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IAS पति से हुई अलग, अपराधी से मिला धोखा, CM के नाम छोड़ा पत्र... सुसाइड नोट में हुए कई बड़े खुलासे - IAS officer wife committed suicide

IAS officer wife committed suicide: गुजरात के गांधीनगर में एक आईएएस अधिकारी रंजीत कुमार जे की पत्नी सूर्या के सुसाइड केस में कई चौंका देने वाले खुलासे हुए हैं. सूर्या ने मरने से पहले तमिलनाडु के सीएम को लिखे एक पत्र में कहा था कि, उन पर दो मामलों में झूठा आरोप लगाया गया था, जिसके कारण वह परेशानी और पीड़ा से जूझ रही थी. सूर्या ने अपने पत्र में कई और बड़े खुलासे किए हैं....

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 24, 2024, 4:06 PM IST

Updated : Jul 24, 2024, 4:15 PM IST

IANS
प्रतीकात्मक तस्वीर (IANS)

गांधीनगर: गुजरात कैडर के एक आईएएस अधिकारी की पत्नी ने कथित तौर पर जहर खाकर आत्महत्या कर ली. सुसाइड का यह मामला शनिवार (21 जुलाई) की है. खबर के मुताबिक, आईएएस अधिकारी रंजीत कुमार जे की पत्नी सूर्या (45) ने मरने से पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नाम से एक पत्र छोड़ा है. गांधीनगर पुलिस ने सूर्या के लिखे पत्र को बरामद कर लिया है. पुलिस ने 23 जुलाई को बताया कि, सूर्या ने पत्र में लिखा है कि, कैसे दक्षिणी राज्य में दो मामलों में झूठा आरोप लगाए जाने पर वह परेशानी और पीड़ा से जूझ रही थीं.

IAS अधिकारी की पत्नी ने की आत्महत्या
45 साल की महिला सूर्या के पति रंजीत कुमार जे गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. वर्तमान में वह रंजीत गुजरात विद्युत विनियमन आयोग (जीईआरसी) के सचिव के रूप में कार्यरत है. जानकारी के मुताबिक, सूर्या अपने पति से अलग हो चुकी थी. उन्होंने पीड़ा और दुख को झेलते हुए कथित तौर पर अपने पति के आधिकारिक अपार्टमेंट के सामने एक बागीचे में जहर खा लिया. 21 जुलाई की सुबह गांधीनगर सिविल अस्पताल में सूर्या का निधन हो गया.

सूर्या ने सीएम स्टालिन के नाम छोड़ा पत्र
पुलिस ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि, आठ महीने पहले दोनों (सूर्या और रंजीत) अलग हो चुके थे. पुलिस के मुताबिक, सूर्या 21 जून को वापस लौटी तो उस समय उनके पति रंजीत कुमार जे घर पर नहीं थे. सूर्या ने घर के अंदर जाने की कोशिश की तो वहां मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें रोक लिया. पत्र में सूर्या ने खुलासा किया है कि, उसे कथित तौर पर 'राजा' नाम के एक व्यक्ति ने उसे दो आपराधिक मामलों में फंसाया था. पहला मामला एक लड़के के अपहरण का और दूसरा मामला ऋण वसूली से जुड़ा था.

मरने से पहले नोट में क्या लिखा?
हालांकि, सूर्या ने मरने से पहले पत्र में बताया है कि, उनका पति दयालु व्यक्ति हैं, क्योंकि अलग रहने के दौरान भी रंजीत ने बच्चों की अच्छी तरह से देखभाल करता था. पुलिस ने बताया कि, सूर्या ने अपने पत्र के माध्यम से उन पर लगे दो आपराधिक मामलों में खुद को निर्दोष घोषित करने की मांग की. पुलिस ने आगे कहा कि, यह आत्महत्या का मामला प्रतीत होता है, इसलिए गांधीनगर सेक्टर-21 पुलिस थाने में एक आकस्मिक मौत की रिपोर्ट दर्ज की गई है. पुलिस आगे यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि, क्या सुर्या ने अपनी जान लेने के लिए पहले से तैयार थी. क्या वह पहले से जहर लेकर आई थी.

