हिंसा देखने को मिली,जब मुस्लिम समुदाय वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा था.

भारत-बांग्लादेश की रिश्तों में खटास
उल्लेखनीय है कि पिछले साल अगस्त में बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शन के चलते अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के ढाका से भाग जाने के बाद भारत-बांग्लादेश संबंधों में भारी गिरावट आई है. यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार द्वारा उस देश में अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं पर हमलों को रोकने में विफल रहने के बाद संबंधों में नाटकीय रूप से गिरावट आई.

यह भी पढ़ें- बोहरा समुदाय ने वक्फ संशोधन एक्ट को आकार देने में मदद की, पीएम मोदी ने बताया, सैयदना सैफुद्दीन से ली सलाह

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