जूनागढ़: गुजरात के गीर सोमनाथ जिले में अपनी एक कार्रवाई से आयकर विभाग हंसी का पात्र बन गया है. आयकर विभाग ने चाय की दुकान पर दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करने वाले कोडिनार के आसिफ शेख नाम के व्यक्ति को एक या दो बार नहीं, बल्कि तीन बार 115 करोड़ 92 लाख रुपये का नोटिस जारी किया है.
आसिफ शेख का परिवार बहुत संकट में है. अलग-अलग समय पर तीन नोटिस मिलने के बाद आसिफ शेख ने बैंक और पुलिस से मदद मांगी है ताकि उन्हें दिए गए नोटिस का निपटारा किया जा सके.
कोडिनार कस्बे में एक मजदूर को 115 करोड़ रुपये से अधिक का नोटिस मिलने की खबर जंगल में आग की तरह फैल गई है. हालांकि, दूसरी ओर कुछ लोग यह भी तर्क दे रहे हैं कि इस घटना में विभाग का नहीं, बल्कि किसी और के दस्तावेजों का दुरुपयोग किया गया है.

आसिफ शेख पिछले 20 वर्षों से कोडिनार कस्बे में एक चाय की दुकान में दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम कर रहे हैं. वह इस तरह के छोटे-मोटे काम करके आठ से दस हजार रुपये महीना कमा रहे हैं. हालांकि, उन्हें कोई छोटा-मोटा नहीं बल्कि 115 करोड़ 92 लाख रुपये का आयकर नोटिस दिया गया.
जब नोटिस आसिफ शेख को मिला तो उनके बैंक खाते में 1,000 रुपये से भी कम जमा थी. 115 करोड़ का नोटिस मिलने के बाद आसिफ शेख ने पूरे मामले की सूचना अपने बैंक और स्थानीय पुलिस स्टेशन को दी और उन्हें आयकर विभाग से मिले नोटिस के बारे में बताया. आसिफ शेख ने बैंक अधिकारियों और पुलिस की मदद मांगी है.
मैं अशिक्षित मजदूर हूं...
आसिफ शेख ने कोडिनार के पुलिस निरीक्षक को एक अनुरोध पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है, साहब मैं अशिक्षित हैं. कोडिनार कस्बे में मेरे पास कोई अचल या चल संपत्ति नहीं है और न ही मेरे पास कोई बड़ा बैंक बैलेंस है, लेकिन आने वाले दिनों में पूरा मामला जांच का विषय बन सकता है, क्योंकि आयकर विभाग ने इतनी बड़ी रकम के लिए नोटिस जारी किया है. आयकर विभाग आमतौर पर नोटिस जारी करने से पहले किसी व्यक्ति के वित्तीय लेनदेन की बहुत गंभीरता से जांच करता है."
अब जब पूरा मामला आयकर विभाग के सामने आएगा तो यह तो पता चलेगा कि आसिफ शेख को जो नोटिस दिया गया वह गलती से दिया गया था या इसके पीछे कोई कारण है.
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