ETV Bharat / bharat

मलबे के ढेर में जिंदगी की तलाश: शिमला, कुल्लू, मंडी में रेस्क्यू जारी, अब तक 6 की मौत और 47 लापता - Himachal Disaster

Rescue Operation in Himachal: हिमाचल प्रदेश में 31 जुलाई की रात अपने साथ आसमानी आफत और 1 अगस्त की सुबह अपने साथ तबाही का मंजर लेकर आई. प्रदेश में आपदा के 56 घंटे बाद भी तबाही के निशान बाकी हैं. अभी भी मलबे में जिंदगी की तलाश की जा रही है. आज तीसरे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.

author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 3, 2024, 1:28 PM IST

Himachal Disaster
हिमाचल में तबाही का मंजर (ETV Bharat)

शिमला: 31 जुलाई की रात और 1 अगस्त की सुबह के बीच हिमाचल प्रदेश के कुल्लू, शिमला और मंडी जिले में बादल फटने और फ्लैश फ्लड के कारण तबाही मच गई. हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक बीते 56 घंटे में इन तीनों जिलों में कुल 6 लोगों की मौत हुई है. जबकि 47 लोग अब भी लापता हैं, तीनों ही जगह राहत और बचाव कार्य चल रहा है.

Himachal Disaster
हिमाचल आपदा में अब तक 6 की मौत (HPSDMA)

रामपुर में तबाही का मंजर

बादल फटने के बाद मची तबाही का भयावह मंजर शिमला जिले के रामपुर में दिख रहा है. जहां समेज गांव का नक्शा बदल चुका है. लग रहा है मानो पूरा गांव श्मशान में तब्दील हो चुका है. यहां अब भी 33 लोग लापता हैं. जिनकी तलाश में राहत और बचाव टीमें लगी हुई हैं लेकिन हर बीतते पल के साथ उम्मीद की किरण धुंधली होती जा रही है. यहां कई परिवार ऐसे हैं जिन्होंने अपने परिवारवालों से लेकर अपने आशियाने तक गंवा दिए हैं.

Himachal Disaster
समेज गांव में मलबे में ढूंढी जा रही जिंदगियां (ETV Bharat)

रामपुर में 25 घर पूरी तरह से तबाह हो गए हैं. जबकि 5 घरों को नुकसान पहुंचा है. जब बादल फटा तो घरों के साथ-साथ यहां पुल, गाड़ियां, स्कूल जो भी पानी के रास्ते में आया बह गया. जहां कल एक खुशहाल समेज गांव था वहां आज मलबे के ढेर में जिंदगी की तलाश हो रही है.

मंडी में मलबे से निकल रही लाशें

उधर मंडी में भी बादल फटने के बाद मलबे में जिंदगी की तलाश जारी है. यहां बुधवार रात को बादल फटने के बाद तबाही मच गई. अब तक 5 लोग लापता हैं जबकि 5 शव बरामद कर लिए गए हैं. राजबन गांव में 4 आशियाने भी सैलाब में बह गए. जो लोग इस सैलाब से बच गए वो अपने परिजनों और दोस्तों की सलामती की दुआ कर रहे हैं.

Himachal Disaster
तीसरे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी (ETV Bharat)

कुल्लू में भी राहत बचाव कार्य जारी

उधर कुल्लू में भी बादल फटने के बाद मलाणा डैम से लेकर पार्वती नदी तक का भयावह मंजर सबने देखा. स्थानीय लोग अब भी खौफ के साये में जी रहे हैं. यहां 9 लोग अब भी लापता हैं जबकि एक शव बरामद किया गया है. 31 घर पूरी तरह तबाह हो गए हैं जबकि 30 घरों को नुकसान पहुंचा है. बादल फटने के बाद 18 गौशालाएं, 4 पुल, 7 पैदल चलने वाले पुल, 10 दुकानें, 3 स्कूल, 3 मछली फार्म और 12 गाड़ियां भी सैलाब में बह गईं.

