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गुजरात हाईकोर्ट से आसाराम बापू को मिली 3 महीने की अंतरिम जमानत - ASARAM BAPU

सूरत रेप मामले में मेडिकल आधार पर आसाराम बापू की अंतरिम जमानत 30 जून तक बढ़ा दी है.

asaram bapu
आसाराम बापू (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : March 28, 2025 at 9:50 PM IST

2 Min Read

अहमदाबाद: सूरत रेप मामले में शुक्रवार को गुजरात हाईकोर्ट ने आसाराम बापू पर अहम फैसला सुनाया. हाईकोर्ट ने आसाराम को मेडिकल आधार पर तीन महीने यानी 30 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी. इससे आसाराम को बड़ी राहत मिली है. हालांकि आसाराम ने छह महीने की स्थाई जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी दी थी.

बता दें कि अंतरिम जमानत की अवधि 31 मार्च को खत्म हो रही थी. इससे पहले आसाराम ने मेडिकल आधार पर छह महीने की जमानत दिए जाने की मांग की थी. इस मामले पर गुजरात हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट के आदेश के बाद अब आसाराम जून महीने तक जेल से बाहर रहेंगे. इस मामले की सुनवाई के लिए हाई कोर्ट में दो जजों की बेंच बनाई गई थी, जिसमें दोनों जजों की अलग-अलग राय थी. सुनवाई के दौरान जज इलेश वोरा तीन महीने के लिए जमानत देने के पक्ष में थे, जबकि जज संदीप भट्ट इसके खिलाफ थे.

गौरतलब है कि आसाराम अपने ही गुरुकुल की छात्रा से रेप के मामले में आखिरी सांस तक जेल में रहने की सजा काट रहे हैं. उन्हें सिर्फ मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत दी गई है. सूरत की एक महिला ने आसाराम पर रेप की शिकायत दर्ज कराई थी. इसमें पीड़िता ने कहा था कि 1997 से 2006 तक आसाराम ने उनका शोषण किया. आसाराम के खिलाफ 2013 में शिकायत दर्ज की गई थी. शिकायत गांधीनगर स्थानांतरित होने के बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. वहीं इस मामले में आसाराम को 2020 में दोषी ठहराया गया था.

ये भी पढ़ें- जस्टिस यशवंत वर्मा के ट्रांसफर को केंद्र की मिली मंजूरी, जाएंगे इलाहाबाद हाईकोर्ट

अहमदाबाद: सूरत रेप मामले में शुक्रवार को गुजरात हाईकोर्ट ने आसाराम बापू पर अहम फैसला सुनाया. हाईकोर्ट ने आसाराम को मेडिकल आधार पर तीन महीने यानी 30 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी. इससे आसाराम को बड़ी राहत मिली है. हालांकि आसाराम ने छह महीने की स्थाई जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी दी थी.

बता दें कि अंतरिम जमानत की अवधि 31 मार्च को खत्म हो रही थी. इससे पहले आसाराम ने मेडिकल आधार पर छह महीने की जमानत दिए जाने की मांग की थी. इस मामले पर गुजरात हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट के आदेश के बाद अब आसाराम जून महीने तक जेल से बाहर रहेंगे. इस मामले की सुनवाई के लिए हाई कोर्ट में दो जजों की बेंच बनाई गई थी, जिसमें दोनों जजों की अलग-अलग राय थी. सुनवाई के दौरान जज इलेश वोरा तीन महीने के लिए जमानत देने के पक्ष में थे, जबकि जज संदीप भट्ट इसके खिलाफ थे.

गौरतलब है कि आसाराम अपने ही गुरुकुल की छात्रा से रेप के मामले में आखिरी सांस तक जेल में रहने की सजा काट रहे हैं. उन्हें सिर्फ मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत दी गई है. सूरत की एक महिला ने आसाराम पर रेप की शिकायत दर्ज कराई थी. इसमें पीड़िता ने कहा था कि 1997 से 2006 तक आसाराम ने उनका शोषण किया. आसाराम के खिलाफ 2013 में शिकायत दर्ज की गई थी. शिकायत गांधीनगर स्थानांतरित होने के बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. वहीं इस मामले में आसाराम को 2020 में दोषी ठहराया गया था.

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