अपराधी के संपर्क में आई सूर्या, फिर जिंदगी में आए बड़े उतार-चढ़ाव
पत्र में सूर्या ने लिखा है कि, राजा कोई सीधा साधा शख्स नहीं, बल्कि हत्या और हत्या के प्रयास सहित कई गंभीर अपराधों में वांछित है. राजा ने सूर्या को झांसा दिया कि वो अपने पति को छोड़कर आ जाए. दोनों मिलकर कोई बिजनेस शुरू कर लेंगे. दोनों बिजनेस की प्लानिंग कर ही रहे थे कि पुलिस ने राजा को पैरोल का उल्लंघन करने के लिए हिरासत में ले लिया. इस मामले में एक अपराधी को अपने घर में शरण देने के आरोप में सूर्या के खिलाफ भी केस दर्ज कर दिया गया. वो पूरी तरह अकेली पड़ गई. गांधीनगर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) रवि तेजा वासमसेट्टी ने कहा कि, सूर्या को कानूनी लड़ाई लड़ने केलिए बिजनेस की तैयारियों में हुए खर्चों के कारण भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा था. सूर्या ने इसकी भरपाई के लिए कुछ संपत्ति लक्ष्मी नाम की एक महिला को बेच दिया. इसके बाद वह बंगलुरु चली आई और वहां एक कॉलेज में शेफ बनने के लिए एक कोर्स में दाखिला ले लिया.

कठीन दौर से गुजर रही थी आईएएस की पत्नी
इसी क्रम में जब पैसे कम पड़ने लगे तो सूर्या ने लक्ष्मी से कोर्स की फीस भरने में मदद करने का आग्रह किया, लेकिन उसने साफ इनकार कर दिया. इतना ही नहीं उसने कहा कि यदि उसे पैसे चाहिए तो वो अपनी बची हुई संपत्ति भी उसे बेंच दे.

आईएएस की पत्नी ने लिखा, मुझे दो मामलों में फंसाया गया
पुलिस के मुताबिक, इसी बीच 11 जुलाई को लक्ष्मी के लड़के का अपहरण हो गया. उसने इसका आरोप सूर्या समेत और चार से पांच लोगों पर लगाते हुए केस दर्ज करा दिया. सूर्या ने पत्र में लिखा था कि, दोनों मामलों में उन पर गलत आरोप लगाया गया था. पुलिस ने बताया कि, जब वह भागने की कोशिश कर रही थी तो पुलिस उसका पीछा कर रही थी. उसने पत्र में लिखा कि वह अपने पति से मिलने की उम्मीद में गांधीनगर लौट आई थी.

DISCLAIMER: आत्महत्या कोई समाधान नहीं है: यदि आपके मन में आत्महत्या के विचार आ रहे हैं या आप किसी मित्र के बारे में चिंतित हैं या आपको भावनात्मक समर्थन की जरूरत है, तो ऐसे में कोई है जो हमेशा आपकी बात सुनने के लिए मौजूद है. स्नेहा फाउंडेशन को कॉल करें - 04424640050 (24x7 उपलब्ध) या आईकॉल, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की हेल्पलाइन - 9152987821 (सोमवार से शनिवार सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक उपलब्ध).

ये भी पढ़ें: कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन पर ट्रेन के आगे कूदकर बुजुर्ग ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट बरामद

गांधीनगर: गुजरात कैडर के एक आईएएस अधिकारी की पत्नी ने कथित तौर पर जहर खाकर आत्महत्या कर ली. सुसाइड का यह मामला शनिवार (21 जुलाई) की है. खबर के मुताबिक, आईएएस अधिकारी रंजीत कुमार जे की पत्नी सूर्या (45) ने मरने से पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नाम से एक पत्र छोड़ा है. गांधीनगर पुलिस ने सूर्या के लिखे पत्र को बरामद कर लिया है. पुलिस ने 23 जुलाई को बताया कि, सूर्या ने पत्र में लिखा है कि, कैसे दक्षिणी राज्य में दो मामलों में झूठा आरोप लगाए जाने पर वह परेशानी और पीड़ा से जूझ रही थीं.

IAS अधिकारी की पत्नी ने की आत्महत्या
45 साल की महिला सूर्या के पति रंजीत कुमार जे गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. वर्तमान में वह रंजीत गुजरात विद्युत विनियमन आयोग (जीईआरसी) के सचिव के रूप में कार्यरत है. जानकारी के मुताबिक, सूर्या अपने पति से अलग हो चुकी थी. उन्होंने पीड़ा और दुख को झेलते हुए कथित तौर पर अपने पति के आधिकारिक अपार्टमेंट के सामने एक बागीचे में जहर खा लिया. 21 जुलाई की सुबह गांधीनगर सिविल अस्पताल में सूर्या का निधन हो गया.

