श्रीनगर: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद ठप हुआ कश्मीर का टूरिज्म अब धीरे-धीरे पर्यटकों से गुलजार होता दिख रहा है. इन सबके बीच रविवार शाम को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पहलगाम यात्रा की अपनी कुछ तस्वीरें और अनुभव शेयर किया. उन्होंने कहा कि, कश्मीर का पर्यटन स्थल गतिविधियों से भरा हुआ है.
घाटी को फिर से सैलानियों से गुलजार करने के लिए वहां की सरकार और पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग जुटे हुए हैं. सीएम ने कहा कि, पिछली बार जब वे पहलगाम गए थे, तो उन्होंने एक ऐसे बाजार से साइकिल चलाई थी जो लगभग सुनसान था. उन्होंने पहलगाम से वापसी करने के बाद वहां की स्थिति से लोगों को अवगत कराया. उन्होंने कहा कि, पहलगाम में उन्होंने कई सारी गतिविधियां देखीं

सीएम अब्दुल्ला ने कहा कि, उन्होंने पहलगाम में देखा कि, देश के अलग-अलग हिस्सों से आए पर्यटक स्थानीय पिकनिक मनाने वालों के साथ जगह पाने के लिए रेस में नजर आ रहे थे. उन्होंने एक्स पोस्ट किया, कहा, यहां की ठंडी जलवायु और बारिश के मौसम का लोग आनंद ले रहे हैं.
घाटी में एक ठंडा डेस्टिनेशन प्वाइंट पहलगाम, आमतौर पर रविवार को घरेलू पर्यटकों की भारी भीड़ होती है. रविवार की भीड़ 22 अप्रैल को बैसरन घास के मैदान में हुए घातक आतंकी हमले के बाद दो महीने तक सुनसान रहने के बाद आई थी. बता दें कि, पहलगाम आतंकी हमले में 25 पर्यटक और एक स्थानीय टट्टू संचालक मारे गए थे.
इस आतंकी हमले के बाद सरकार ने सुरक्षा के मद्देनजर 48 पर्यटन स्थलों को बंद कर दिया था. पिछले हफ्ते, जम्मू और कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा प्रशासन ने पहलगाम के अरु और बेताब पार्कों को पर्यटकों के लिए खोल दिया, जिससे पर्यटकों की गतिविधि को फिर से शुरू करने में मदद मिली. पहलगाम के अलावा, गुलमर्ग और सोनमर्ग ही पर्यटकों के लिए खुल गए हैं.
पहलगाम हमले के बाद श्रीनगर में लोकप्रिय पर्यटन स्थल डल झील वीरान हो गई थी. इसकी लंबी बुलेवार्ड सड़क पर सुरक्षा बलों ने घेरा बना रखा था और झील के अंदर शिकारे उनके मालिकों ने बंद कर दिए थे. हालांकि, अब फिर से चहल-पहल लौट आई है क्योंकि स्थानीय विजिटर्स और पर्यटक दिन भर की गर्मी से बचने के लिए शामें यहां बिता रहे हैं.

झील में एक घंटे तक शिकारे की सवारी का आनंद लेने के बाद अतुल आनंद ने कहा, "यहां का मौसम हमारे राज्य उत्तर प्रदेश से बेहतर है. हम पहलगाम और सोनमर्ग गए थे. उन्होंने कहा कि, यहां पर्यटकों का सम्मान किया जाता है. उन्हें यहां कोई असुरक्षा महसूस नहीं होती. पहलगाम हमले के बावजूद आनंद अपने परिवार के साथ कश्मीर घूमने के लिए आए थे.
शिकारा मालिकों के बीच पर्यटकों की इस छोटी सी संख्या ने एक उम्मीद जगाई है. वह इसलिए क्योंकि उनकी आजीविका का स्रोत फिर से शुरू जो हो रहा है. शिकारा मालिक गुलज़ार दुनू ने कहा कि, अभी पर्यटकों की बहुत भीड़ नहीं है, लेकिन धीरे-धीरे उनकी संख्या बढ़ रही है.
पहलगाम को फिर से खोलना, हवाई किराए में कमी, घाटी में होटल व्यवसायियों और टूर ऑपरेटरों द्वारा दी जाने वाली छूट इस इलाके को फिर से खड़ा करने में मदद कर रही है. हालांकि, दूधपत्थर और यूसमर्ग जैसे अन्य टॉप पर्यटक स्थलों का बंद होना और इसके फिर से शुरू होने में अभी भी अड़चनें हैं.
कश्मीर में एक अनुभवी टूर ऑपरेटर फारूक कुथू ने कहा कि सरकार को दूधपत्थर और यूसमर्ग स्थलों को फिर से खोलना चाहिए ताकि स्थानीय और गैर-स्थानीय दोनों पर्यटकों के पास पहलगाम और गुलमर्ग से आगे जाने के विकल्प हो सकें.

