नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनावों में मिली करारी शिकस्त के बाद अब कांग्रेस पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनावों को लेकर अभी से तैयारी में जुट गई है. इस बार कांग्रेस राज्य में अकेले चुनाव लड़ने की योजना बना रही है.
वहीं, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पश्चिम बंगाल कांग्रेस के नेताओं के साथ हुई बैठक में साफ संदेश देते हुए टीएमसी शासित राज्य में 2026 के चुनावों से पहले सभी 294 विधानसभा सीटों पर अपनी मजबूत पकड़ बनाने को कहा है. उन्होंने पार्टी के नेताओं से लोगों के बीच जाकर मिलने को कहा है.
कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों ने 2021 का विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था, लेकिन 294 सदस्यीय सदन में एक भी सीट नहीं जीत सके. 2024 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस राज्य की 42 संसदीय सीटों में से केवल एक सीट ही जीत सकी। हालांकि, आने वाले चुनाव में कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ने की योजना बना रही है.
2024 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस राज्य की 42 संसदीय सीटों में से केवल एक ही जीत सकी. राहुल गांधी ने बुधवार को राज्य के सीनियर नेताओं के साथ अगले साल होने वाले चुनावों के लिए पार्टी की रणनीति की समीक्षा की. राहुल ने राज्य के नेताओं से कहा कि कांग्रेस के पास राज्य में आगे बढ़ने का अवसर है, लेकिन पहले उसे अपना आधार मजबूत करना होगा.
पश्चिम बंगाल के प्रभारी एआईसीसी सचिव असफ अली खान ने ईटीवी भारत से कहा, "राहुल गांधी ने हमें लोगों के पास जाने, उनके मुद्दों को उठाने और जमीन पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने को कहा. तभी लोग हमारे पास वापस आएंगे. पार्टी के लिए विस्तार का अवसर है, लेकिन हमें आने वाले दिनों में बहुत काम करना है."
देश भर में स्थानीय इकाइयों को सशक्त बनाने पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने के बीच, पूर्व पार्टी अध्यक्ष ने राज्य के नेताओं से 8 और 9 अप्रैल को अहमदाबाद में होने वाले एआईसीसी सत्र से पहले संगठनात्मक नियुक्तियों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा. खान ने कहा कि, जिला इकाई प्रमुखों के 23 पद जल्द ही भरे जाएंगे, उन्होंने कहा कि अन्य पार्टी इकाइयों और प्रकोष्ठों पर भी काम चल रहा है.
कांग्रेस ने हाल ही में वरिष्ठ नेता शुभंकर सरकार को नए राज्य इकाई प्रमुख के रूप में नामित किया, जो संगठनात्मक कार्यों के साथ-साथ सार्वजनिक मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन में व्यस्त हैं. लोकसभा सांसद ने एआईसीसी सत्र के बाद राज्य में पैदल मार्च करने पर भी सहमति व्यक्त की क्योंकि समीक्षा बैठक के दौरान राज्य के अधिकांश नेताओं ने उनसे ऐसा करने का आग्रह किया था. खान ने कहा, "राहुल ने मीटिंग में कहा कि जब भी जरूरत होगी वे राज्य का दौरा करने के लिए तैयार हैं, लेकिन इससे पहले यह महत्वपूर्ण है कि कांग्रेस कार्यकर्ता जमीन पर दिखें."
एआईसीसी पदाधिकारी ने कहा कि राज्य के कई क्षेत्र राज्य सरकार द्वारा उपेक्षित महसूस कर रहे हैं और आने वाले दिनों में पार्टी योजनाबद्ध तरीके से उन तक पहुंचेगी. खान ने कहा, "राज्य में ममता बनर्जी की सरकार ने लगभग 15 साल पूरे कर लिए हैं, लेकिन इसका लाभ समाज के सभी वर्गों तक नहीं पहुंचा है. कांग्रेस को उनके हितों का प्रतिनिधित्व करना होगा." राज्य इकाई के प्रमुख सरकार ने सत्तारूढ़ टीएमसी और मुख्य विपक्षी भाजपा दोनों पर निशाना साधते हुए कहा कि, दोनों ने पिछले वर्षों में मतदाताओं के ध्रुवीकरण से लाभ उठाया है.
सरकार ने ईटीवी भारत से कहा, "टीएमसी और भाजपा के फिक्स मैच के कारण लोग पीड़ित हैं, जो हमेशा हिंदू-मुस्लिम फैक्टर की बात करते हैं. कांग्रेस एक ऐसा विजन रखती है जो समाज के सभी वर्गों के लिए है. बैठक के दौरान नेताओं ने हाईकमान के सामने अपने विचार रखे, जिन्होंने दो घंटे से अधिक समय तक उनकी बातें सुनीं. आने वाले दिनों में हम राज्य सरकार की कमियों को उजागर करने के लिए सड़कों पर उतरेंगे, जिसका असर आम आदमी पर पड़ता है."
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