नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बीच मोदी सरकार एक बड़े रक्षा सौदे को अंतिम रूप दे दिया गया. यह सौदा पाकिस्तान के लिए बड़ी चिंता का कारण बनने जा रहा है. इस डील के तहत भारत फ्रांस से 26 राफेल समुद्री लड़ाकू विमान खरीदने जा रहा है.
भारत और फ्रांस के बीच आज नई दिल्ली में इन विमानों की खरीद को लेकर समझौता हुआ. कहा जा रहा है कि यह पूरा सौदा 63,000 करोड़ रुपये का है. रक्षा अधिकारियों की ओर से यह जानकारी दी गई है. इस अवसर पर नई दिल्ली में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जाएगा.
#WATCH | Delhi | The Intergovernmental agreement was exchanged between the two sides in the presence of Defence Secretary RK Singh and Navy Vice Chief Vice Admiral K Swaminathan.
— ANI (@ANI) April 28, 2025
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इस समझौते का प्रतिनिधित्व भारतीय पक्ष की ओर से रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने किया. इस दौरान नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल के स्वामीनाथन भी मौजूद रहे. इससे पहले फ्रांसीसी रक्षा मंत्री को व्यक्तिगत रूप से इस हस्ताक्षर समारोह में भाग लेने के लिए आना था, लेकिन कहा जा रहा है कि व्यक्तिगत कारणों से उन्हें अपना दौरा रद्द करना पड़ा. सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने इस महीने की शुरुआत में इस सौदे को मंजूरी दे दी थी.
भारतीय विमानवाहक पोतों, खास तौर पर आईएनएस विक्रांत पर तैनाती के लिए 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमानों की तत्काल जरूरत है. मिग-29 लड़ाकू विमानों के मौजूदा बेड़े ने कथित तौर पर रखरखाव संबंधी मुद्दों के कारण खराब प्रदर्शन किया है.
Today, India and France signed a mega Rs 63,000 crore deal to buy 26 Rafale Marine aircraft for the Indian Navy. The Indian side was represented by Defence Secretary Rajesh Kumar Singh, where Navy Vice Chief Vice Admiral K Swaminathan was present
— ANI (@ANI) April 28, 2025
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फ्रांस से खरीदने जाने वाले राफेल एम जेट विमान को भारत के युद्धपोत पर अपने आवश्यकतानुसार सेट किया जाएगा. कहा जा रहा कि इसे आईएनएस विक्रांत पर रखा जाएगा. सरकार के अनुसार यह खरीद अस्थायी समाधान के रूप में है. भारत में भी एक से बढ़कर एक लड़ाकू विमान विकसित किए जा रहे हैं.
बता दें कि पीएम मोदी की अध्यक्षता में इसी महीने की 9 तारीख को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट में इस डील को मंजूरी मिली थी. इसे अब तक का सबसे बड़ा रक्षा सौदा माना जा रहा है. सरकार के इस अनुबंध में 22 सिंगल-सीटर और चार ट्विन-सीटर जेट शामिल हैं.
साथ ही बेड़े के रखरखाव, रसद सहायता, कार्मिक प्रशिक्षण और स्वदेशी घटक विनिर्माण के लिए एक व्यापक पैकेज भी शामिल है. भारत में वर्तमान में 36 राफेल हैं. इसे 2016 एक सौदे के तहत खरीदे गए थे. ये विमान अंबाला और हासीमारा में तैनात हैं. नए सौदे से भारत में राफेल विमानों की कुल संख्या 62 हो जाएगी, जिससे देश के 4.5 पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के बेड़े में उल्लेखनीय वृद्धि होगी.