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इंडिया ब्लॉक को सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का करना चाहिए था बहिष्कार: संजय राउत - INDIA BLOC

संजय राउत ने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे को नामित करने के लिए सरकार की आलोचना की.

Sanjay Raut
संजय राउत (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 18, 2025 at 5:44 PM IST

2 Min Read

मुंबई: शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवाद से निपटने के भारत के संकल्प को सामने लाने के लिए विभिन्न देशों में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने के केंद्र सरकार के कदम का इंडिया ब्लॉक को बहिष्कार करना चाहिए था.

मीडिया से बात करते हुए राउत ने दावा किया कि प्रतिनिधिमंडल सरकार द्वारा किए गए पापों और अपराधों का बचाव करेगा. उन्होंने कहा, "सरकार द्वारा फंडेड इस तरह के प्रतिनिधिमंडल को भेजने की कोई आवश्यकता नहीं थी. वे क्या करेंगे? विदेश में हमारे राजदूत हैं. वे अपना काम कर रहे हैं. इंडिया ब्लॉक को इसका बहिष्कार करना चाहिए था. वे सरकार के बिछाए जाल में फंस रहे हैं. आप देश का नहीं, बल्कि सरकार के किए गए पापों और अपराधों का बचाव करने जा रहे हैं."

श्रीकांत शिंदे को नामित करने पर आलोचना
उनकी टिप्पणियों से यह भी संकेत मिलता है कि इंडिया ब्लॉक में शामिल पार्टियां इस मुद्दे पर एकमत नहीं थीं. राउत ने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे को नामित करने के लिए सरकार की आलोचना की और कहा कि लोकसभा में संख्याबल के कारण उनकी पार्टी को भी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने का मौका मिलना चाहिए था. राउत ने सवाल किया, "क्या किसी ने शिवसेना (यूबीटी), टीएमसी, आरजेडी से पूछा? आप किस आधार पर कह रहे हैं कि एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जा रहा है."

'प्रतिनिधिमंडल भेजने की कोई जरूरत नहीं'
बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवाद से निपटने के भारत के संकल्प को सामने रखने के लिए 32 देशों की यात्रा करने वाले सात प्रतिनिधिमंडलों में 59 राजनीतिक नेता, सांसद और पूर्व मंत्री शामिल होंगे. राउत ने कहा, "इस तरह जल्दबाजी में प्रतिनिधिमंडल भेजने की कोई जरूरत नहीं थी. विपक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले पर विशेष सत्र आयोजित करने की मांग की है। सरकार इस पर चर्चा करने के लिए तैयार नहीं है."

उन्होंने पूछा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ ऐसा कौन सा समझौता किया है, जिसके तहत भारत जमीन, हवा और समुद्र पर सभी तरह की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए सहमत हुआ है.

यह भी पढ़ें- नीदरलैंड, डेनमार्क और जर्मनी के यात्रा पर रवाना होंगे विदेश मंत्री, भारत के इस फैसले से कराएंगे अवगत

मुंबई: शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवाद से निपटने के भारत के संकल्प को सामने लाने के लिए विभिन्न देशों में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने के केंद्र सरकार के कदम का इंडिया ब्लॉक को बहिष्कार करना चाहिए था.

मीडिया से बात करते हुए राउत ने दावा किया कि प्रतिनिधिमंडल सरकार द्वारा किए गए पापों और अपराधों का बचाव करेगा. उन्होंने कहा, "सरकार द्वारा फंडेड इस तरह के प्रतिनिधिमंडल को भेजने की कोई आवश्यकता नहीं थी. वे क्या करेंगे? विदेश में हमारे राजदूत हैं. वे अपना काम कर रहे हैं. इंडिया ब्लॉक को इसका बहिष्कार करना चाहिए था. वे सरकार के बिछाए जाल में फंस रहे हैं. आप देश का नहीं, बल्कि सरकार के किए गए पापों और अपराधों का बचाव करने जा रहे हैं."

श्रीकांत शिंदे को नामित करने पर आलोचना
उनकी टिप्पणियों से यह भी संकेत मिलता है कि इंडिया ब्लॉक में शामिल पार्टियां इस मुद्दे पर एकमत नहीं थीं. राउत ने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे को नामित करने के लिए सरकार की आलोचना की और कहा कि लोकसभा में संख्याबल के कारण उनकी पार्टी को भी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने का मौका मिलना चाहिए था. राउत ने सवाल किया, "क्या किसी ने शिवसेना (यूबीटी), टीएमसी, आरजेडी से पूछा? आप किस आधार पर कह रहे हैं कि एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जा रहा है."

'प्रतिनिधिमंडल भेजने की कोई जरूरत नहीं'
बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवाद से निपटने के भारत के संकल्प को सामने रखने के लिए 32 देशों की यात्रा करने वाले सात प्रतिनिधिमंडलों में 59 राजनीतिक नेता, सांसद और पूर्व मंत्री शामिल होंगे. राउत ने कहा, "इस तरह जल्दबाजी में प्रतिनिधिमंडल भेजने की कोई जरूरत नहीं थी. विपक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले पर विशेष सत्र आयोजित करने की मांग की है। सरकार इस पर चर्चा करने के लिए तैयार नहीं है."

उन्होंने पूछा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ ऐसा कौन सा समझौता किया है, जिसके तहत भारत जमीन, हवा और समुद्र पर सभी तरह की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए सहमत हुआ है.

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