प्रयागराजः मध्यप्रदेश के दमोह मिशन अस्पताल में 15 हॉर्ट पेशेंट्स का ऑपरेशन करने वाला फर्जी हार्ट सर्जन नरेंद्र जॉन केम प्रयागराज से 7 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था. वह पिछले 6 माह से प्रयागराज के ओमेक्स आनंदा अपार्टमेंट के 511 नंबर फ्लैट में फरारी काट रहा था. मध्य प्रदेश पुलिस उसको लगातार ढूंढ रही थी. उसे पकड़ना बहुत मुश्किल हो रहा था. फिर डॉ. नरेंद्र जाॅन केम के चिकन के शौक ने उसे मध्य प्रदेश पुलिस की गिरफ्त में ला दिया. आइए जानते हैं मध्य प्रदेश पुलिस जिसे कई दिनों से ढूंढ रही थी उसतक 24 घंटे में कैसे पहुंची.
नरेंद्र जॉन केम और उसका कुत्ता ब्रूनो चिकन के शौकीन: अब तक कई राज्याें में काम कर चुके और 7 लोगों को हार्ट सर्जरी के नाम पर मौत के घाट उतार चुके फर्जी डॉक्टर नरेंद्र जॉन केम चिकन का काफी शौकीन था. उसने लेब्राडोर ब्रीड का एक कुत्ता भी पाल रखा था. उसे भी फ्रेश चिकन बहुत पसंद था. नरेंद्र जॉन केम ने गूगल पर सर्च किया कि फ्रेश चिकन कहां मिलता है. उसे ZU चिकन एंड एग शॉप एडीए कॉलोनी नैनी का नंबर मिला. उस नंबर पर एन जॉन केम ने फोन किया और फ्रेश चिकन आर्डर किया. दुकानदार ने बताया कि वह ऑनलाइन डिलिवरी नहीं करता है. अगर चिकन चाहिए तो उन्हें दुकान तक आना होगा.
मीट शॉप वाले को डॉक्टर होने की दी थी धौंस: नरेंद्र जॉन ने उसे परिचय दिया कि मैं पेशे से डॉक्टर हूं और मैं बिजी रहता हूं. लिहाजा चिकन वह फ्लैट तक पहुंचा दे. दुकानदार प्रभाव में आ गया और डॉक्टर से उनका करेंट लोकेशन और एड्रेस मांगा. नरेंद्र ने अपना ओमेक्स आनंद के पांचवें फ्लोर पर स्थित 511 नंबर के फ्लैट का पता और लोकेशन भेज दी. बस, उससे यही चूक हो गई. पहले से लिसनिंग पर नरेंद्र जॉन केम का नंबर मध्य प्रदेश पुलिस ने लगा रखा था. उसने आर्डर देते समय तो अपना फोन ऑन रखा बाद में स्विच ऑफ हो गया. मोबाइल से सिम भी निकाल दिया. लिहाजा मध्य प्रदेश पुलिस के पास उसे पकड़ने का कोई और तरीका नहीं बचा.
ओमेक्स आनंदा के 511 फ्लैट से पकड़ा गया: दमोह के पुलिस अधीक्षक श्रुत कीर्ति सोमवंशी ने बताया कि हमारी टीम ने 6 अप्रैल को प्रयागराज को रवाना हो गई. सबसे पहले हमने ZU चिकन दुकानदार को पकड़ा. उससे पूछताछ की गई तो उसने बताया कि इस नंबर से मेरे पास फोन आया था. फोन करने वाले ने कहा था कि कि चिकन चाहिए. पहले तो उसने होम डिलिवरी सर्विस नहीं देने से मना कर दिया. इस पर उसने शॉप पर आकर चिकन खरीदने में असमर्थता जताई. फिर उसने अपनी लोकेशन और एड्रेस भेजा था. एसपी ने बताया कि दुकानदार ने टीम को उस करेंट लोकेशन को दिखाया. मध्य प्रदेश पुलिस उसको लेकर ओमेक्स आनंदा के पांचवें फ्लोर पर स्थित 511 फ्लैट पर पहुंची. पुलिस ने उसी दुकानदार से कॉल बेल दबवाई और अंदर से नरेंद्र जॉन केम निकला. इसके बाद 7 अप्रैल को उसे पुलिस ने मौके से गिरफ्तार कर लिया.
