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अच्छी खबर हैः 4 बेटियों के पिता 56 वर्षीय गंगा उरांव ने मैट्रिक परीक्षा पास की, डीएसई ऑफिस में हैं चपरासी - GANGA ORAON PASSED MATRICULATION

खूंटी से एक बेहद ही प्रेरणादायी खबर है. 56 साल के एक शख्स ने मैट्रिक परीक्षा दी और पास हुए हैं.

Ganga Oraon of Khunti passed the matriculation examination at the age of 56
परिवार के साथ गंगा उरांव (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : May 28, 2025 at 12:17 AM IST

3 Min Read

खूंटीः किसी ने ठीक ही कहा है पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती है. गंगा उरांव ने इसे चरितात्र कर दिखाया है. 56 वर्ष की उम्र में मैट्रिक परीक्षा पास किया है. गंगा उरांव खूंटी सदर प्रखंड के कालामाटी गांव निवासी हैं. वो डीएसई कार्यालय में दैनिक वेतन पर चपरासी के पद पर कार्यारत हैं. उन्होंने बिरसा उच्च विद्यालय चलागी खूंटी से परीक्षा दी थी. 47.2 प्रतिशत अंक लाकर वो मैट्रिक की परीक्षा में उतीर्ण हुए हैं.

परीक्षा पास करने वाले गंगा उरांव ने मीडिया से की बातचीत (ETV BHARAT)

गंगा उरांव ने बताया कि गरीबी की वजह से वह मैट्रिक परीक्षा नहीं दे पाए थे. जब वे नौवीं क्लास में थे तब उनके परिवार की माली हालत उतनी अच्छी नही थी, जिसके कारण दसवीं बोर्ड के रजिस्टृेशन के लिए महज 40 रूपये नही भर पाने के कारण परीक्षा से वंचित रह गए थे.

गंगा उरांव ने बताया कि वे डीएसई कार्यालय में 16 साल से दैनिक वेतनभोगी के रूप में चपरासी के पद पर काम कर रहे हैं. इसके एवज में उन्हे करीब नौ हजार रूपये मिलते हैं वे अपनी नौकरी स्थायी हो इसके लिए लगातार कई सालों से गुजारिश करते आ रहे हैं. लेकिन अधिकारी मैट्रिक पास नहीं होने का हवाला दे उनकी मांगों को हमेशा टाल दिया करते थे.

Ganga Oraon of Khunti passed the matriculation examination at the age of 56
मिठाई खिलाते परिजन (ईटीवी भारत)

इसी के बाद उन्हेंने मैट्रिक पास होने के लिए प्रयास शुरू कर दिए. अंतत: उन्हे सफलता मिल गयी. अब उन्हें उम्मीद है कि उनकी नौकरी स्थायी हो जाएगी. गंगा उरांव के घर में बुढ़ी मां 80 वर्षीय हीरामनी देवी एवं पत्नी चारी उरांव हैं. उनकी चार बेटियां हैं और चारों की शादी भी कर दी है. उनके मैट्रिक पास होने की खबर से उसका पूरा परिवार खुश है.

Ganga Oraon of Khunti passed the matriculation examination at the age of 56
मिठाई खिलाते परिजन (ईटीवी भारत)

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए गंगा उरांव नेवअपनी परेशानियों को साझा किया और बताया कि मैट्रिक पास करना कितना जरूरी था. गंगा के मैट्रिक पास होने की खुशी सिर्फ उन्हें नहीं बल्कि उसके पूरे परिवार को है. बूढ़ी मां जो ठीक से चल भी नहीं पाती और न ही बोल पाती हैं लेकिन अपने बेटे के पास होने की खुशी इतना ज्यादा कि वो बयां नहीं कर पाई.

