नई दिल्ली: अमेरिका में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों का वीजा रद्द करने का मुद्दा प्रमुख चिंता का विषय बन गया है. सरकार की तरफ से भारत की यात्रा पर आ रहे अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के समक्ष इस मुद्दे को उठाए जाने की संभावना है.
विदेश मंत्रालय ने कहा, "यह यात्रा दोनों पक्षों को द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की समीक्षा करने और प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान 13 फरवरी 2025 को जारी भारत-अमेरिका संयुक्त वक्तव्य के परिणामों के कार्यान्वयन का अवसर प्रदान करेगी. दोनों पक्ष आपसी हितों के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान करेंगे."
अमेरिकी उपराष्ट्रपति वेंस 21 से 24 अप्रैल तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे. उनके साथ द्वितीय महिला उषा वेंस, उनके बच्चे और अमेरिकी प्रशासन के वरिष्ठ सदस्य भी आएंगे.
छात्रों के वीजा निरस्तीकरण से कूटनीतिक चिंताएं बढ़ीं
अमेरिकी अधिकारियों द्वारा भारतीय छात्रों के वीजा रद्द करने की तीखी आलोचना की गई है. विशेषज्ञों ने इस कदम को अनुचित और शैक्षणिक भविष्य के लिए हानिकारक बताया है. विदेशी मामलों के विशेषज्ञ प्रोफेसर देबाशीष चक्रवर्ती ने कहा, "बिना किसी पारदर्शी कारण के वीजा को अचानक रद्द करना बेहद परेशान करने वाला है और प्रतिभाशाली छात्रों की आकांक्षाओं को कमजोर करता है."
उन्होंने भारत सरकार से औपचारिक राजनयिक विरोध दर्ज कराने का आग्रह किया. चक्रवर्ती ने कहा कि इस विवाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका के साथ कूटनीतिक साझेदारी पर सवालों को जन्म दिया है.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मोदी के अच्छे संबंधों के बावजूद, जिन्हें मोदी ने अपना 'करीबी सहयोगी' बताया है, चक्रवर्ती ने उच्च स्तर पर हस्तक्षेप की अनुपस्थिति पर सवाल उठाया. चक्रवर्ती ने इस बात पर जोर दिया कि, "अगर अमेरिकी साझेदारी वास्तव में प्राथमिकता है, तो भारतीय विद्वानों के हितों की रक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए." उन्होंने बढ़ते विवाद को हल करने के लिए तत्काल बातचीत का आह्वान किया.
उम्मीद से परे कार्य
अमेरिकन इमिग्रेशन लॉयर्स एसोसिएशन (AILA) ने गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में अमेरिकी प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई को उम्मीद से परे बताया. एआईएलए ने कहा, "विदेश विभाग (DOS) और आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) आक्रामक तरीके से अंतरराष्ट्रीय छात्रों को निशाना बना रहे हैं, जिनमें वे छात्र भी शामिल हैं जिनका विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का कोई इतिहास नहीं है. इन छात्रों को भी वीजा निरस्तीकरण और निष्कासन का सामना करना पड़ रहा है."
बयान में आगे कहा गया, पिछले महीने के अंत में अमेरिकी विदेश सचिव मार्को रुबियो ने बताया कि DOS ने 300 से अधिक छात्र वीजा निरस्त कर दिए और एक नए "कैच एंड रिवोक" कार्यक्रम की घोषणा की, जो छात्र वीजा धारकों के सोशल मीडिया पोस्ट की स्क्रीनिंग के लिए AI आधारित समीक्षाओं का उपयोग करता है." बयान में कहा गया कि यह संक्षिप्त विवरण देश भर के वकीलों, छात्रों और अन्य लोगों द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों पर आधारित है.
संगठन ने वकीलों, छात्रों और विश्वविद्यालय कर्मचारियों से वीजा निरस्तीकरण और छात्र एवं विनिमय आगंतुक सूचना प्रणाली (SEVIS) समाप्ति की 327 रिपोर्ट जुटाई हैं. एआईएलए ने कहा, "ये रिपोर्ट्स वीजा निरस्तीकरण और समाप्ति की मनमानी प्रकृति की चिंताजनक तस्वीर पेश करती हैं."