सूर्या ने सीएम स्टालिन के नाम छोड़ा पत्र
पुलिस ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि, आठ महीने पहले दोनों (सूर्या और रंजीत) अलग हो चुके थे. पुलिस के मुताबिक, सूर्या 21 जून को वापस लौटी तो उस समय उनके पति रंजीत कुमार जे घर पर नहीं थे. सूर्या ने घर के अंदर जाने की कोशिश की तो वहां मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें रोक लिया. पत्र में सूर्या ने खुलासा किया है कि, उसे कथित तौर पर 'राजा' नाम के एक व्यक्ति ने उसे दो आपराधिक मामलों में फंसाया था. पहला मामला एक लड़के के अपहरण का और दूसरा मामला ऋण वसूली से जुड़ा था.

मरने से पहले नोट में क्या लिखा?
हालांकि, सूर्या ने मरने से पहले पत्र में बताया है कि, उनका पति दयालु व्यक्ति हैं, क्योंकि अलग रहने के दौरान भी रंजीत ने बच्चों की अच्छी तरह से देखभाल करता था. पुलिस ने बताया कि, सूर्या ने अपने पत्र के माध्यम से उन पर लगे दो आपराधिक मामलों में खुद को निर्दोष घोषित करने की मांग की. पुलिस ने आगे कहा कि, यह आत्महत्या का मामला प्रतीत होता है, इसलिए गांधीनगर सेक्टर-21 पुलिस थाने में एक आकस्मिक मौत की रिपोर्ट दर्ज की गई है. पुलिस आगे यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि, क्या सुर्या ने अपनी जान लेने के लिए पहले से तैयार थी. क्या वह पहले से जहर लेकर आई थी.

अपराधी के संपर्क में आई सूर्या, फिर जिंदगी में आए बड़े उतार-चढ़ाव
पत्र में सूर्या ने लिखा है कि, राजा कोई सीधा साधा शख्स नहीं, बल्कि हत्या और हत्या के प्रयास सहित कई गंभीर अपराधों में वांछित है. राजा ने सूर्या को झांसा दिया कि वो अपने पति को छोड़कर आ जाए. दोनों मिलकर कोई बिजनेस शुरू कर लेंगे. दोनों बिजनेस की प्लानिंग कर ही रहे थे कि पुलिस ने राजा को पैरोल का उल्लंघन करने के लिए हिरासत में ले लिया. इस मामले में एक अपराधी को अपने घर में शरण देने के आरोप में सूर्या के खिलाफ भी केस दर्ज कर दिया गया. वो पूरी तरह अकेली पड़ गई. गांधीनगर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) रवि तेजा वासमसेट्टी ने कहा कि, सूर्या को कानूनी लड़ाई लड़ने केलिए बिजनेस की तैयारियों में हुए खर्चों के कारण भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा था. सूर्या ने इसकी भरपाई के लिए कुछ संपत्ति लक्ष्मी नाम की एक महिला को बेच दिया. इसके बाद वह बंगलुरु चली आई और वहां एक कॉलेज में शेफ बनने के लिए एक कोर्स में दाखिला ले लिया.

कठीन दौर से गुजर रही थी आईएएस की पत्नी
इसी क्रम में जब पैसे कम पड़ने लगे तो सूर्या ने लक्ष्मी से कोर्स की फीस भरने में मदद करने का आग्रह किया, लेकिन उसने साफ इनकार कर दिया. इतना ही नहीं उसने कहा कि यदि उसे पैसे चाहिए तो वो अपनी बची हुई संपत्ति भी उसे बेंच दे.

आईएएस की पत्नी ने लिखा, मुझे दो मामलों में फंसाया गया
पुलिस के मुताबिक, इसी बीच 11 जुलाई को लक्ष्मी के लड़के का अपहरण हो गया. उसने इसका आरोप सूर्या समेत और चार से पांच लोगों पर लगाते हुए केस दर्ज करा दिया. सूर्या ने पत्र में लिखा था कि, दोनों मामलों में उन पर गलत आरोप लगाया गया था. पुलिस ने बताया कि, जब वह भागने की कोशिश कर रही थी तो पुलिस उसका पीछा कर रही थी. उसने पत्र में लिखा कि वह अपने पति से मिलने की उम्मीद में गांधीनगर लौट आई थी.

DISCLAIMER: आत्महत्या कोई समाधान नहीं है: यदि आपके मन में आत्महत्या के विचार आ रहे हैं या आप किसी मित्र के बारे में चिंतित हैं या आपको भावनात्मक समर्थन की जरूरत है, तो ऐसे में कोई है जो हमेशा आपकी बात सुनने के लिए मौजूद है. स्नेहा फाउंडेशन को कॉल करें - 04424640050 (24x7 उपलब्ध) या आईकॉल, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की हेल्पलाइन - 9152987821 (सोमवार से शनिवार सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक उपलब्ध).

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Last Updated : Jul 24, 2024, 4:15 PM IST
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