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अलर्ट: आज बिहार-झारखंड, छत्तीसगढ़ समेत इन राज्यों में आंधी की आशंका, पूर्वोत्तर में भारी बारिश का अनुमान - IMD FORECAST

आईएमडी के मुताबिक, आज झारखंड, बिहार, पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में अलग-अलग स्थानों पर तेज हवाओं के साथ आंधी आने की आशंका है.

IMD forecast, thunderstorms in Jharkhand, Bihar Chhattisgarh heavy rainfall in North East States
मौसम अलर्ट: बिहार-झारखंड, छत्तीसगढ़ समेत इन राज्यों में आज आंधी की आशंका, पूर्वोत्तर में भारी वर्षा की अनुमान (File Photo - ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : April 28, 2025 at 1:58 PM IST

3 Min Read

नई दिल्ली: भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने सोमवार 28 अप्रैल को असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी क्षेत्र और केरल सहित पूर्वोत्तर राज्यों के अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया है.

आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल में गंगा के तटवर्ती क्षेत्र, झारखंड, बिहार, पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में अलग-अलग स्थानों पर 50-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने के साथ आंधी आने की आशंका है. नगालैंड, मणिपुर, मेघालय, त्रिपुरा, विदर्भ, उत्तर आंतरिक कर्नाटक, पूर्वी उत्तर प्रदेश, तटीय आंध्र प्रदेश और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में अलग-अलग स्थानों पर तेज हवाओं (40-50 किमी प्रति घंटे) के साथ तूफान आने का अनुमान है.

दक्षिण हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, केरल और रायलसीमा (आंध्र प्रदेश) के कई क्षेत्रों में तेज हवाओं (30-40 किमी प्रति घंटे) के बीच गरज के साथ बारिश हो सकती है.

आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, ओडिशा और केरल में भारी वर्षा होने की संभावना है, जबकि 29 अप्रैल को ओडिशा में कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि हो सकती है. उत्तर ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों पर 45 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चलने की संभावना है, जो 55 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती हैं.

आईएमडी ने पूर्वानुमान में कहा कि कई राज्यों में तेज हवाओं (40-50 किमी प्रति घंटे) और गरज के साथ बारिश होने की भी संभावना है, जबकि गुजरात क्षेत्र, सौराष्ट्र, कच्छ, मराठवाड़ा, तमिलनाडु और पुडुचेरी में गर्म और आर्द्र स्थितियां बनी रहेंगी, लेकिन हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, राजस्थान और पश्चिम मध्य प्रदेश में लू की स्थिति बनी रहने की संभावना है.

मेघालय के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र
आईएमडी ने पूर्वोत्तर बांग्लादेश और उससे सटे मेघालय के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण (कम दबाव का क्षेत्र) का अलर्ट जारी किया है और निचले क्षोभमंडलीय स्तरों पर पूर्वोत्तर असम के ऊपर एक और चक्रवाती परिसंचरण बन सकता है. निचले क्षोभमंडलीय स्तरों पर पश्चिम विदर्भ से मन्नार की खाड़ी तक एक उत्तर-दक्षिणी हवा चल रही है. निचले से मध्य क्षोभमंडलीय पश्चिमी क्षेत्र में एक गर्त के रूप में एक पश्चिमी विक्षोभ और निचले क्षोभमंडलीय स्तरों पर उत्तर मध्य महाराष्ट्र तक एक गर्त के साथ दक्षिण-पश्चिम राजस्थान और पड़ोस में एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है. 2 मई से उत्तर-पश्चिम भारत में नए पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव की संभावना है.

बिहार सहित पूर्वोत्तर राज्यों में ओलावृष्टि की अलर्ट
आईएमडी ने पश्चिम बंगाल, सिक्किम, ओडिशा और बिहार सहित पूर्वोत्तर राज्यों में ओलावृष्टि, भारी वर्षा, तेज हवाओं और लू के संभावित प्रभाव के लिए कृषि मौसम परामर्श जारी किया है. किसानों से कहा गया है कि वे खड़ी फसलों और सब्जियों के खेतों से अतिरिक्त पानी निकालने की व्यवस्था करें. असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़ और आंतरिक कर्नाटक में ओलावृष्टि की संभावना के कारण सब्जियों और बगीचों में यांत्रिक क्षति को रोकने के लिए ओलावृष्टि जाल और ओला कैप का उपयोग करें.

