नई दिल्ली : ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने जिस तरीके से पाकिस्तानी हमलों का जवाब दिया, उससे पाकिस्तान अवाक रह गया. पाकिस्तान ने अपने डिफेंस में जितने भी चीनी, अमेरिकी या फिर तुर्की सिस्टमों की तैनाती कर रखी थी, सारे के सारे फेल हो गए. कुछ ऐसा ही हाल पाकिस्तानी आक्रमणों में प्रयुक्त हथियारों का भी रहा. उन्हें भारतीय डिफेंस सिस्टम ने पूरी तरह से नाकामयाब कर दिया.
पाकिस्तानी आक्रमणों की धार को कुंद करने के साथ ही भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि ये रही कि उसने इनमें से अधिकांश जगहों पर मेड इन इंडिया हथियारों और डिफेंस सिस्टम के जरिए सफलता हासिल की. निश्चित तौर पर भारत ने रूस से जो एयर डिफेंस सिस्टम, एस-400, हासिल किया था, उसकी भी भूमिका रही है.
देसी हथियारों और देसी डिफेंस सिस्टम की सफलता देखकर अब भारत खुद का 'एस-400' विकसित कर रहा है. यह एक एयर डिफेंस सिस्टम होगा. इसे बनाने की जिम्मेदारी भारत इलेक्ट्रॉनिक्सि लि. को दी गई है. बीईएल डिफेंस पब्लिक सेक्टर कंपनी है. इस प्रोजेक्ट का नाम 'प्रोजेक्ट कुश' (प्रोजेक्ट कुशा) दिया गया है. इसकी शुरुआत 2022 में ही हो गई थी.

वैसे, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी भारत ने स्वदेशी 'आकाशतीर' एयर डिफेंस सिस्टम का उपयोग किया था. यह पूरी तरह से सफल रहा. यह अलग-अलग रडार सिस्टम्स, सेंसरों और संचार प्रौद्योगियों को एक साथ करके उसे एनालाइज करता है और यह दुश्मन के ड्रोन, जेट और मिसाइलों का पता लगा लेता है. उसके बाद उस पर हमला भी करता है.
खबरों के मुताबिक 'कुश' का प्रोटोटाइप अगले एक से डेढ़ साल में तैयार कर लिया जाएगा. उसके बाद इसका ट्रायल शुरू होगा. इस प्रोजेक्ट में डीआरडीओ और बीईएल की बड़ी भूमिका होगी.
दुश्मन के किसी हमले में किसी भी प्रकार के ड्रोन, एयरक्राफ्ट या फिर मिसाइल का प्रयोग किया जाता है, तो कुश उसे न्यूट्रल कर सकेगा. बीईएल इनमें प्रयुक्त होने वाले रडार और कंट्रोल सिस्टम पर काम शुरू भी कर चुका है.
बीईएल कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्ट मनोज जैन ने कंपनी के क्वार्टर्ली रिजल्ट (2025) के बाद जो कॉनकॉल किया है, उनमें उन्होंने बताया कि हम डीआरडीओ के साथ मिलकर इस पर काम कर रहे हैं. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि एक बार जब इस सिस्टम के अलग-अलग पार्ट्स को तैयार कर लिया जाएगा, तो उसका इंटेग्रेशन कहां किया जाएगा.
बीईएल क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम पर भी काम कर रहा है. कंपनी ने कॉनकॉल में बताया कि इस सिस्टम के लिए भी वह 30 हजार करोड़ रुपये के ऑर्डर की उम्मीद कर रहा है.
BEL is proud to announce that our in-house designed & manufactured Air Defence System, Akashteer, has proved its mettle in the war-field. Ground-based Defence Systems integrated with Akashteer made it hell for Pakistan's air adventures. @DefenceMinIndia pic.twitter.com/e6eO0bftp4
— Bharat Electronics Limited (BEL) (@BEL_CorpCom) May 14, 2025
आकाशतीर का विकास भी बीईएल ने किया है. यह एक एयर डिफेंस कंट्रोल और रिपोर्टिंग सिस्टम है. यह रियल टाइम मॉनिटरिंग और एक साथ कई हवाई हमलों को एनगेज कर सकता है. इसके सिंगल ऑपरेशनल फ्रेमवर्क में सेंसर और वेपन सिस्टम लगे होते हैं.
आकाश मिसाइल सिस्टम पहले ही अपना जलवा दिखा चुका है. यह हाई स्पीड टारगेट को पकड़ने में कामयाब रहा. यह देसी एयर डिफेंस सिस्टम है. इसे विशेष रूप से भारतीय सशस्त्र बलों के लिए बनाया गया है.
प्रोजेक्ट कुश
- यह लंबी दूरी का नया एयर डिफेंस सिस्टम है.
- इसका विकास भारत में ही किया जा रहा है.
- इसे डीआरडीओ और बीईएल मिलकर तैयार कर रहे हैं.
- यह तीन स्तरीय प्रणाली के तहत काम करेगा.
- सबसे कम रेंज 150 किमी, मध्यम रेंज 250 किमी और अधिकतम रेंज 350 किमी का होगा.
- इसे आप रूस के एस-400 का देसी वर्जन भी कह सकते हैं.
- इजराइल के आयरन डोम की रेंज 70 किमी है.
- अमेरिकन पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम की रेंज 110 किमी है.
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