कुथू ने ईटीवी भारत को बताया कि, यह सही समय है जब घरेलू और गैर-स्थानीय पर्यटक गर्मी से बचने के लिए गंतव्यों की ओर जाते हैं. लेकिन गंतव्यों, मुख्य रूप से दूधपत्थर और यूसमर्ग के बंद होने से लोगों में ज्यादा दिलचस्पी नहीं है. सरकार को पहलगाम को पूरी तरह से खोलने के बाद इन दो स्थलों को फिर से खोलना चाहिए.
बंद होने से इन स्थलों में स्थानीय लोगों की आजीविका पर असर पड़ा है. दूधपत्थर में कश्मीरी नन चाय (नमकीन चाय) बेचने वाले रियाज अहमद ने कहा कि गंतव्य के बंद होने से उनकी कोई कमाई नहीं हुई है. बडगाम जिले के सुंदर घास के मैदान के आसपास महिलाओं सहित दर्जनों ग्रामीणों ने गंतव्य के प्रवेश द्वार पर अपनी चाय की दुकानें शुरू की हैं. उनमें से अख्तर भी हैं, जो अपने पति के साथ चाय बेचती हैं.
The last time I was in Pahalgam I cycled through a market that was all but deserted. Today I came back to a Pahalgam that was bustling with activity. Tourists from various parts of the country competed for space with local picnickers who were enjoying the cool climate & rainy… pic.twitter.com/Mm9puLMOEG
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) June 22, 2025
उनका कहना है कि पहलगाम हमले के बाद साइट के बंद होने से उनका परिवार प्रभावित हुआ है. 6 जून को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वंदे भारत ट्रेन के उद्घाटन के साथ, पर्यटन हितधारकों को उम्मीद है कि जम्मू और कश्मीर के बीच सभी मौसम की कनेक्टिविटी से एयरलाइंस के एकाधिकार को खत्म करने में मदद मिलेगी.
जाने-माने होटल व्यवसायी मुश्ताक चाया ने ईटीवी भारत को बताया, "पर्यटन के पीक सीजन के दौरान हवाई किराए महंगे थे. ट्रेन कनेक्टिविटी के साथ, कश्मीर की यात्रा किफायती होगी. हमें उम्मीद है कि पर्यटन फिर से शुरू होगा, हालांकि इसमें कुछ और समय लगेगा."
The last time I was in Pahalgam I cycled through a market that was all but deserted. Today I came back to a Pahalgam that was bustling with activity. Tourists from various parts of the country competed for space with local picnickers who were enjoying the cool climate & rainy… pic.twitter.com/Mm9puLMOEG
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) June 22, 2025
भारतीय पर्यटक परिवहन संघ के मानद सचिव कंवरजीत सिंह साहनी ने ईटीवी भारत को बताया कि कश्मीर के लिए बुकिंग बढ़नी शुरू हो गई है. साहनी ने कहा कि, अब कश्मीर में पर्यटकों की अच्छी प्रतिक्रिया है. यात्रा के बाद और उसके दौरान भी गतिविधियां तेज होंगी.
पहलगाम हमले के बाद सीएम उमर ने पर्यटकों में आत्मविश्वास भरने और उन्हें सुरक्षा का संदेश देने के लिए गुलमर्ग और पहलगाम में आधिकारिक बैठकें कीं. केंद्र सरकार ने भी सुरक्षा का माहौल बनाने के लिए अपने कुछ मंत्रियों को घाटी में भेजा. उमर ने कहा कि, उन्हें यह देखकर बहुत संतोष हो रहा है कि उनके और सहयोगियों का प्रयास धीरे-धीरे सफल हो रहा है.
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