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तुर्की ने कैसे भारत के खिलाफ हमले में की पाकिस्तान की मदद ? दागे 300 से ज्यादा ड्रोन - TURKEY

भारत और पाकिस्तान के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा में कई हमलों में कुल 350 से अधिक तुर्की-निर्मित ड्रोन का उपयोग किया गया था.

drone
सोंगर ड्रोन (Assiguard)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 14, 2025 at 4:40 PM IST

3 Min Read

नई दिल्ली: भारत-पाक संघर्ष को दौरान तुर्की को पाकिस्तान का समर्थन करना भारी पड़ रहा है और भारतभर में'बॉयकॉट तुर्की' की मांग तेज होती जा रही है. यह सामने आया है कि तुर्की ने न केवल पाकिस्तान को ड्रोन की सप्लाई किए थे, जिनकी मदद से उसने भारत के खिलाफ स्ट्राइक की, बल्कि तुर्की के सैन्य संचालक कथित तौर पर इन हमलों मे शामिल थे.

जानकारी के मुताबिक भारत और पाकिस्तान के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) में कई हमलों में कुल 350 से अधिक तुर्की-निर्मित ड्रोन का उपयोग किया गया था. पाकिस्तान में मौजूद तुर्की के सैन्य संचालक कथित तौर पर भारत के खिलाफ ड्रोन हमलों में शामिल थे. इंडिया टुडे ने सूत्रों का हवाला देते हुए यह जानकारी दी. सूत्रों ने कहा तुर्की ड्रोन ऑपरेटर भी घातक लोगों का हिस्सा हैं.

36 स्थानों पर हवाई क्षेत्र का उल्लंघन
पाकिस्तान ने कथित तौर पर Bayraktar TB2 मानवरहित कॉम्बैट एरियल वाहन (UCAV) और YIHA ड्रोन का इस्तेमाल किया था. ड्रोन का इस्तेमाल टारगेट को नामित करने के लिए किया गया था और संभावित रूप से कामिकेज हमलों का संचालन किया गया था.

बता दें कि 7-8 मई की रात पाकिस्तानी सेना ने लगभग 300-400 ड्रोन का उपयोग करके भारतीय सैन्य इंफ्रास्ट्रक्चर को लक्षित करने के लिए पश्चिमी सीमा के 36 स्थानों पर हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया.

तुर्की के असिसगार्ड सोंगर ड्रोन
जम्मू, पठानकोट और उदमपुर में सैन्य स्टेशन पाकिस्तान से आए ड्रोन और मिसाइलों के टारगेट में थे. इस संबंध में कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा था, "ड्रोन के मलबे की फोरेंसिक जांच की जा रही है. प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि वे तुर्की के असिसगार्ड सोंगर ड्रोन हैं."

बहिष्कार तुर्की ने पकड़ी गति
पहलगाम आतंकी हमले और भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद बहिष्कार तुर्की की मांग जोर पकड़ रही है. ऐसे में भारत तुर्की के खिलाफ सख्त एक्शन ले सकता है. अगर ऐसा हुआ तो तुर्की को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है.

ई-कॉमर्स साइटें जैसे कि ट्रेंडयोल और एलसी वाइकिकी तुर्की ब्रांडों की विजिबलिटी सीमित कर रही हैं. वहीं, फ्लिपकार्ट ट्रैवल और क्लियरट्रिप सहित भारतीय ट्रैवल कंपनियां राष्ट्रीय हितों के समर्थन में तुर्की और अजरबैजान के लिए बुकिंग रोक रही हैं.

इस बीच पुणे के फल बाजारों से तुर्की के सेब गायब हो गए हैं, व्यापारियों ने ईरान, वाशिंगटन, न्यूजीलैंड और भारतीय क्षेत्रों जैसे हिमाचल और उत्तराखंड के विकल्पों के लिए विकल्प चुना है.साथ ही तुर्की से आयात होने वाले सेबों पर प्रतिबंधन की मांग भी उठ रही है. इतना ही नहीं भारतीय नागरिकों ने तुर्की न जाने का फैसला किया है, जिससे देश के टूरिज्म को नुकसान होने की उम्मीद है.

इक्सिगो ने भी तुर्की सहित चीन और अजरबैजान के लिए सभी फ्लाइट और होटल बुकिंग सस्पेंड कर दी हैं. "कंपनी ने ट्वीट करते हुए कहा कि देश के साथ एकजुटता में इक्सिगो तुर्की, अजरबैजान और चीन के लिए फ्लाइट और हॉटल की बुकिंग को सस्पेंड करता है, क्योंकि जब बात भारत की आए तो हम दोबारा नहीं सोचते. जय हिंद!"

बता दें कि तुर्की के पर्यटन विकास में भारतीय टूरिस्ट का बड़ा योगदान है. 2023 की तुलना में पिछले साल विजिटर्स की संख्या में 20.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इसके चलते दोनों देशों के बीच बेहतर हवाई संपर्क है.