अमेरिकी आव्रजन वकील संघ
1946 में स्थापित अमेरिकन इमिग्रेशन लॉयर्स एसोसिएशन (AILA) एक गैर-पक्षपाती, गैर-लाभकारी, स्वैच्छिक बार संघ है और 16,000 से अधिक वकीलों को निरंतर कानूनी शिक्षा, पेशेवर सेवाएं, जानकारी और विशेषज्ञता प्रदान करता है जो आव्रजन कानून की प्रैक्टिस और शिक्षण करते हैं. AILA न्याय को बढ़ावा देता है, निष्पक्ष और उचित आव्रजन कानून और नीति की वकालत करता है.
सरकार से अमेरिका के समक्ष मुद्दा उठाने की मांग
एआईएलए की रिपोर्ट को अमेरिका में रह रहे भारतीयों के लिए चिंता का विषय बताते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने शुक्रवार को विदेश मंत्री जयराम रमेश से मांग की कि वह इस चिंता को अपने अमेरिकी समकक्ष के समक्ष उठाएं. रमेश ने पूछा, "क्या विदेश मंत्री (एस जयशंकर) इस पर ध्यान देंगे और अपने अमेरिकी समकक्ष के समक्ष इस चिंता को उठाएंगे?"
एआईएलए की रिपोर्ट के अनुसार, संगठन द्वारा अब तक एकत्रित किए गए अंतरराष्ट्रीय छात्रों के 327 वीजा निरस्तीकरण मामलों में से 50 प्रतिशत मामले भारतीयों के हैं. जयराम ने कहा कि छात्र वीजा रद्द करने के निर्णय के पीछ कारण बेतरतीब और अस्पष्ट हैं. इससे अमेरिका में पढ़ रहे भारतीय छात्रों डर और आशंकाएं बढ़ रही हैं.
विदेश मंत्रालय का स्पष्टीकरण
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को कहा कि भारत को पता है कि कई भारतीय छात्रों को अमेरिकी सरकार से उनके एफ-1 वीजा की स्थिति के बारे में सूचना मिली है, जो कि छात्र वीजा है. जायसवाल ने कहा, "हम मामले की जांच कर रहे हैं. हमारा दूतावास और वाणिज्य दूतावास छात्रों को सहायता प्रदान करने के लिए उनके संपर्क में हैं."
भारतीय छात्र और F-1 वीजा
अमेरिका में भारतीय छात्रों को निर्वासन का खतरा है, क्योंकि ट्रंप प्रशासन के अधिकारी फिलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने से लेकर मामूली कानूनी उल्लंघनों सहित विभिन्न कारणों का हवाला देते हुए F-1 वीजा रद्द कर रहे हैं.
एक अनुमान के अनुसार, 2023-24 शैक्षणिक वर्ष में 3.3 लाख से अधिक भारतीय छात्रों ने अमेरिकी उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिला लिया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 23 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है. रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी में भारतीय छात्रों को जारी किए गए वीजा की संख्या में 30 प्रतिशत की गिरावट आई है.
अमेरिका में अध्ययन करने के लिए अंतरराष्ट्रीय छात्रों को F-1 वीजा प्राप्त करना जरूरी है, जिसके लिए अमेरिकी स्कूल में प्रवेश, वित्तीय सहायता और आव्रजन कानूनों के अनुपालन का प्रमाण आवश्यक है.
नियमों के अनुसार, अमेरिका में एक बार प्रवेश करने के बाद, उन्हें अपने शैक्षणिक कार्यक्रम के साथ अच्छी स्थिति में रहना होगा और आम तौर पर अपने शैक्षणिक कार्यक्रम के दौरान कैंपस से बाहर काम करने की उनकी क्षमता सीमित होती है. उनकी कानूनी स्थिति की निगरानी होमलैंड सुरक्षा विभाग (DHS) के तहत छात्र और विनिमय आगंतुक कार्यक्रम द्वारा की जाती है.
लेकिन विडंबना यह है कि डीएचएस नीति में हालिया बदलाव से अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए अमेरिका में रहने और अपनी पढ़ाई पूरी करने की कानूनी स्थिति पर खतरा पैदा हो गया है.
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