9 महीने से प्रयागराज में कमरा लेकर रह रहा था: नरेंद्र जॉन केम पिछले 9 महीने से प्रयागराज के नैनी थाना क्षेत्र में स्थित ओमेक्स आनंदा के पांचवें फ्लोर स्थित 511 फ्लैट नंबर में रह रहा था. उसने अपने को डॉक्टर बताकर इस फ्लैट को जमुना सिंह से किराए पर लिया था. यह भी कहा था कि वह प्रयागराज में प्राइवेट प्रैक्टिस करता है. अभी वह यहीं रहकर अगले कुछ साल काम करेगा. उसने इस फ्लैट को ऑनलाइन माध्यम से लिया था. मकान मालिक जमुना सिंह ने भी डॉक्टर समझ कर अपने फ्लैट को एग्रीमेंट कर किराए पर दे दिया था. आसपास के लोगों से उसका मिलना जुलना नहीं था. एन जॉन केम यहीं से बीच में दमोह जाकर हार्ट सर्जरी करता रहा. जब खाली रहता प्रयागराज आ जाता.
पुलिस की जांच में मिले महत्वपूर्ण दस्तावेज:मध्य प्रदेश की दमोह पुलिस की टीम गुरुवार की सुबह ओमेक्स आनंदा के पांचवें फ्लोर पर स्थित 511 फ्लैट में उसका सारा सामान वीडियोग्राफी कराकर खुलवाया. फ्लैट में एक बड़ा सूटकेस मिला है, जिसमें उसके शैक्षिक प्रमाण पत्र वा कुछ जरूरी दस्तावेज भी मिले हैं. पुलिस उनकी बारीकी से जांच कर रही है और फ्लैट में मिले सभी सामानों को सर्च कर उनकी लिस्टिंग कर रही है. गुरुवार की सुबह पहुंची मध्य प्रदेश की दमोह पुलिस ने दिनभर फ्लैट में सर्च ऑपरेशन चलाया. पुलिस की जांच में शैक्षिक रिकार्ड की प्रतियां और आधार कार्ड भी पुलिस को मिला है, जिनको अब पुलिस वेरीफाई कराएगी.
लंदन के फेमस डॉक्टर के नाम से किया फर्जीवाड़ा: दमोह में कई सालों से मिशनरी अस्पताल का संचालन हो रहा है. आरोप है कि इस अस्पताल में इसी साल जनवरी और फरवरी के दौरान आए मरीजों का कार्डियोलॉजिस्ट बनकर फर्जी डॉक्टर ने इलाज किया. ये शख्स खुद को लंदन का डॉ. एनजोन केम बताता था जबकि आधार पर इसका नाम नरेंद्र विक्रमादित्य यादव लिखा है. बता दें कि एनजोन केम लंदन के मशहूर डॉक्टर हैं, जिनका दुनिया में हृदयरोग के क्षेत्र में बड़े ही सम्मान से लिया जाता है. ये मामला सामने लाने वाले अधिवक्ता दीपक तिवारी ने बताया कि फरवरी में दो पीड़ित हमारे संपर्क में आए. उन्होने शिकायत की थी. इसकी जांच की तो पता चला कि 7 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है."
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी लिया संंज्ञान: दमोह में फर्जी डॉक्टर जॉन केम द्वारा किए गए 15 ऑपरेशन से कथित रूप से 7 लोगों की मौत के मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी संज्ञान लिया है. मुख्यमंत्री ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में इस तरह के फर्जी डॉक्टरों की जांच कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए.
15 का ऑपरेशन और 7 की मौतः बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष दीपक तिवारी ने बताया कि डॉ. जॉन केम द्वारा जनवरी-फरवरी माह के दौरान करीबन 15 हार्ट मरीजों की एंजियोप्लास्टी की थी. इसमें से 7 मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो गई. इसकी शिकायत सीएमएचओ से की थी, लेकिन जब उन्होंने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया तो फिर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग को शिकायत भेजी गई." वहीं, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करने और रिपोर्ट मांगे जाने के बाद प्रशासन हरकत में आया.
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