Ganga Oraon passed matriculation
गंगा उरांव (ईटीवी भारत)

उनकी बेटियां भी पिता के मैट्रिक पास होने से खासा उत्साहित हैं. गंगा उरांव के मैट्रिक पास होने को लेकर डीईओ अपरूपा पाल चौधरी ने उन्हें बधाई दी और बताया कि पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती. खूंटी जैसे जिले में जहां ड्रॉप आउट के मामले अधिक हैं, ऐसे में जिले का एक दैनिक कर्मी नेनमैट्रिक पास कर जिले के गौरवान्वित किया है. उन्होंने बताया कि गंगा उरांव को मैट्रिक पास होने पर शिक्षा विभाग सम्मानित करेगा, साथ ही उनके आगे की पढ़ाई को लेकर मदद भी करेगा.

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परीक्षा पास करने वाले गंगा उरांव ने मीडिया से की बातचीत (ETV BHARAT)

गंगा उरांव ने बताया कि गरीबी की वजह से वह मैट्रिक परीक्षा नहीं दे पाए थे. जब वे नौवीं क्लास में थे तब उनके परिवार की माली हालत उतनी अच्छी नही थी, जिसके कारण दसवीं बोर्ड के रजिस्टृेशन के लिए महज 40 रूपये नही भर पाने के कारण परीक्षा से वंचित रह गए थे.

गंगा उरांव ने बताया कि वे डीएसई कार्यालय में 16 साल से दैनिक वेतनभोगी के रूप में चपरासी के पद पर काम कर रहे हैं. इसके एवज में उन्हे करीब नौ हजार रूपये मिलते हैं वे अपनी नौकरी स्थायी हो इसके लिए लगातार कई सालों से गुजारिश करते आ रहे हैं. लेकिन अधिकारी मैट्रिक पास नहीं होने का हवाला दे उनकी मांगों को हमेशा टाल दिया करते थे.

Ganga Oraon of Khunti passed the matriculation examination at the age of 56
मिठाई खिलाते परिजन (ईटीवी भारत)

इसी के बाद उन्हेंने मैट्रिक पास होने के लिए प्रयास शुरू कर दिए. अंतत: उन्हे सफलता मिल गयी. अब उन्हें उम्मीद है कि उनकी नौकरी स्थायी हो जाएगी. गंगा उरांव के घर में बुढ़ी मां 80 वर्षीय हीरामनी देवी एवं पत्नी चारी उरांव हैं. उनकी चार बेटियां हैं और चारों की शादी भी कर दी है. उनके मैट्रिक पास होने की खबर से उसका पूरा परिवार खुश है.

Ganga Oraon of Khunti passed the matriculation examination at the age of 56
मिठाई खिलाते परिजन (ईटीवी भारत)

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए गंगा उरांव नेवअपनी परेशानियों को साझा किया और बताया कि मैट्रिक पास करना कितना जरूरी था. गंगा के मैट्रिक पास होने की खुशी सिर्फ उन्हें नहीं बल्कि उसके पूरे परिवार को है. बूढ़ी मां जो ठीक से चल भी नहीं पाती और न ही बोल पाती हैं लेकिन अपने बेटे के पास होने की खुशी इतना ज्यादा कि वो बयां नहीं कर पाई.

Ganga Oraon passed matriculation
गंगा उरांव (ईटीवी भारत)

उनकी बेटियां भी पिता के मैट्रिक पास होने से खासा उत्साहित हैं. गंगा उरांव के मैट्रिक पास होने को लेकर डीईओ अपरूपा पाल चौधरी ने उन्हें बधाई दी और बताया कि पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती. खूंटी जैसे जिले में जहां ड्रॉप आउट के मामले अधिक हैं, ऐसे में जिले का एक दैनिक कर्मी नेनमैट्रिक पास कर जिले के गौरवान्वित किया है. उन्होंने बताया कि गंगा उरांव को मैट्रिक पास होने पर शिक्षा विभाग सम्मानित करेगा, साथ ही उनके आगे की पढ़ाई को लेकर मदद भी करेगा.

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