Himachal Disaster
NDRF, SDRF, आर्मी, CISF, ITBP, पुलिस, होमगार्ड, अग्निशमन दल रेस्क्यू टीम में शामिल (ETV Bharat)

रेस्क्यू ऑपरेशन में क्या दिक्कत आ रही है ?

कुल्लू से लेकर रामपुर और मंडी तक NDRF, SDRF, आर्मी, CISF, ITBP, पुलिस, होमगार्ड, अग्निशमन दल बचाव कार्य में शामिल हैं. लेकिन राहत और बचाव दल की भी अपनी परेशानियां हैं. खराब मौसम और फ्लैश फ्लड के बाद बने हालात बचाव दल की राह में रोड़ा बने हुए हैं. सड़कें और रास्तों के बहने के कारण भी मुश्किलें आ रही हैं. रामपुर के समेज में हालात सबसे ज्यादा खराब है. यहां सीएम सुक्खू से लेकर डीसी शिमला अनुपम कश्यप और एसपी संजीव गांधी ने भी मौके का जायजा लिया था.

शिमला जिला उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि "यहां करीब 85 किलोमीटर के इलाके में बचाव कार्य किया जाना है. जिसे देखते हुए प्रभावित क्षेत्र को 6 हिस्सों में बांटा गया है." प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बादल फटने के बाद आए भारी सैलाब के कारण कई लोग उसमें बह गए. जिसके बाद पानी के साथ पत्थर और मलबा भी आ गया. इस सैलाब में घर, दुकान, गाड़ियां, गौशालाएं भी बह गई जो पानी निकलने के बाद मलबे के ढेर में तब्दील हो गया. हर बीतते लम्हे के साथ उम्मीद की आस टूट रही है. ऐसे में इस मलबे के ढेर में जिंदगी तलाशना और सैलाब के साथ बहे लोगों को तलाशना रेस्क्यू दल के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है.

ये भी पढ़ें: सावधान! हिमाचल में भारी बारिश को लेकर अलर्ट, दो दिनों तक इन जिलों में जमकर बरसेंगे बदरा, 115 रोड बाधित

ये भी पढ़ें: आपदा ने दिए गहरे जख्म, किसी की पत्नी बह गई तो किसी का पूरा परिवार, बुढ़ापे में नहीं रहा कोई सहारा, अपनों को तलाश रही आंखें

ये भी पढ़ें: पैर की दर्द के कारण बह गई 7 जिंदगियां, मलबे में लापता हो गया पूरा परिवार...एक का शव बरामद

शिमला: 31 जुलाई की रात और 1 अगस्त की सुबह के बीच हिमाचल प्रदेश के कुल्लू, शिमला और मंडी जिले में बादल फटने और फ्लैश फ्लड के कारण तबाही मच गई. हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक बीते 56 घंटे में इन तीनों जिलों में कुल 6 लोगों की मौत हुई है. जबकि 47 लोग अब भी लापता हैं, तीनों ही जगह राहत और बचाव कार्य चल रहा है.

Himachal Disaster
हिमाचल आपदा में अब तक 6 की मौत (HPSDMA)

रामपुर में तबाही का मंजर

बादल फटने के बाद मची तबाही का भयावह मंजर शिमला जिले के रामपुर में दिख रहा है. जहां समेज गांव का नक्शा बदल चुका है. लग रहा है मानो पूरा गांव श्मशान में तब्दील हो चुका है. यहां अब भी 33 लोग लापता हैं. जिनकी तलाश में राहत और बचाव टीमें लगी हुई हैं लेकिन हर बीतते पल के साथ उम्मीद की किरण धुंधली होती जा रही है. यहां कई परिवार ऐसे हैं जिन्होंने अपने परिवारवालों से लेकर अपने आशियाने तक गंवा दिए हैं.

Himachal Disaster
समेज गांव में मलबे में ढूंढी जा रही जिंदगियां (ETV Bharat)

रामपुर में 25 घर पूरी तरह से तबाह हो गए हैं. जबकि 5 घरों को नुकसान पहुंचा है. जब बादल फटा तो घरों के साथ-साथ यहां पुल, गाड़ियां, स्कूल जो भी पानी के रास्ते में आया बह गया. जहां कल एक खुशहाल समेज गांव था वहां आज मलबे के ढेर में जिंदगी की तलाश हो रही है.

