अहमदाबाद: एयर इंडिया विमान दुर्घटना के बाद जैसे-जैसे दिन बीतते जा रहे हैं, यहां का जीवन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है. जिस डॉरमेट्री में विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, वहां के रेजिडेंट डॉक्टर अब अपनी बचे हुए सामान को लेने के लिए कॉलेज के हॉस्टल परिसर में आने लगे हैं. इनमें से एक डॉक्टर ने जो कहानी सुनाई, वह दिल दहला देने वाली है.
इस बारे में रेजिडेंट डॉक्टर डॉ.भूषण ने कहा, "मैं इसलिए बच गया क्योंकि मैं ओटी में था". डॉ. भूषण मूल रूप से कर्नाटक के रहने वाले हैं. उन्हें अहमदाबाद के बी.जी. अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर के रूप में नियुक्त किया गया है.
उन्होंने बताया कि12 जून की सुबह डॉ. भूषण अपने हॉस्टल के कमरे से ओटी में अपनी ड्यूटी के लिए निकले. वहीं दोपहर में उन्हें खबर मिली कि जिस हॉस्टल के कमरे में वे रह रहे थे, वहां AI171 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया है. डॉ. भूषण ने ईटीवी भारत को बताया कि, "घटना के 48 घंटे बाद जब हमने हॉस्टल का जायजा लिया तो वहां कुछ भी नहीं बचा था. हर जगह काली परत थी और सबकुछ जलकर राख हो गया था."
छात्रावास से सही सलामत सामान एकत्र करने का प्रयास: पुलिस ने पूरे क्षेत्र की घेराबंदी कर दी है तथा जांच दल फिलहाल छात्रावास क्षेत्र में दुर्घटना स्थल पर मौजूद हैं.
हालांकि, अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद रेजिडेंट डॉक्टरों को धीरे-धीरे अपना सामान बरकरार इमारतों से हटाने की अनुमति दे दी गई. फिलहाल अस्पताल प्रशासन ने इन सभी रेजिडेंट डॉक्टरों को दूसरी जगहों पर शिफ्ट कर दिया है. इनमें से कई अपने परिवार के साथ यहां रह रहे थे.
हालांकि हादसे के बाद कई लोग इधर-उधर हो गए थे. यह भी देखा गया कि डॉक्टर भी एक-दूसरे से पूछ रहे थे कि आखिर कौन कहां गया.
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