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Pig Butchering के खिलाफ कार्रवाई : गृह मंत्रालय ने 7.81 लाख सिम और 2.08 लाख IMEI किए ब्लॉक - PIG BUTCHERING SCAM

Pig Butchering Scam से लोगों को बचाने के लिए गृह मंत्रालय तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं. गृह राज्यमंत्री ने इसके बारे में जानकारी दी.

Pig Butchering Scam
सांकेतिक तस्वीर. (/i4c.mha.gov.in/)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : March 26, 2025 at 5:26 PM IST

Updated : March 26, 2025 at 5:33 PM IST

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नई दिल्ली: डिजिटल युग में साइबर क्राइम तेजी से बढ़ रहा है. एक नया स्कैम जिसे Pig Butchering Scam कहा जाता है लोगों से उसकी गाढ़ी कमाई लूट लेता है. गृह मंत्रालय pig butchering scam सहित अन्य साइबर अपराधों से निपटने के लिए काम कर रहा है. मंत्रालय के अनुसार 28 फरवरी तक 7.81 लाख से अधिक सिम कार्ड और 2 लाख 8 हजार 469 मोबाइल फोन (आईएमईआई) को ब्लॉक कर दिया है.

बुधवार को राज्यसभा में यह जानकारी देते हुए गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार साइबर अपराध और 'पिग बूचरिंग स्कैम' के खिलाफ लड़ने के लिए सलाह और वित्तीय सहायता के माध्यम से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की पहल को बढ़ावा देती है. कुमार ने कहा कि वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए वर्ष 2021 में ‘नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रणाली’ शुरू की गई है. उन्होंने कहा कि अब तक 13.36 लाख से अधिक शिकायतों में 4,386 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय राशि बचाई गई है.

मंत्री ने कहा, "ऑनलाइन साइबर शिकायत दर्ज कराने में सहायता के लिए एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर '1930' शुरू किया गया है. आईटी अधिनियम 2000 की धारा 79 की उपधारा (3) के खंड (बी) के तहत उपयुक्त सरकार या उसकी एजेंसी द्वारा आईटी मध्यस्थों को नोटिस भेजने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए ‘सहयोग’ पोर्टल शुरू किया गया है, ताकि गैरकानूनी कार्य करने के लिए इस्तेमाल की जा रही किसी भी सूचना, डेटा या संचार लिंक को हटाने या उस तक पहुंच को अक्षम करने में सुविधा हो."

Pig Butchering Scam
शिकायत दर्ज कराएं. (/i4c.mha.gov.in/)

मंत्री ने कहा कि आई4सी ने डिजिटल गिरफ्तारी के लिए इस्तेमाल किए गए 3,962 से अधिक स्काइप आईडी और 83,668 व्हाट्सएप खातों की सक्रिय रूप से पहचान की और उन्हें ब्लॉक किया. मंत्री ने बताया कि आई4सी में एक अत्याधुनिक केंद्र, साइबर धोखाधड़ी शमन केंद्र (सीएफएमसी) स्थापित किया गया है. जहां प्रमुख बैंकों, वित्तीय मध्यस्थों, भुगतान एग्रीगेटर्स, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं, आईटी मध्यस्थों और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसी के प्रतिनिधि साइबर अपराध से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई और निर्बाध सहयोग के लिए मिलकर काम कर रहा है.

उन्होंने कहा कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों के सहयोग से पिछले साल 10 सितंबर को I4C द्वारा साइबर अपराधियों की पहचान करने वालों की एक संदिग्ध रजिस्ट्री शुरू की गई थी. अब तक 8 लाख से अधिक संदिग्ध रिकॉर्ड और 20 लाख से अधिक खच्चर खातों को संदिग्ध रजिस्ट्री की भागीदार संस्थाओं के साथ साझा किया गया है. 2889 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को सेव किया गया. ‘प्रतिबिंब’ मानचित्र का उल्लेख करते हुए मंत्री ने कहा कि यह मॉड्यूल कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा I4C और अन्य एसएमई से तकनीकी-कानूनी सहायता प्राप्त करने और प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करता है.

क्या है Pig Butchering Scam:

यह एक खतरनाक साइबर क्राइम है, जो लोगों की भावनाओं से खेलते हुए उनकी कमाई को निशाना बनाता है. पिग को हिंदी में सुअर कहते हैं. लोग सुअर को पालते हैं, उसे खिला-पिलाकर बढ़ाकर करते हैं और फिर उसे मारकर अपना व्यापार करते हैं. इसी तरह साइबर क्रिमिनल्स पहले लोगों को फोन करके बात करते हैं, किसी माध्यम और कारण के जरिए उनके साथ दोस्ती बढ़ाते हैं, वो हफ्तों या महीनों तक अपने टागरेट लोगों के बातचीत करते हैं.

धीरे-धीरे उनका विश्वास जीतते हैं और फिर उन्हें किसी तरह के इन्वेस्टमेंट प्लान में अपना पैसा लगाने और फिर प्रॉफिट कमाने का लालच दिखाते हैं. स्कैमर्स इस पूरी प्रक्रिया को बड़े ही धैर्य के साथ करते हैं और लोगों की भवानाओं के साथ खेलते हैं. जब लोगों को ऐसे स्कैमर्स पर पूरा भरोसा हो जाता है और वो इन्वेस्टमेंट कर देते हैं, तो उन्हें भारी-भरकम नुकसान का सामना करना पड़ता है. इसी कारण इस तरह के नए स्कैम को पिग बुचरिंग स्कैम कहा जाता है.