मंडी में मलबे से निकल रही लाशें

उधर मंडी में भी बादल फटने के बाद मलबे में जिंदगी की तलाश जारी है. यहां बुधवार रात को बादल फटने के बाद तबाही मच गई. अब तक 5 लोग लापता हैं जबकि 5 शव बरामद कर लिए गए हैं. राजबन गांव में 4 आशियाने भी सैलाब में बह गए. जो लोग इस सैलाब से बच गए वो अपने परिजनों और दोस्तों की सलामती की दुआ कर रहे हैं.

Himachal Disaster
तीसरे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी (ETV Bharat)

कुल्लू में भी राहत बचाव कार्य जारी

उधर कुल्लू में भी बादल फटने के बाद मलाणा डैम से लेकर पार्वती नदी तक का भयावह मंजर सबने देखा. स्थानीय लोग अब भी खौफ के साये में जी रहे हैं. यहां 9 लोग अब भी लापता हैं जबकि एक शव बरामद किया गया है. 31 घर पूरी तरह तबाह हो गए हैं जबकि 30 घरों को नुकसान पहुंचा है. बादल फटने के बाद 18 गौशालाएं, 4 पुल, 7 पैदल चलने वाले पुल, 10 दुकानें, 3 स्कूल, 3 मछली फार्म और 12 गाड़ियां भी सैलाब में बह गईं.

Himachal Disaster
NDRF, SDRF, आर्मी, CISF, ITBP, पुलिस, होमगार्ड, अग्निशमन दल रेस्क्यू टीम में शामिल (ETV Bharat)

रेस्क्यू ऑपरेशन में क्या दिक्कत आ रही है ?

कुल्लू से लेकर रामपुर और मंडी तक NDRF, SDRF, आर्मी, CISF, ITBP, पुलिस, होमगार्ड, अग्निशमन दल बचाव कार्य में शामिल हैं. लेकिन राहत और बचाव दल की भी अपनी परेशानियां हैं. खराब मौसम और फ्लैश फ्लड के बाद बने हालात बचाव दल की राह में रोड़ा बने हुए हैं. सड़कें और रास्तों के बहने के कारण भी मुश्किलें आ रही हैं. रामपुर के समेज में हालात सबसे ज्यादा खराब है. यहां सीएम सुक्खू से लेकर डीसी शिमला अनुपम कश्यप और एसपी संजीव गांधी ने भी मौके का जायजा लिया था.

शिमला जिला उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि "यहां करीब 85 किलोमीटर के इलाके में बचाव कार्य किया जाना है. जिसे देखते हुए प्रभावित क्षेत्र को 6 हिस्सों में बांटा गया है." प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बादल फटने के बाद आए भारी सैलाब के कारण कई लोग उसमें बह गए. जिसके बाद पानी के साथ पत्थर और मलबा भी आ गया. इस सैलाब में घर, दुकान, गाड़ियां, गौशालाएं भी बह गई जो पानी निकलने के बाद मलबे के ढेर में तब्दील हो गया. हर बीतते लम्हे के साथ उम्मीद की आस टूट रही है. ऐसे में इस मलबे के ढेर में जिंदगी तलाशना और सैलाब के साथ बहे लोगों को तलाशना रेस्क्यू दल के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है.

ये भी पढ़ें: सावधान! हिमाचल में भारी बारिश को लेकर अलर्ट, दो दिनों तक इन जिलों में जमकर बरसेंगे बदरा, 115 रोड बाधित

ये भी पढ़ें: आपदा ने दिए गहरे जख्म, किसी की पत्नी बह गई तो किसी का पूरा परिवार, बुढ़ापे में नहीं रहा कोई सहारा, अपनों को तलाश रही आंखें

ये भी पढ़ें: पैर की दर्द के कारण बह गई 7 जिंदगियां, मलबे में लापता हो गया पूरा परिवार...एक का शव बरामद

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.