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भारत ने स्क्रैमजेट इंजन का सफलतापूर्वक किया ग्राउंड परीक्षण, पाकिस्तान की उड़ जाएगी नींद! - SCRAMJET ENGINE TEST

स्क्रैमजेट इंजन के ग्राउंड परीक्षण साथ ही भारत हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ गया है.

स्क्रैमजेट इंजन का सफलतापूर्वक ग्राउंड परीक्षण
स्क्रैमजेट इंजन का सफलतापूर्वक ग्राउंड परीक्षण (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : April 25, 2025 at 9:20 PM IST

Updated : April 25, 2025 at 9:29 PM IST

3 Min Read

नई दिल्ली: देश के रक्षा वैज्ञानिकों ने अगली पीढ़ी के स्टेशन हाइपरसोनिक मिसाइलों के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए स्क्रैमजेट इंजन का 1,000 सेकंड से अधिक समय तक सफलतापूर्वक जमीनी परीक्षण किया है.

केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने इस परीक्षण की पुष्टि की है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की हैदराबाद स्थित प्रयोगशाला रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (DRDL) ने हाइपरसोनिक हथियार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है.

DRDO के मुताबिक, DRDL ने 25 अप्रैल 2025 को हैदराबाद में नवनिर्मित अत्याधुनिक स्क्रैमजेट कनेक्ट टेस्ट फैसिलिटी (SCPT) में 1000 सेकंड से अधिक अवधि के लिए लंबी अवधि के एक्टिव कूल्ड स्क्रैमजेट सबस्केल कॉम्बस्टर का ग्राउंड परीक्षण किया है.

यह ग्राउंड परीक्षण जनवरी 2025 में 120 सेकंड के लिए किए गए पहले के परीक्षण से जुड़ा दूसरा टेस्ट है. आज के सफल परीक्षण के साथ, सिस्टम जल्द ही पूर्ण पैमाने पर उड़ान योग्य कॉम्बस्टर परीक्षण के लिए तैयार हो जाएगा.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बड़ी उपलब्धि के लिए डीआरडीओ, उद्योग भागीदारों और शिक्षाविदों की सराहना की. उन्होंने कहा कि आज की सफलता राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण हाइपरसोनिक हथियार प्रौद्योगिकियों को साकार करने में हमारी मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाती है.

रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ समीर वी कामत ने महानिदेशक (एमएसएस) यू राजा बाबू, डीआरडीएल के निदेशक डॉ जीए श्रीनिवास मूर्ति और पूरी टीम को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों का उपयोग करते हुए 1000 सेकंड से अधिक समय तक सुपरसोनिक कॉम्बस्टर का प्रदर्शन करने के लिए बधाई दी.

भारतीय नौसेना के युद्धपोत ने सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण किया

बता दें कि, इससे पहले भारतीय नौसेना के मिसाइल विध्वंसक पोत 'आईएनएस सूरत' ने मध्यम दूरी तक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण किया. बताया जा रहा है कि इस मिसाइल की मारक क्षमता करीब 70 किलोमीटर है.

नौसेना ने कहा, भारतीय नौसेना के नवीनतम स्वदेशी मिसाइल विध्वंसक पोत आईएनएस सूरत ने समुद्र में स्थित एक लक्ष्य पर सफलतापूर्वक सटीक हमला किया, जो नौसेना की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.’

यह उपलब्धि स्वदेशी युद्धपोत डिजाइन, विकास और संचालन में भारत की बढ़ती ताकत को दर्शाती है और रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता के लिए राष्ट्र की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है.’ नौसेना ने कहा कि यह मील का पत्थर राष्ट्र के समुद्री हितों की रक्षा के लिए बल की अटूट प्रतिबद्धता का सबूत है.

ये भी पढ़ें: 'पानी की एक बूंद भी पाकिस्तान...', अमित शाह के साथ जल मंत्री की बैठक

नई दिल्ली: देश के रक्षा वैज्ञानिकों ने अगली पीढ़ी के स्टेशन हाइपरसोनिक मिसाइलों के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए स्क्रैमजेट इंजन का 1,000 सेकंड से अधिक समय तक सफलतापूर्वक जमीनी परीक्षण किया है.

केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने इस परीक्षण की पुष्टि की है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की हैदराबाद स्थित प्रयोगशाला रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (DRDL) ने हाइपरसोनिक हथियार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है.

DRDO के मुताबिक, DRDL ने 25 अप्रैल 2025 को हैदराबाद में नवनिर्मित अत्याधुनिक स्क्रैमजेट कनेक्ट टेस्ट फैसिलिटी (SCPT) में 1000 सेकंड से अधिक अवधि के लिए लंबी अवधि के एक्टिव कूल्ड स्क्रैमजेट सबस्केल कॉम्बस्टर का ग्राउंड परीक्षण किया है.

यह ग्राउंड परीक्षण जनवरी 2025 में 120 सेकंड के लिए किए गए पहले के परीक्षण से जुड़ा दूसरा टेस्ट है. आज के सफल परीक्षण के साथ, सिस्टम जल्द ही पूर्ण पैमाने पर उड़ान योग्य कॉम्बस्टर परीक्षण के लिए तैयार हो जाएगा.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बड़ी उपलब्धि के लिए डीआरडीओ, उद्योग भागीदारों और शिक्षाविदों की सराहना की. उन्होंने कहा कि आज की सफलता राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण हाइपरसोनिक हथियार प्रौद्योगिकियों को साकार करने में हमारी मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाती है.

रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ समीर वी कामत ने महानिदेशक (एमएसएस) यू राजा बाबू, डीआरडीएल के निदेशक डॉ जीए श्रीनिवास मूर्ति और पूरी टीम को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों का उपयोग करते हुए 1000 सेकंड से अधिक समय तक सुपरसोनिक कॉम्बस्टर का प्रदर्शन करने के लिए बधाई दी.

भारतीय नौसेना के युद्धपोत ने सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण किया

बता दें कि, इससे पहले भारतीय नौसेना के मिसाइल विध्वंसक पोत 'आईएनएस सूरत' ने मध्यम दूरी तक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण किया. बताया जा रहा है कि इस मिसाइल की मारक क्षमता करीब 70 किलोमीटर है.

नौसेना ने कहा, भारतीय नौसेना के नवीनतम स्वदेशी मिसाइल विध्वंसक पोत आईएनएस सूरत ने समुद्र में स्थित एक लक्ष्य पर सफलतापूर्वक सटीक हमला किया, जो नौसेना की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.’

यह उपलब्धि स्वदेशी युद्धपोत डिजाइन, विकास और संचालन में भारत की बढ़ती ताकत को दर्शाती है और रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता के लिए राष्ट्र की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है.’ नौसेना ने कहा कि यह मील का पत्थर राष्ट्र के समुद्री हितों की रक्षा के लिए बल की अटूट प्रतिबद्धता का सबूत है.

ये भी पढ़ें: 'पानी की एक बूंद भी पाकिस्तान...', अमित शाह के साथ जल मंत्री की बैठक

Last Updated : April 25, 2025 at 9:29 PM IST
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