Bihar Election Results 2025

ETV Bharat / bharat

अफगान विदेश मंत्री मुत्तकी बोले- 'हमने चाबहार पर की चर्चा, वाघा बॉर्डर को खोलने की अपील'

पाकिस्तान के साथ अफगानिस्तान शांतिपूर्ण समाधान चाहता है, लेकिन प्रयास सफल नहीं होने पर अन्य विकल्प भी हैं. उक्त बातें विदेश मंत्री मुत्तकी ने कहीं.

Afghanistan's Foreign Minister Amir Khan Muttaqi
अफ़ग़ानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी (ANI)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : October 12, 2025 at 4:00 PM IST

4 Min Read
Choose ETV Bharat

नई दिल्ली : अफ़ग़ानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने रविवार को कहा कि अफगानिस्तान पाकिस्तान के साथ अपने संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान चाहता है, लेकिन अगर ये प्रयास सफल नहीं होते हैं, तो उसके पास दूसरे रास्ते भी हैं.

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने कहा, मैंने भारत के विदेश मंत्री से मुलाकात की और अर्थव्यवस्था, व्यापार और अन्य मुद्दों पर चर्चा की. हमने चाबहार बंदरगाह पर की चर्चा की और वाघा बॉर्डर खोलने की अपील भी की. बैठक के दौरान भारत के विदेश मंत्री ने काबुल में अपने मिशन को दूतावास स्तर तक उन्नत करने की घोषणा की और काबुल के राजनयिक नई दिल्ली पहुंचेंगे.'

मुत्तकी की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था. इससे पहले शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में उन्हें (महिला पत्रकारों) शामिल नहीं किए जाने पर कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी थी, जिसके बाद ये कदम उठाया गया है.

अफगान दूतावास में एक मीडिया ब्रीफ़िंग में मुत्ताकी की यह टिप्पणी अफग़ानिस्तान और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच आई है. पाकिस्तान ने गुरुवार को काबुल में हवाई हमले किए, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच झड़पें हुईं. मुत्तकी ने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है.

अफगान विदेश मंत्री ने कहा, "पाकिस्तान के बहुसंख्यक लोग शांतिप्रिय हैं और अफगानिस्तान के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं. हमें पाकिस्तानी नागरिकों से कोई समस्या नहीं है. पाकिस्तान में कुछ तत्व तनाव पैदा कर रहे हैं."

उन्होंने कहा, अफग़ानिस्तान अपनी सीमाओं और अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करेगा, और इसीलिए उसने पाकिस्तान की ओर से की गई हिंसा का तुरंत जवाब दिया. हमने कल रात अपने सैन्य लक्ष्य हासिल कर लिए, और हमारे मित्र कतर और सऊदी अरब ने भी कहा है कि यह संघर्ष समाप्त होना चाहिए, इसलिए हमने इसे अपनी ओर से फिलहाल रोक दिया है.

मुत्तकी ने कहा,"स्थिति अब नियंत्रण में है। हम केवल अच्छे संबंध और शांति चाहते हैं... जब कोई हमारे आंतरिक मामलों में दखल देने की कोशिश करता है, तो सभी नागरिक, सरकार के प्रमुख, उलेमा और सभी धार्मिक नेता देश के हित में लड़ने के लिए एकजुट हो जाते हैं. अफ़ग़ानिस्तान 40 वर्षों से संघर्ष में है.अफ़ग़ानिस्तान आखिरकार आज़ाद हो गया है और शांति के लिए काम कर रहा है.अगर पाकिस्तान अच्छे संबंध और शांति नहीं चाहता है, तो अफ़ग़ानिस्तान के पास दूसरे विकल्प भी हैं."

अफगान विदेश मंत्री ने कहा, "अफ़ग़ानिस्तान में अब टीटीपी की कोई मौजूदगी नहीं है. हमारे काबुल लौटने से पहले ही, पाकिस्तानी सेना ने कबायली इलाकों में अभियान चलाए थे, जिसके कारण बड़ी संख्या में लोग विस्थापित हुए थे. अमेरिकी सेना और अमेरिका समर्थित पूर्व सरकार ने उन्हें अफ़ग़ानिस्तान की धरती पर शरण दी थी. वे विस्थापित इलाकों से आए पाकिस्तानी लोग हैं और उन्हें देश में शरणार्थी के रूप में रहने की अनुमति है."

उन्होंने कहा कि अफग़ानिस्तान-पाकिस्तान सीमा, डूरंड रेखा, 2,400 किलोमीटर से भी ज़्यादा लंबी है। इसे न तो 'चंगेज़' नियंत्रित कर सकते हैं और न ही 'अंगरेज़'... सिर्फ़ ताकत से इसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता. अगर पाकिस्तान शांति चाहता है, तो उसके पास एक बड़ी सेना और बेहतर ख़ुफ़िया तंत्र है - फिर भी वह इसे नियंत्रित क्यों नहीं कर रहा है? यह लड़ाई पाकिस्तान के अंदर है. हमें दोष देने के बजाय, उन्हें अपने इलाके के मुद्दों पर नियंत्रण रखना चाहिए.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपने लोगों को विश्वास में क्यों नहीं ले रहा है? पाकिस्तान में बहुत से लोग, और निश्चित रूप से हम, नहीं चाहते कि यह लड़ाई जारी रहे. लेकिन पाकिस्तान को इन समूहों पर नियंत्रण रखना चाहिए. कुछ लोगों को खुश करने के लिए अपने ही लोगों को खतरे में क्यों डालना चाहिए?..."

ये भी पढ़ें- अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मुत्तकी के संवाददाता सम्मेलन में कोई महिला पत्रकार नहीं