यह भी पढ़ें- Explainer: तुर्की-अजरबैजान को कितना महंगा पडे़गा पाकिस्तान को समर्थन करना? बायकॉट के लिए उठीं आवाजें, जानें सरकार ने अबतक क्या उठाए कदम

नई दिल्ली: भारत-पाक संघर्ष को दौरान तुर्की को पाकिस्तान का समर्थन करना भारी पड़ रहा है और भारतभर में'बॉयकॉट तुर्की' की मांग तेज होती जा रही है. यह सामने आया है कि तुर्की ने न केवल पाकिस्तान को ड्रोन की सप्लाई किए थे, जिनकी मदद से उसने भारत के खिलाफ स्ट्राइक की, बल्कि तुर्की के सैन्य संचालक कथित तौर पर इन हमलों मे शामिल थे.

जानकारी के मुताबिक भारत और पाकिस्तान के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) में कई हमलों में कुल 350 से अधिक तुर्की-निर्मित ड्रोन का उपयोग किया गया था. पाकिस्तान में मौजूद तुर्की के सैन्य संचालक कथित तौर पर भारत के खिलाफ ड्रोन हमलों में शामिल थे. इंडिया टुडे ने सूत्रों का हवाला देते हुए यह जानकारी दी. सूत्रों ने कहा तुर्की ड्रोन ऑपरेटर भी घातक लोगों का हिस्सा हैं.

36 स्थानों पर हवाई क्षेत्र का उल्लंघन
पाकिस्तान ने कथित तौर पर Bayraktar TB2 मानवरहित कॉम्बैट एरियल वाहन (UCAV) और YIHA ड्रोन का इस्तेमाल किया था. ड्रोन का इस्तेमाल टारगेट को नामित करने के लिए किया गया था और संभावित रूप से कामिकेज हमलों का संचालन किया गया था.

बता दें कि 7-8 मई की रात पाकिस्तानी सेना ने लगभग 300-400 ड्रोन का उपयोग करके भारतीय सैन्य इंफ्रास्ट्रक्चर को लक्षित करने के लिए पश्चिमी सीमा के 36 स्थानों पर हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया.

तुर्की के असिसगार्ड सोंगर ड्रोन
जम्मू, पठानकोट और उदमपुर में सैन्य स्टेशन पाकिस्तान से आए ड्रोन और मिसाइलों के टारगेट में थे. इस संबंध में कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा था, "ड्रोन के मलबे की फोरेंसिक जांच की जा रही है. प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि वे तुर्की के असिसगार्ड सोंगर ड्रोन हैं."

बहिष्कार तुर्की ने पकड़ी गति
पहलगाम आतंकी हमले और भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद बहिष्कार तुर्की की मांग जोर पकड़ रही है. ऐसे में भारत तुर्की के खिलाफ सख्त एक्शन ले सकता है. अगर ऐसा हुआ तो तुर्की को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है.

ई-कॉमर्स साइटें जैसे कि ट्रेंडयोल और एलसी वाइकिकी तुर्की ब्रांडों की विजिबलिटी सीमित कर रही हैं. वहीं, फ्लिपकार्ट ट्रैवल और क्लियरट्रिप सहित भारतीय ट्रैवल कंपनियां राष्ट्रीय हितों के समर्थन में तुर्की और अजरबैजान के लिए बुकिंग रोक रही हैं.

इस बीच पुणे के फल बाजारों से तुर्की के सेब गायब हो गए हैं, व्यापारियों ने ईरान, वाशिंगटन, न्यूजीलैंड और भारतीय क्षेत्रों जैसे हिमाचल और उत्तराखंड के विकल्पों के लिए विकल्प चुना है.साथ ही तुर्की से आयात होने वाले सेबों पर प्रतिबंधन की मांग भी उठ रही है. इतना ही नहीं भारतीय नागरिकों ने तुर्की न जाने का फैसला किया है, जिससे देश के टूरिज्म को नुकसान होने की उम्मीद है.

इक्सिगो ने भी तुर्की सहित चीन और अजरबैजान के लिए सभी फ्लाइट और होटल बुकिंग सस्पेंड कर दी हैं. "कंपनी ने ट्वीट करते हुए कहा कि देश के साथ एकजुटता में इक्सिगो तुर्की, अजरबैजान और चीन के लिए फ्लाइट और हॉटल की बुकिंग को सस्पेंड करता है, क्योंकि जब बात भारत की आए तो हम दोबारा नहीं सोचते. जय हिंद!"

बता दें कि तुर्की के पर्यटन विकास में भारतीय टूरिस्ट का बड़ा योगदान है. 2023 की तुलना में पिछले साल विजिटर्स की संख्या में 20.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इसके चलते दोनों देशों के बीच बेहतर हवाई संपर्क है.

यह भी पढ़ें- Explainer: तुर्की-अजरबैजान को कितना महंगा पडे़गा पाकिस्तान को समर्थन करना? बायकॉट के लिए उठीं आवाजें, जानें सरकार ने अबतक क्या उठाए कदम

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