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भारी तनाव के बीच भारत-पाकिस्तान के DGMO ने की बातचीत, हॉटलाइन पर सीजफायर को लेकर हुई चर्चा - INDIA PAKISTAN DGMOS TALK

पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों के बीच यह बातचीत मंगलवार को हुई थी.

प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : April 30, 2025 at 8:55 PM IST

2 Min Read

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पड़ोसी देश की ओर से बिना उकसावे के की गई गोलीबारी के बीच भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों (DGMO) ने हॉटलाइन पर बातचीत की. रक्षा सूत्रों ने बुधवार को इस बात की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि गोलीबारी के दौरान भारतीय पक्ष द्वारा बिना उकसावे के की गई गोलीबारी के बारे में पाकिस्तानी पक्ष को आगाह किया गया था.

जानकारी के मुताबिक, दोनों देशो के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों के बीच बातचीत मंगलवार को हुई थी. दोनों देशों के अधिकारियों के बीच यह बातचीत पहलगाम आतंकवादी हमले को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर हुई.

भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार पाकिस्तानी सेना की बिना उकसावे के छोटे हथियारों से की गई गोलीबारी का प्रभावी ढंग से जवाब दिया है. अधिकारियों ने कहा कि सेना ने 27-28 अप्रैल की रात को जम्मू और कश्मीर के कुपवाड़ा और पुंछ जिलों के आसपास के इलाकों में संघर्ष विराम उल्लंघन का तेजी से जवाब दिया. अधिकारियों के अनुसार, भारतीय सेना ने 26-27 अप्रैल की रात को टुटमारी गली और रामपुर सेक्टरों के सामने के इलाकों में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी का भी प्रभावी ढंग से जवाब दिया था.

22 अप्रैल को फाल्गाम में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बलों ने कश्मीर घाटी में आतंकवाद विरोधी अभियान तेज कर दिया है. बता दें कि, पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे, पहलगाम आतंकी हमले के एक दिन बाद सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक हुई. सीसीएस को दी गई ब्रीफिंग में आतंकी हमले के सीमा पार संबंधों को उजागर किया गया. इस बात पर गौर किया गया कि यह हमला जम्मू-कश्मीर में चुनावों के सफल आयोजन और आर्थिक वृद्धि और विकास की दिशा में इसकी निरंतर प्रगति के मद्देनजर हुआ है.

भारत ने सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए हैं, जिसमें सिंधु जल संधि को स्थगित रखना और अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट को बंद करना शामिल है. साथ ही भारत ने उच्चायोगों की संख्या में भी कटौती करने का फैसला किया है. सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले का जवाब देने के लिए सशस्त्र बलों को खुली छूट दी है.

ये भी पढ़ें: केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का किया पुनर्गठन , पूर्व रॉ प्रमुख आलोक जोशी संभालेंगे कमान

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पड़ोसी देश की ओर से बिना उकसावे के की गई गोलीबारी के बीच भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों (DGMO) ने हॉटलाइन पर बातचीत की. रक्षा सूत्रों ने बुधवार को इस बात की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि गोलीबारी के दौरान भारतीय पक्ष द्वारा बिना उकसावे के की गई गोलीबारी के बारे में पाकिस्तानी पक्ष को आगाह किया गया था.

जानकारी के मुताबिक, दोनों देशो के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों के बीच बातचीत मंगलवार को हुई थी. दोनों देशों के अधिकारियों के बीच यह बातचीत पहलगाम आतंकवादी हमले को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर हुई.

भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार पाकिस्तानी सेना की बिना उकसावे के छोटे हथियारों से की गई गोलीबारी का प्रभावी ढंग से जवाब दिया है. अधिकारियों ने कहा कि सेना ने 27-28 अप्रैल की रात को जम्मू और कश्मीर के कुपवाड़ा और पुंछ जिलों के आसपास के इलाकों में संघर्ष विराम उल्लंघन का तेजी से जवाब दिया. अधिकारियों के अनुसार, भारतीय सेना ने 26-27 अप्रैल की रात को टुटमारी गली और रामपुर सेक्टरों के सामने के इलाकों में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी का भी प्रभावी ढंग से जवाब दिया था.

22 अप्रैल को फाल्गाम में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बलों ने कश्मीर घाटी में आतंकवाद विरोधी अभियान तेज कर दिया है. बता दें कि, पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे, पहलगाम आतंकी हमले के एक दिन बाद सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक हुई. सीसीएस को दी गई ब्रीफिंग में आतंकी हमले के सीमा पार संबंधों को उजागर किया गया. इस बात पर गौर किया गया कि यह हमला जम्मू-कश्मीर में चुनावों के सफल आयोजन और आर्थिक वृद्धि और विकास की दिशा में इसकी निरंतर प्रगति के मद्देनजर हुआ है.

भारत ने सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए हैं, जिसमें सिंधु जल संधि को स्थगित रखना और अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट को बंद करना शामिल है. साथ ही भारत ने उच्चायोगों की संख्या में भी कटौती करने का फैसला किया है. सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले का जवाब देने के लिए सशस्त्र बलों को खुली छूट दी है.

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