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भारतीय वायु सेना को मिलेंगे तीन आधुनिक ISTAR जासूसी विमान, 10,000 करोड़ की परियोजना प्रस्तावित - ISTAR SPY AIRCRAFT

यह जासूसी विमान परियोजना रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के तहत विकसित की जा रही है.

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सांकेतिक फोटो (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : June 8, 2025 at 10:16 PM IST

Updated : June 8, 2025 at 10:48 PM IST

2 Min Read

नई दिल्ली: पाकिस्तान के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन सिंदूर के बीच, रक्षा मंत्रालय भारतीय वायु सेना के लिए तीन परिष्कृत ISTAR (इंटेलिजेंस, सर्वेलांस, टारगेट अक्विजीशन एंड रिकोनिसेंस) जासूसी विमान खरीदने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है. यह परियोजना लगभग 10,000 करोड़ रुपये की है और इसका उद्देश्य वायु सेना को दुश्मन के जमीनी लक्ष्यों के खिलाफ सटीक हमले करने में सहायता प्रदान करना है.

रक्षा अधिकारियों ने एएनआई को बताया कि यह प्रस्ताव जून के चौथे सप्ताह में होने वाली उच्च स्तरीय रक्षा मंत्रालय की बैठक में मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा. ISTAR प्रणाली वायुसेना को हवा से जमीन पर निगरानी, खुफिया जानकारी और लक्ष्य प्राप्ति की क्षमता प्रदान करती है, जिससे वे अधिक प्रभावी और सटीक हमले कर सकें.

यह जासूसी विमान परियोजना रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के तहत विकसित की जा रही है. इसमें बोइंग और बॉम्बार्डियर जैसे विदेशी निर्माताओं से खुले टेंडर के माध्यम से तीन विमान खरीदे जाएंगे, जिन्हें CABS (सेंट्रल एयरबोर्न सिस्टम्स बिजनेस) द्वारा विकसित ISTAR सिस्टम से लैस किया जाएगा.

ISTAR सिस्टम की मदद से भारत उन चुनिंदा देशों के क्लब में शामिल होगा जिनके पास इस प्रकार की उच्च तकनीक वाली जासूसी विमान प्रणाली है, जिनमें अमेरिका, ब्रिटेन और इजरायल शामिल हैं. यह प्रणाली न केवल गतिशील और समय के प्रति संवेदनशील लक्ष्यीकरण क्षमता प्रदान करेगी, बल्कि देश के सुरक्षा लक्ष्यों की पूर्ति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

इस प्रणाली में बहु-स्पेक्ट्रल निगरानी उपकरण शामिल हैं, जो दिन और रात दोनों समय खुफिया जानकारी, निगरानी और टोही गतिविधियां करने में सक्षम हैं. ISTAR विमान उच्च ऊंचाई से स्टैंड-ऑफ रेंज के भीतर खुफिया जानकारी एकत्र करेंगे और उसे प्रसंस्कृत करके एक सामान्य परिचालन तस्वीर तैयार करेंगे, जिससे सैन्य कमांडरों को बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलेगी.

यह भी पढ़ें- ऑपरेशन सिंदूर के बाद मोदी ने पीएम आवास पर लगाया सिंदूर का पौधा, जानिए इस पौधे के पीछे की कहानी

नई दिल्ली: पाकिस्तान के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन सिंदूर के बीच, रक्षा मंत्रालय भारतीय वायु सेना के लिए तीन परिष्कृत ISTAR (इंटेलिजेंस, सर्वेलांस, टारगेट अक्विजीशन एंड रिकोनिसेंस) जासूसी विमान खरीदने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है. यह परियोजना लगभग 10,000 करोड़ रुपये की है और इसका उद्देश्य वायु सेना को दुश्मन के जमीनी लक्ष्यों के खिलाफ सटीक हमले करने में सहायता प्रदान करना है.

रक्षा अधिकारियों ने एएनआई को बताया कि यह प्रस्ताव जून के चौथे सप्ताह में होने वाली उच्च स्तरीय रक्षा मंत्रालय की बैठक में मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा. ISTAR प्रणाली वायुसेना को हवा से जमीन पर निगरानी, खुफिया जानकारी और लक्ष्य प्राप्ति की क्षमता प्रदान करती है, जिससे वे अधिक प्रभावी और सटीक हमले कर सकें.

यह जासूसी विमान परियोजना रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के तहत विकसित की जा रही है. इसमें बोइंग और बॉम्बार्डियर जैसे विदेशी निर्माताओं से खुले टेंडर के माध्यम से तीन विमान खरीदे जाएंगे, जिन्हें CABS (सेंट्रल एयरबोर्न सिस्टम्स बिजनेस) द्वारा विकसित ISTAR सिस्टम से लैस किया जाएगा.

ISTAR सिस्टम की मदद से भारत उन चुनिंदा देशों के क्लब में शामिल होगा जिनके पास इस प्रकार की उच्च तकनीक वाली जासूसी विमान प्रणाली है, जिनमें अमेरिका, ब्रिटेन और इजरायल शामिल हैं. यह प्रणाली न केवल गतिशील और समय के प्रति संवेदनशील लक्ष्यीकरण क्षमता प्रदान करेगी, बल्कि देश के सुरक्षा लक्ष्यों की पूर्ति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

इस प्रणाली में बहु-स्पेक्ट्रल निगरानी उपकरण शामिल हैं, जो दिन और रात दोनों समय खुफिया जानकारी, निगरानी और टोही गतिविधियां करने में सक्षम हैं. ISTAR विमान उच्च ऊंचाई से स्टैंड-ऑफ रेंज के भीतर खुफिया जानकारी एकत्र करेंगे और उसे प्रसंस्कृत करके एक सामान्य परिचालन तस्वीर तैयार करेंगे, जिससे सैन्य कमांडरों को बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलेगी.

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Last Updated : June 8, 2025 at 10:48 PM IST
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