इसे भी पढ़ेंः 'पिग बुचरिंग स्कैम' क्या होता है? विस्तार में समझिए इससे सुरक्षित रहने का तरीका

नई दिल्ली: डिजिटल युग में साइबर क्राइम तेजी से बढ़ रहा है. एक नया स्कैम जिसे Pig Butchering Scam कहा जाता है लोगों से उसकी गाढ़ी कमाई लूट लेता है. गृह मंत्रालय pig butchering scam सहित अन्य साइबर अपराधों से निपटने के लिए काम कर रहा है. मंत्रालय के अनुसार 28 फरवरी तक 7.81 लाख से अधिक सिम कार्ड और 2 लाख 8 हजार 469 मोबाइल फोन (आईएमईआई) को ब्लॉक कर दिया है.

बुधवार को राज्यसभा में यह जानकारी देते हुए गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार साइबर अपराध और 'पिग बूचरिंग स्कैम' के खिलाफ लड़ने के लिए सलाह और वित्तीय सहायता के माध्यम से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की पहल को बढ़ावा देती है. कुमार ने कहा कि वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए वर्ष 2021 में ‘नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रणाली’ शुरू की गई है. उन्होंने कहा कि अब तक 13.36 लाख से अधिक शिकायतों में 4,386 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय राशि बचाई गई है.

मंत्री ने कहा, "ऑनलाइन साइबर शिकायत दर्ज कराने में सहायता के लिए एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर '1930' शुरू किया गया है. आईटी अधिनियम 2000 की धारा 79 की उपधारा (3) के खंड (बी) के तहत उपयुक्त सरकार या उसकी एजेंसी द्वारा आईटी मध्यस्थों को नोटिस भेजने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए ‘सहयोग’ पोर्टल शुरू किया गया है, ताकि गैरकानूनी कार्य करने के लिए इस्तेमाल की जा रही किसी भी सूचना, डेटा या संचार लिंक को हटाने या उस तक पहुंच को अक्षम करने में सुविधा हो."

Pig Butchering Scam
शिकायत दर्ज कराएं. (/i4c.mha.gov.in/)

मंत्री ने कहा कि आई4सी ने डिजिटल गिरफ्तारी के लिए इस्तेमाल किए गए 3,962 से अधिक स्काइप आईडी और 83,668 व्हाट्सएप खातों की सक्रिय रूप से पहचान की और उन्हें ब्लॉक किया. मंत्री ने बताया कि आई4सी में एक अत्याधुनिक केंद्र, साइबर धोखाधड़ी शमन केंद्र (सीएफएमसी) स्थापित किया गया है. जहां प्रमुख बैंकों, वित्तीय मध्यस्थों, भुगतान एग्रीगेटर्स, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं, आईटी मध्यस्थों और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसी के प्रतिनिधि साइबर अपराध से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई और निर्बाध सहयोग के लिए मिलकर काम कर रहा है.

उन्होंने कहा कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों के सहयोग से पिछले साल 10 सितंबर को I4C द्वारा साइबर अपराधियों की पहचान करने वालों की एक संदिग्ध रजिस्ट्री शुरू की गई थी. अब तक 8 लाख से अधिक संदिग्ध रिकॉर्ड और 20 लाख से अधिक खच्चर खातों को संदिग्ध रजिस्ट्री की भागीदार संस्थाओं के साथ साझा किया गया है. 2889 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को सेव किया गया. ‘प्रतिबिंब’ मानचित्र का उल्लेख करते हुए मंत्री ने कहा कि यह मॉड्यूल कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा I4C और अन्य एसएमई से तकनीकी-कानूनी सहायता प्राप्त करने और प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करता है.

क्या है Pig Butchering Scam:

यह एक खतरनाक साइबर क्राइम है, जो लोगों की भावनाओं से खेलते हुए उनकी कमाई को निशाना बनाता है. पिग को हिंदी में सुअर कहते हैं. लोग सुअर को पालते हैं, उसे खिला-पिलाकर बढ़ाकर करते हैं और फिर उसे मारकर अपना व्यापार करते हैं. इसी तरह साइबर क्रिमिनल्स पहले लोगों को फोन करके बात करते हैं, किसी माध्यम और कारण के जरिए उनके साथ दोस्ती बढ़ाते हैं, वो हफ्तों या महीनों तक अपने टागरेट लोगों के बातचीत करते हैं.

धीरे-धीरे उनका विश्वास जीतते हैं और फिर उन्हें किसी तरह के इन्वेस्टमेंट प्लान में अपना पैसा लगाने और फिर प्रॉफिट कमाने का लालच दिखाते हैं. स्कैमर्स इस पूरी प्रक्रिया को बड़े ही धैर्य के साथ करते हैं और लोगों की भवानाओं के साथ खेलते हैं. जब लोगों को ऐसे स्कैमर्स पर पूरा भरोसा हो जाता है और वो इन्वेस्टमेंट कर देते हैं, तो उन्हें भारी-भरकम नुकसान का सामना करना पड़ता है. इसी कारण इस तरह के नए स्कैम को पिग बुचरिंग स्कैम कहा जाता है.

इसे भी पढ़ेंः 'पिग बुचरिंग स्कैम' क्या होता है? विस्तार में समझिए इससे सुरक्षित रहने का तरीका

Last Updated : March 26, 2025 at 5:33 PM IST
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