यह भी पढ़ें- भारत की सड़कों पर दौड़ने लगा टेस्ला का साइबरट्रक, गुजरात के बिजनेसमैन का शौक पूरा

नई दिल्ली: भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने सोमवार 28 अप्रैल को असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी क्षेत्र और केरल सहित पूर्वोत्तर राज्यों के अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया है.

आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल में गंगा के तटवर्ती क्षेत्र, झारखंड, बिहार, पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में अलग-अलग स्थानों पर 50-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने के साथ आंधी आने की आशंका है. नगालैंड, मणिपुर, मेघालय, त्रिपुरा, विदर्भ, उत्तर आंतरिक कर्नाटक, पूर्वी उत्तर प्रदेश, तटीय आंध्र प्रदेश और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में अलग-अलग स्थानों पर तेज हवाओं (40-50 किमी प्रति घंटे) के साथ तूफान आने का अनुमान है.

दक्षिण हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, केरल और रायलसीमा (आंध्र प्रदेश) के कई क्षेत्रों में तेज हवाओं (30-40 किमी प्रति घंटे) के बीच गरज के साथ बारिश हो सकती है.

आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, ओडिशा और केरल में भारी वर्षा होने की संभावना है, जबकि 29 अप्रैल को ओडिशा में कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि हो सकती है. उत्तर ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों पर 45 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चलने की संभावना है, जो 55 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती हैं.

आईएमडी ने पूर्वानुमान में कहा कि कई राज्यों में तेज हवाओं (40-50 किमी प्रति घंटे) और गरज के साथ बारिश होने की भी संभावना है, जबकि गुजरात क्षेत्र, सौराष्ट्र, कच्छ, मराठवाड़ा, तमिलनाडु और पुडुचेरी में गर्म और आर्द्र स्थितियां बनी रहेंगी, लेकिन हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, राजस्थान और पश्चिम मध्य प्रदेश में लू की स्थिति बनी रहने की संभावना है.

मेघालय के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र
आईएमडी ने पूर्वोत्तर बांग्लादेश और उससे सटे मेघालय के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण (कम दबाव का क्षेत्र) का अलर्ट जारी किया है और निचले क्षोभमंडलीय स्तरों पर पूर्वोत्तर असम के ऊपर एक और चक्रवाती परिसंचरण बन सकता है. निचले क्षोभमंडलीय स्तरों पर पश्चिम विदर्भ से मन्नार की खाड़ी तक एक उत्तर-दक्षिणी हवा चल रही है. निचले से मध्य क्षोभमंडलीय पश्चिमी क्षेत्र में एक गर्त के रूप में एक पश्चिमी विक्षोभ और निचले क्षोभमंडलीय स्तरों पर उत्तर मध्य महाराष्ट्र तक एक गर्त के साथ दक्षिण-पश्चिम राजस्थान और पड़ोस में एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है. 2 मई से उत्तर-पश्चिम भारत में नए पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव की संभावना है.

बिहार सहित पूर्वोत्तर राज्यों में ओलावृष्टि की अलर्ट
आईएमडी ने पश्चिम बंगाल, सिक्किम, ओडिशा और बिहार सहित पूर्वोत्तर राज्यों में ओलावृष्टि, भारी वर्षा, तेज हवाओं और लू के संभावित प्रभाव के लिए कृषि मौसम परामर्श जारी किया है. किसानों से कहा गया है कि वे खड़ी फसलों और सब्जियों के खेतों से अतिरिक्त पानी निकालने की व्यवस्था करें. असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़ और आंतरिक कर्नाटक में ओलावृष्टि की संभावना के कारण सब्जियों और बगीचों में यांत्रिक क्षति को रोकने के लिए ओलावृष्टि जाल और ओला कैप का उपयोग करें.

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